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जब समय हो कम, तो कुछ इस तरह घूमे ताज-नगरी आगरा

किसी जमाने में मुगलों की राजधानी रह चुका आगरा, आज उत्तर प्रदेश के प्रमुख स्थलों में शुमार है। जहां पर्यटक सिर्फ ताजमहल ही नहीं, बल्कि कई मुगल साम्राज्य की खूबसूरत इमारतों को निहार सकते हैं।

By Goldi

कहते हैं कि, आपने आगरा में रहकर अगर आगरा नहीं देखा तो जनाब कुछ नहीं देखा, जी दुनिया के सात अजूबों में से ताजमहल उत्तर प्रदेश के मंडल आगरा में स्थित है। जिसे देखने दूर देशी विदेश से लोग बस खिंचे चले आते हैं। सालों से खड़ी यह खूबसूरत आज भी पर्यटकों को अपनी अद्भुत वस्तुक्ला से पर्यटकों को अपना दीवाना बना लेती है।

किसी जमाने में मुगलों की राजधानी रह चुका आगरा, आज उत्तर प्रदेश के प्रमुख स्थलों में शुमार है। जहां पर्यटक सिर्फ ताजमहल ही नहीं, बल्कि कई मुगल साम्राज्य की खूबसूरत इमारतों को निहार सकते हैं।

इसी क्रम में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि, आखिर एक दिन में आगरा की सैर कैसे की जाये? तो हो जाइये तैयार

ताजमहल

ताजमहल

आगरा यात्राआगरा यात्रा

नया नियम- नये नियम के मुताबिक अब पर्यटक ताजमहल में सिर्फ एक टिकट पर तीन घंटे ही बिता सकेंगे।

कितनी देर में घूमे- 2 घंटे में
टिकट- 40 रूपये
समय- सुबह 6 बजे से, शाम 6:30 बजे तक
बंद- शुक्रवारPc:Swapnil.Karambelkar

ताज संग्रहालय

ताज संग्रहालय

1982 में निर्मित यह संग्राहालय ताज महल परिसर में मुख्य द्वार की बाईं ओर जल महल में स्थित है। इस संग्रहालय में एक मुख्य हॉल के साथ दो फ्लोर और तीन गैलरी है। संग्रहालय में 120 तरह की प्रदर्शनी लगाई है, जिसमें मुख्य रूप से पांडुलिपियों, लघुचित्र, शाही आदेश, शस्त्र, रसोई के बर्तन, सजावटी नग और मुगलकाल में आगरा में सिक्कों के टकसाल की अनुकृति को प्रदर्शित किया गया है।

कितनी देरी में घूमे-30 मिनट
समय- सुबह 10 बजे से, शाम 5बजे तक
बंद- शुक्रवारPc:Sanjeev284

आगरा किला

आगरा किला

ताजमहल से तीन किमी की दूरी पर स्थित आगरा किला, आगरा के महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों में शामिल है। दिल्ली से लाल किले से मेल खाते इस किले को आगरा का लाल किला कहा जाता है। आगरे का किला मुगल स्थापत्य का शानदार उदाहरण है। ये किला शुरुआत में ईंटों से बना था, जिसे राजपूतों ने बनवाया था। बाद में अकबर ने इस किले को नए सिरे से बनवाया और अपनी राजधानी यहीं बसाई। आगरा के किले में तमाम दर्शनीय भवन है। यहां हर शाम लाइट शो का आयोजन भी होता है।

कितनी देरी में घूमे-1 घंटा
समय- सुबह 6बजे से शाम 6 बजे तक
टिकट- 20 रूपयेPc:Sanyam Bahga

बुलंद दरवाजा

बुलंद दरवाजा

आगरा किले से फतेहपुर सिकरी करीबन 39किमी की दूरी पर स्थित है, जिसे कैब या बस से एक घंटे में पूरा किया जा सकता है। पर्यटक यहां बुलंद दरवाजा देख सकते हैं, यह पूरे विश्व का सबसे ऊंचा प्रवेश द्वार है और मुग़ल वास्तुकला का एक अच्छा उदाहरण है। ये अकबर के साम्राज्य को दर्शाता है। बुलंद दरवाज़े का निर्माण लाल और बदामी रंग के बलुआ पत्थर से किया गया है, जिनकी सफ़ेद और काले संगमरमर से सजाया गया है। ये दरवाज़ा मस्जिद के आँगन से ऊंचा है। 1601 में गुजरात पर अकबर की जीत को बुलंद दरवाज़े पर उकेरा गया है।

कितनी देरी में घूमे- 15 मिनट
समय- सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक
टिकट- 20 रूपये
बंद- शुक्रवारPc:Aninditarinki

जामा मस्जिद (फतेहपुर सिकरी के अंदर )

जामा मस्जिद (फतेहपुर सिकरी के अंदर )

यह जामा मस्जिद भारत की सबसे बड़ी मस्जिदों में से एक है, जिसे 1 9 86 में यूनेस्को द्वारा इस मस्जिद को विश्व विरासत स्थल के रूप में मान्यता दी गई थी। मुगल बादशाह अकबर द्वारा निर्मित जामा मस्जिद का निर्माण 1571-72 ईस्वी में हुआ था। इसे शुक्रवार की मस्जिद भी कहा जाता है। यह सामूहिक मस्जिद है और संभवतः जटिल इमारतों में निर्माण की जाने वाली पहली इमारतों में से एक थी। यह सूफी संत, शेख सलीम चिश्ती और उनके वंश की देखरेख में बनाया गया था।

कितनी देरी में घूमे- 30मिनट
समय- सुबह 6बजे से शाम 6 बजे तक
टिकट-फ्री
बंद- शुक्रवारPc:Guilhem Vellut

जोधा बाई महल

जोधा बाई महल

इस महल में अकबर की हिंदू रानियों का निवास था। इस में हिंदुओं के स्तंभकार और मुसलिमों के गुंबजाकार शिल्पकला का सुंदर संयोजन देखते ही बनता है। यह महल अंदर से दोमंजिला है।

कितनी देरी में घूमे-
15 मिनट
समय- सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक
टिकट- फ्री
बंद- शुक्रवार

पंच-महल

पंच-महल

पंच महल एक विस्तृत और स्तंभयुक्त पाँच मंजि़ला इमारत है जो राजा अकबर ने खुशी के रूप में बवनाया था। वे इसका उपयोग आराम करने ओर मनोरंजन के लिए किया करते थे। स महल की खूबी यह है कि इस में कुल 176 खंभे हैं जिन के सहारे यह इमारत खड़ी है। प्रत्येक खंभे पर अलगअलग कलाकृति को दर्शाती पच्चीकारी देखने को मिलती है।

कितनी देरी में घूमे- 15 मिनट
समय- सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक
टिकट- फ्री
बंद- शुक्रवारPc: flicker

दीवान-ए-आम

दीवान-ए-आम

यह लाल पत्थर से बना एक विशाल अहाता है जहां बैठ कर अकबर जनता की परेशानियां, शिकायतें और झगड़े सुन कर उन की फरियाद पर न्याय करता था।

कितनी देरी में घूमे- 15 मिनट
समय- सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक
टिकट- फ्री
बंद- शुक्रवारPc:Suraj Shah

दीवान-ए-खास

दीवान-ए-खास

यहां पर मुगल सम्राट अकबर अकसर अपने नवरत्नों से मंत्रणा किया करता था।यह इमारत बाहर से देखने में एक- मंजिला प्रतीत होती है मगर अंदर से दोमंजिला है। इस महल के बीचोंबीच एक नक्काशीदार खंभा है जिसे देख कर सैलानी अचंभित रह जाते हैं पर इस का राज उन्हें तब पता चलता है जब वे ऊपर की मंजिल पर जाते हैं।

कितनी देरी में घूमे-15 मिनट
समय- सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक
बंद- शुक्रवार Pc: Dey.sandip

<strong></strong>इस वीकेंड घूमे दिल्ली स्थित मुगलकाल की धरोहर कोइस वीकेंड घूमे दिल्ली स्थित मुगलकाल की धरोहर को

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