पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा के सबसे बड़े शहर के रूप में प्रसिद्ध अगरतला राज्य का एक खूबसूरत पर्यटन स्थल भी है। इस शहर का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा है, जिसका उल्लेख कई प्राचीन ग्रंथों में भी मिलता है। अपने पौराणिक अतीत के कारण यह शहर सांस्कृतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण है। माना जाता है कि अगरतला में शासन करने वाले राजा काफी महत्वाकांक्षी थे। ब्रिटिश काल के दौरान इस शहर का महत्व और बढ़ा और यह एक रियासत के तौर से जाना गया।
हावड़ा नदी के तट पर स्थित यह शहर प्राकृतिक रूप से काफी उन्नत है। घूमने फिरने के लिहाज से यह एक शानदार पर्यटन गंतव्य है जहां एक लंबा अवकाश बिताया जा सकता है। इस खास लेख में जानिए यहां आसपास कौन-कौन के आकर्षक स्थलों की सैर की जा सकती है।
सिपाहीजाला वन्यजीव अभयारण्य
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कृत्रिम झील, बोटानिकल और जूलॉजिकल गार्डन के साथ सिपाहिजोला वन्यजीव अभयारण्य अगरतला में शहर से लगभग 25 किमी दूर स्थित है। यह वन्यजीव अभयारण्य क्लाउड तेंदुए के लिए जाना जाता है। इसके अलावा आप यहां विभिन्न पक्षी, जानवर व वनस्पतियों की प्रजातियों को भी देख सकते हैं।
इन सब के बीच आप यहां केकड़े को खाने वाले नेवले को भी देख सकते हैं। यह स्थल अपनी जैव विविधता के लिए काफी प्रसिद्ध है। एक रोमांचक भरे सफर के लिए आप यहां का प्लान बना सकते हैं।
हेरिटेज पार्क
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अभयारण्य से अलग आप यहां खूबसूरत हेरिटेज पार्क की यात्रा कर सकते हैं। अपनी विविध खूबसूरती के साथ यह गार्डन शहर के राजभवन के उत्तर में स्थित है। यह पार्क त्रिपुरा की प्राचीन, आदिवासी और सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करता है। यह पार्क सुंगधित फूलों, पेड़ों और अन्य प्राकृतिक तत्वों की एक बहुतायत से घिरा हुआ है।
इस उद्यान का उद्घाटन 2012 में किया गया था। इसके अलावा यह जैविक खाद की कमी को पूरा कनरे के लिए सूक्ष्मजीव प्रौद्योगिकी के लिए भी प्रसिद्ध है।
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उनाकोटि
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प्राकृतिक खूबसूरती के साथ अगर आप रहस्य का शौक रखते हैं तो अगरतला के पास आप उनाकोटि की यात्रा कर सकते हैं। भगवान शिव के साथ अन्य देवी-देवताओं की उत्कृष्ट मूर्तियां इस स्थल को खास बनाने का काम करती हैं। जंगलों के बीच यह एक अद्भुत जगह है। उनाकोटि की पहाड़ियों के मध्य चट्टानों पर की गई नक्काशी किसी को भी हैरान कर सकती है।
इस पहाड़ी की सबसे प्रमुख विशेषता भगवान शिव का 30 फीट लंबा सर है, जिसे उनाकोटेश्वर काल भैरव के नाम से जाना जाता है। रॉक नक्काशी और पत्थर के डिजाइनों के साथ यह स्थल भारत के पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित है।
जंपुई हिल्स
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इन सब के अलावा आप त्रिपुरा के सबसे पसंदीदा पर्यटन स्थल जंपुई हिल्स की सैर का प्लान बना सकते हैं। इन पहाड़ियों के बीच लगभग दस गांव हैं जहां पर्वतीय घाटियों की सुंदरता का आनंद लिया जा सकता है।
सैलानी धर्मनगर और कैलाशहर सड़क के माध्यम से जंपुई हिल्स तक पहुंच सकते हैं। ये पहाड़ियां संतरों के खेती के लिए काफी जानी जाती है जिसकी शुरूआत 60 के दशक में हुई थी।
संतरों की खेती के लिए यह स्थान सबसे आदर्श माना जाता है। यहां वार्षिक ऑरेंज फेस्टिवल भी मनाया जाता है जिसमें यहां आने वाले सैलानी भी हिस्सा लेते हैं। जंपुई हिल्स पर्यटन के लिहाज से एक खास स्थल है जहां की यात्रा एक आदर्श विकल्प है।
उज्जयंत पैलेस
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अगरतला में आप उज्जयंत पैलेस की सैर का आनंद ले सकते हैं। यह भारत के चुनिंदा सबसे खास पैलेस में गिना जाता है, जिसकी खूबसूरती देखते ही बनती है। जिस समय अगरतला एक रियासत हुआ करती थी तब उज्जयंत पैलेस शहर का शाही निवास बना। सुन्दर हरे-भरे मुगल बागों के बीच यह महल एक खूबसूरत झील के किनारे पर स्थित है। उज्जयंत पैलेस के आसपास आप हिंदू देवी-देवताओं को समर्पित विभिन्न मंदिर देख सकते हैं। इसके अलावा यह विशाल महल राज्य संग्रहालय के रूप में भी जाना जाता है।
यह पूर्वोत्तर भारत का सबसे बड़ा म्यूजियम है। इस पैलेस का नाम रवींद्रनाथ टैगोर ने दिया था। यह महल लगभग 1 किमी के क्षेत्र में फैला है जिसमें पुस्तकालय, दरबार, एक सिंहासन कक्ष और एक स्वागत कक्ष शामिल है। यहां एक चीनी कक्ष भी मौजूद है जहां चीनी शिल्पकारों द्वारा की बनाई गईं जटिल कलाकृतियां रखी हुई हैं।
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