पहाड़ और नदी विस्तार से घिरा बाघमारा बांग्लादेश सीमा पर स्थित दक्षिण गारो हिल्स (मेघालय ) का जिला मुख्यालय है। इस स्थल के नाम के पीछे एक रोचक तथ्य है, माना जाता है कि बोंग लास्कर नाम के एक स्थानीय ने यहां एक बंगाल टाइगर को मार गिराया था, जिस वजह से इस क्षेत्र का नाम बाघमारा पड़ा। उस घटना को याद दिलाता यहां एक स्मारक भी मौजूद है जो उस बाघ का मकबरा बताया जाता है।
बाघमारा 12 धाराओं के नाम से प्रसिद्ध बारोकर के लिए भी जाना जाता है। पर्यटन के लिहाज से यह एक शानदार जगह है, जहां आप एक क्वालिटी टाइम अपने परिवार और दोस्तों के साथ बिता सकते हैं। इस लेख के माध्यम से हमारे साथ जानिए बाघमारा आपको किस प्रकार आनंदित कर सकता है।
बाघमारा वन्यजीव अभयारण्य
बाघमारा के माध्यम से गारो हिल्स की खूबसूरती देखने के लिए आप यहां बाघमारा वन्यजीव अभयारण्य का प्लान बना सकते हैं। अपनी जैव-विविधता के लिए प्रसिद्ध यह अभयारण्य विभिन्न वनस्पतियों और जीव-जन्तुओं को सुरक्षित आश्रय प्रदान करता है। आप यहां हाथी, लंगूर, तेंदुआ, गौर के साथ अन्य जीवों को भी देख सकते हैं।
इसके अलावा आप यहां विभिन्न पक्षी प्रजातियों को भी देख सकते हैं। यहां वनस्पतियों की कुछ अद्भुत प्रजातियां भी मौजूद हैं जिनमें मांसाहारी पीचर प्लांट ज्यादा ध्यान आकर्षित करता है।
सीजू गुफाएं
PC- James Gabil Momin
वन्यजीव अभयारण्य के बाद अगर आप चाहें तो यहां की गुफाओं का भ्रमण कर सकते हैं। सीजू गुफाएं यहां पर्यटकों का ज्यादा ध्यान आकर्षित करने का काम करती है। यह देश में तीसरी सबसे लंबी गुफा है और अपने अद्भुत स्टालाग्माइट्स और स्टैलेक्टसाइट्स के लिए जानी जाती हैं। गुफा में कई कक्ष मौजूद हैं, गुफा के कुछ ऐसे भी हिस्से हैं जो पर्यटकों को काफी ज्यादा रोमांचित करते हैं।
इस गुफा से एक नदी भी होकर गुजरती है,जो यहां की खूबसूरती पर चा चादं लगाने का काम करती है। अगर आप प्राकृतिक खूबसूरती के साथ रोमांच का शौक रखते हैं तो यहां का प्लान जरूर बनाएं।
सीजू पक्षी अभयारण्य
अगर आप एक प्रकृति प्रेमी हैं और कुदरत का कुछ अलग रूप देखने की चाह रखते हैं तो मेघालय स्थित सीजू पक्षी अभयारण्य की सैर का आनंद जरूर ले सकते हैं। यह अभयारण्य प्राकृतिक खूबसूरती के बीच पक्षी विहार का सबसे अच्छा मौका प्रदान करता है। यह सिमसांग नदी के दूसरे किनारे पर सिजू गुफाओं के निकट स्थित है। राज्य के राजधानी शहर शिलांग से यहां तक की दूरी 450 किमी की है। पक्षी प्रजातियों में आप यहां साइबेरियाई बतख, ग्रे हॉर्नबिल, मोर आदि को देख सकते हैं।
यहां आने का ससबे सही समय सर्दियां हैं, इस दौरान आप यहां प्रवासी पक्षियों को भी देख सकते हैं। इसके अलावा यहां कैंपिंग, ट्रेकिंग, रिवर राफ्टिंग, मछली पकड़ने जैसी गतिविधियां की जा सकती हैं।
सिमसांग नदी
सिमसंग नदी मेघालय में प्रसिद्ध नदियों में से एक है और जो गारो पहाड़ियों के मध्य से बहती है। नदी के कारण यहां बड़ा भूखंड दो भागों में विभाजित है। इस नदी की कुछ सहायक नदियां भी हैं जैसे चिबोक, रोम्पा, रिंगडी और रोंगडीक । पहाड़, घाटी और हरियाली को देखने के लिए यह एक आदर्श गंतव्य है। आप यहां अपने परिवार और दोस्तों के साथ यहां का सफर कर सकते हैं।
नदी के आसपास का दृश्य काफी ज्यादा शानदार है। आत्मिक और मानसिक शांति के लिए यहां की यात्रा की जा सकती है। इसके अलावा आप यहां विभिन्न वाटर एडवेंचर का भी आनंद ले सकते हैं, जिनमें नौकायन, जेट स्कीइंग, फिशिंग आदि शामिल हैं।
नेगकांग
उपरोक्त स्थानों के अलावा आप यहां के अन्य आकर्षणों का भी भ्रमण कर सकते हैं। नेगकांग अपनी तीन गुफाओं के लिए जाना जाता है जो हैं प्रकृति के अद्भुत चमत्कार समझी जाती हैं। ये हैं तेतेंगकोल बालवाकोल, डोबाक्कोल चिबे और बोक बाक दोभाकोल।
इनमें से, तेतेंगकोल बालवाकोल भारत में दूसरी सबसे लंबी गुफा है जो जिसमें 533 किमी की लंबाई है। रोमांचक गुफा यात्रा के लिए नेगकांग काफी खास जगह है।