नाक में मोटी नथ, बालों में चिड़ियों के पंख, बदन पर ट्राइबल टैटू, क्या ऐसा भी है इंडिया
वहीं लिया जा सकता है, जहां आप अपने परिवार के साथ" loading="lazy" width="100" height="56" />छुट्टियों का असली आनन्द वहीं लिया जा सकता है, जहां आप अपने परिवार के साथ
इसीलिए इन गर्मियों की छुट्टी में अपनी लिस्ट में ऐसे स्थानों को शामिल करें जहां लोग कम जाते हों। आप इन जगहों पर आयोजित होने वाली गतिविधियों जैसे ट्रैकिंग, माउंटेन क्लाइम्बिंग, पैरा ग्लाइडिंग, हाइकिंग से अपनी आत्मा को भी आप ख़ुशी का एक अनोखा एहसास दिला सकते हैं।
टिहरी बाँध
टिहरी बाँध टेहरी विकास परियोजना का एक प्राथमिक बाँध है जो उत्तराखण्ड राज्य के टिहरी में स्थित है। यह बाँध गंगा नदी की प्रमुख सहयोगी नदी भागीरथी पर बनाया गया है। टिहरी बाँध की ऊँचाई 261 मीटर है जो इसे विश्व का पाँचवा सबसे ऊँचा बाँध बनाती है। इस बाँध से 2400 मेगा वाट विद्युत उत्पादन, 270,000 हेक्टर क्षेत्र की सिंचाई और प्रतिदिन 102.20 करोड़ लीटर पेयजल दिल्ली, उत्तर प्रदेश एवँ उत्तराखण्ड को उपलब्ध कराना प्रस्तावित है।PC:Arvind Iyer
बद्रीनाथ
बद्रीनाथ भारत के उत्तरी भाग में स्थित एक स्थान है जो हिन्दुओं का प्रसिद्ध तीर्थ है। यह उत्तराखण्ड के चमोली जिले में स्थित एक नगर पंचायत है। यहाँ बद्रीरीनाथ मन्दिर है जो हिन्दुओं के चार प्रसिद्ध धामों में से एक है।
PC: Prasadv
कितनी दूर
टिहरी से बद्रीनाथ धाम की दूरी करीबन 248 किमी है...इसे कार द्वारा चार घंटे में पूरा किया जा सकता है।
क्यों जाएँ- बद्रीनाथ चार धाम यात्रा में से एक पवित्र स्थल है...बद्रीनारायण के नाम से जाना जाने वाला विशाल आस्थाओं से सराबोर बद्रीनाथ मंदिर मोक्ष प्राप्ति का मुख्य द्वार है।
PC: Guptaele
चंबा
उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल जिले में चंबा, एक खुबसूरत पर्यटन स्थल है, जिसकी उचाई समुद्री तट से लगभग 1524 मीटर की है। यह जगह अपने प्राकृतिक परिवेश और प्रदूषण रहित खूबसूरती क लिए पर्यटकों के बीच लोकप्रिय है। देवदार और चीड़ के पेड़ों से घिरा हुआ, चंबा का अन्नवेषित इलाका प्रकृति प्रेमियों के लिए एक सपनों की दुनिया के सामान है।
PC:Varun Shiv Kapur
कितनी दूर:
मसूरी से चम्बा करीब 60 किलोमीटर और नरेन्द्र नगर से करीब 48 किलोमीटर दूर है।
क्यों जाएं: चम्बा अपने मीठे सेब के बागानों के लिए भी मशहूर है.। अगर आप सीजन में यहां आएं तो रसीले सेब का मजा लेना न भूलें। यहां से बर्फ से ढके हिमालय और भगीरथी घाटी का नजारे का भी आनंद उठाया जा सकता है।PC:Voobie
देवप्रयाग
समुद्री तट से 2723 मीटर की ऊँचाई पर स्थित देवप्रयाग, गृद्धाचल पहाड़ी पर बसा हुआ उत्तराखण्ड के टिहरी गढवाल जिले का प्रमुख धार्मिक स्थान है। "अलकनंदा" और "भागीरथी" नदियों के संगम पर स्थित, इस शहर को संस्कृत में "पवित्र संगम" के नाम से संबोधित किया गया है। 7 वीं सदी में देवप्रयाग ब्रह्मपुरी, ब्रह्म तीर्थ और श्रीखण्ड नगर जैसे कई अलग अलग नामों से जाना जाता था। "उत्तराखण्ड के रत्न" के रूप में जाना जाता यह शहर प्रसिद्ध हिंदू संत देव शर्मा के नाम पर अंकित है।
PC: Debabrata Ghosh
कितनी दूर
देहरादून से देवप्रयाग की दूरी करीब 112 किलोमीटर और जिला मुख्यालय टिहरी से करीब 82 किमी है।
क्यों जाएं: देवप्रयाग का बहुत ज्यादा धार्मिक महत्व है। यह जगह गिद्ध वंश के जटायु की तपोभूमि के रूप में भी जानी जाती है। यहां अलकनंदा और भागीरथी नदी का संगम होता है और यहीं से इस नदी को एक नया नाम मिलता है- गंगा।PC: Subhradip1039
धनौल्टी
उत्तराखंड के गढ़वाल जिले में समुद्र तल से 2286 मीटर की उंचाई पर धनौल्टी नाम का एक बेहद सुन्दर हिल स्टेशन है। अपने शांत और सुरम्य वातावरण के लिए जानी जाने वाली यह जगह, चंबा से मसूरी के रास्ते में पड़ती है। यह जगह पर्यटकों के बीच इसलिए भी मशहूर है क्योंकि यह मसूरी से काफी पास है। यहाँ से पर्यटक दून वैली के सुन्दर नज़ारे का मज़ा उठा सकते हैं।PC: Royalvarun266
कितनी दूर
चम्बा से धनोल्टी की दूरी करीब 25 किलोमीटर है।
क्यों जाएं: यह इलाका बांज, देवदार और सदाबहार पौधों से घिरा हुआ है।शहर की दौड़ती-भागती जिंदगी से से सुकून पाने के लिए यहां आने वाले पर्यटकों की कमी नहीं है।धनोल्टी आपके लिए बेहद सुकून भरा साबित हो सकता है।छुट्टियां बिताने और पिकनिक के लिए यह उत्तम जगह है।PC:Arup1981
बूढ़ा केदार मंदिर
टिहरी जिले का बूढ़ा केदार मंदिर बहुत प्रसिद्ध है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक कौरवों के सबसे बड़े भाई दुर्योधन ने इसी जगह पर तर्पण किया था। एक कथा के अनुसार, भृगु पर्वत पर पंडावों और ऋषि बालखिली के बीच युद्ध हुआ था।PC:Punita keshri
कितनी दूर
टिहरी से इस जगह की दूरी 59 किलोमीटर है।
क्यों जाएं: यहां बाल गंगा और धर्म गंगा नदियों का संगम है।
उत्तरकाशी
उत्तरकाशी समुद्र तल से 1158 मीटर की ऊंचाई पर स्थित उत्तरकाशी एक खूबसूरत जिला है।उत्तराखंड के इस जिले का गठन 24 फरवरी, 1960 को हुआ। इसके उत्तर में हिमाचल प्रदेश और तिब्बत है,जबकि पूर्व में चमोली जिला है। हिंदुओं के लिए यह स्थान बड़ा धार्मिक महत्व रखता है तथा इसे ‘उत्तर का काशी' एवं 'मंदिरों के नगर' के रूप में भी जाना जाता है।
PC: Prakhartodaria
कितनी दूर
उत्तर काशी से टिहरी की दूरी 117 किमी है और ऋषिकेश से इसकी दूरी मात्र 145किलोमीटर है।
क्यों जायें: यह स्थान लोकप्रिय धार्मिक स्थलों, गंगोत्री और यमुनोत्री के निकट स्थित है। इस क्षेत्र में खास तौर पर उत्तरकूरू खासों,कीरत,कुनिनडस टंगाना और प्रांटगन जनजातियां रहती हैं।
PC: Atudu
सेम मुखेम
समुद्र तल से 2903 मीटर की ऊंचाई पर स्थित सेम मुखेम को देखकर आप कुदरत की दाद दिए बिना नहीं रह पाएंगे।
कितनी दूर
मुखेम गांव से इस मंदिर की दूरी दो किलोमीटर है।
क्यों जाएं: यहां नागराज का मंदिर है। यह मंदिर पर्वत के सबसे ऊपरी भाग में स्थित है. पौराणिक मान्यतओं के अनुसार इस स्थान को पाण्डवों द्वारा बसाया गया माना जाता है।
नागटिब्बा
नाग टिब्बा समुद्र तल से करीब 3040 मीटर की ऊंचाई पर बसा हुआ खूबसूरत पर्यटन स्थल है। यहां से आप हिमालय की खूबसूरत वादियों का नजारा ले सकते हैं। यही नहीं, यहां से दून घाटी की खूबसूरती को भी निहारा जा सकता है।ट्रेकिंग के दीवानों के लिए यह स्थान स्वर्ग से कम नहीं है।
PC:Paul Hamilton
कितनी दूर
टिहरी जिला मुख्यालय से करीब 85 किलोमीटर और देहरादून से करीब 73 किलोमीटर दूर है नागटिब्बा।
क्यों जाएं: यहां की खूबसूरती हर साल हजारों लोगों को आकर्षित करती है।यह स्थान अधिक ऊंचाई पर है, इसलिए यहां पर रात में रुकने की सुविधा नहीं है। ट्रैकर्स 10 किलोमीटर दूर स्थित पंतवारी में कैम्प में रह सकते हैं।PC: Paul Hamilton
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