अगर आपको घूमने का शौक है तो आपने इब्न बतूता का नाम तो सुना ही होगा। उन्हें दुनिया के सबसे महान यात्री के रूप में जाना जाता है। 21 की उम्र में उन्होंने अपनी पहली यात्रा 14वीं शताब्दी में अपने गृह नगर तंगियार से मक्का के लिए की थी। इसके बाद उन्होंने पूरी दुनिया की यात्रा की और विभिन्न सभ्यताओं और जीवनशैली के बारे में जाना। जी हां, वो भारत की यात्रा पर भी आए थे। हरियाणा के अबोहर से लेकर केरल के कोल्लम तक और उत्तर प्रदेश के कन्नौज तक वो कई गांवों, शहरों और जिलों की यात्रा कर चुके हैं और उन्होंने भारत की प्रसिद्ध संस्कृति और परंपरा को भी करीब से जाना। तो चलिए आज हम आपको दक्षिण भारत की उन जगहों के बारे में बताते जहां पर उन्होंने यात्रा की थी। इन सब जगहों का उल्लेख उनकी लिखी गई किताबों में भी किया गया है। तो चलिए जानते हैं उन जगहों के बारे में...
होन्नावर
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कर्नाटक के कन्नड जिले में स्थित उत्तरा का होन्नावर एक ऐतिहासिक बंदरगाह शहर है। सामान्य युग के बाद ये अस्तित्व में आया था। रिकॉर्ड के अनुसार इब्न बतूता ने अपनी यात्रा होन्नावर से ही शुरु की थी। इस जगह का सौंदर्य देखकर वो बहुत खुश हुए थे। यहां पानी के जलाशयों से लेकर हरे-भरे घने जंगल भी हैं। आज ये कर्मिशियल बंदरगाह शहर में तब्दील हसे चुका है लेकिन फिर भी आप यहां के प्राकृतिक सौंदर्य को अपनी आंखों में समेट सकते हैं।
कन्नौर
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केरल के इस छोटे से शहर से इब्न बतूता भी खुद को दूर नहीं रख पाए थे। आज ये इस राज्य के सबसे प्रमुख शहरी केंद्रों में से एक है। गर्मी के मौसम में स्थानीय लोग और पर्यटक यहां घूमने आते हैं। कन्नौर, पश्चिमी घाट में स्थित है और यहां पर कई झरने, झीलें, जंगल और हरी वनस्पति देख सकते हैं। यहां पर हज़ारों लोग बीच देखने और पिकनिक मनाने भी आते हैं। इसके अलावा यहां प्राचीन स्थल जिनमें मंदिर और किले आदि शामिल हैं। कन्नौर में सैंट एंगलो किला, राजराजेश्वर मंदिर, छलील तट, एज्हिमाला पर्वत और मुज्हाप्पिलंगड़ बीच देख सकते हैं।
कोल्लम
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केरल का अन्य खूबसूरत शहर है कोल्लम जोकि भारत के पांच बंदरगाह शहरों में से एक है। 14वीं शताब्दी में दुनियाभर में घूमने वाले इब्न बतूता ने इस जगह की खोज की थी। हालांकि, आज कोल्लम मंदिरों, झीलों और तटों के लिए प्रसिद्ध है। पिछले कुछ सालों में ये लोकप्रिय पर्यटन स्थन बनकर उभरा है। अष्टमुंडी झील और अरब सागर के बीच स्थित ये शहर हर पर्यटक के मन को खूब भाता है। अगर आप इब्न बतूबा को फॉलो करते हैं तो एक बार इस जगह जरूर आएं। यहां पर झीलों और बीच के अलावा यहां रामेश्वर मंदिर और पलारूवी झरना देख सकते हैं।
मैंगलोर
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कर्नाटक का सबसे बड़ा और ऐतिहासिक शहर है मैंगलोर जहां पर हर तरह के पर्यटक आते हैं। यहां पर तटों से लेकर किले, मंदिर से लेकर गिरजाघर तक, झीलों से लेकर जंगल और झरनों से लेकर पार्क तक देख सकते हैं। ये पश्चिमी घाट और अरब सागर के बीच स्थित भारत का प्रमुख बंदरगाह है। अगर आप कर्नाटक के इतिहास को जानना चाहते हैं तो आपको मैंगलोर जरूर आना चाहिए। इसके ऐतिहासिक स्थल और प्राकृतिक सौंदर्य आपको कर्नाटक के विकास के बारे में संक्षेप में बता सकते हैं। यहां पर पनामबुर तट, कुदरोली गोखरनाथ मंदिर और सुल्तान बटेरी दर्शनीय स्थल हैं।
कोझिकोडे
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दक्षिण भारत में इब्न बतूता जिन जगहों पर घूमने आए थे वो ज्यादातर केरल में ही हैं। इस बंदरगाही शहर को कैलिकट के नाम से भी जाना जाता है जोकि आज अपने बीच और प्राचीन स्थलों के लिए मशहूर है। कोझिकोडे इब्न बतूता द्वारा सबसे बड़ा बंदरगाह माना जाता है क्योंकि यह वह जगह थी जहां दुनिया भर के व्यापारी आते थे। 15वीं शताब्दी में वास्को डि गामा भी यहीं उतरे थे।
अंग्रेजी में पढ़ें:Places In South India Visited By Ibn Battuta, The Greatest Traveller Of His Time