भारत के पश्चिम बंगाल राज्य में स्थित बैरकपुर एक ऐतिहासिक शहर है जिसकी प्रासंगिकता ब्रिटिश औपनिवेशिक काल के माध्यम से देखी जा सकती है। अंग्रेजों के समय और आज भी बैरकपुर अपने सैन्य आधार के लिए जाना जाता है। इस शहर को प्रसिद्धि भारत के वीर क्रांतिकारी मंगल पांडे ने दिलाई, जिन्होंने अंग्रेजों और उनकी गलत नीतियों के खिलाफ आवाज बुलंद की थी।
बैरकपुर शहर ने ही अंग्रेजों को भारत से लेकर इंग्लैंड तक हिलाकर रख दिया था। भारत के आधुनिक इतिहास में यह शहर बहुत ही ज्यादा मायने रखता है। इसलिए अगर आप भारतीय अतीत के महत्वपूर्ण पहलुओं को नए सिरे से जानना चाहते हैं तो इस ऐतिहासिक स्थल की सैर का प्लान जरूर बनाएं।
मंगल पांडे पार्क
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मंगल पांडे पार्क बैरकपुर के सबसे खास पर्यटन गंतव्यों में गिना जाता है, जहां से आप शहर भ्रमण की शुरूआत कर सकते हैं। इस पार्क का नाम 'शाहिद मंगल पांडे महा उद्यान' रखा गया है। मंगल पांडे भारत के वो वीर राष्ट्रवादी नेता थे जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ सीधे आवाज उठाई थी। लेकिन ब्रिटिश शासन डरकर अपने खिलाफ उठती इस ज्वाला को शांत करने के लिए उन्हें 8 अप्रैल, 1857 को फांसी दे दी गई थी।
पार्क में भारत के नायक की एक प्रतिमा भी स्थापित की गई है। अपने ऐतिहासिक महत्व के कारण यहां पर्यटक ज्यादा आना पसंद करते हैं।
गांधी संग्रहालय
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बैरकपुर के ऐतिहासिक स्थलों मे आप राष्ट्रपिता को समर्पित गांधी संग्रहालय की सैर कर सकते हैं। गांधी स्मारक संग्रहालय भारत के सबसे प्रमुख शोध केंद्रों में से एक माना जाता है। बैरकपुर स्थित यह म्यूजियम पांच गैलरियों, एक अध्ययन केंद्र और एक विशाल पुस्तकालय में फैला हुआ है।
इसे देश के सबसे प्रमुख संग्रहालयों में से एक है, जिसमें महात्मा गांधी से जुड़ी तमाम जानकारी उपलब्ध हैं। यहां आप राष्ट्रपिता से जुड़ी और उनके द्वारा लिखी गई किताबों को भी देख सकते हैं। यहां स्वतंत्रता सेनानी की 800 से अधिक दुर्लभ तस्वीरों के संग्रह भी मौजूद है।
तारकेश्वर टेम्पल
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तारकेश्वर मंदिर पश्चिम बंगाल के सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थानों में गिना जाता है, जहां के दर्शन का प्लान आप यहां के ऐतिहासिक स्थलों को देखने के बाद बना सकते हैं। जानकारी के अनुसार यह मंदिर 18वीं शताब्दी के आसपास बनाया गया था। तारकेश्वर मंदिर लगभग 50 फीट ऊंचा है और 25 फीट चौड़ा।
मंदिर अपनी उत्कृष्ट वास्तुकला के लिए काफी प्रसिद्ध है। संगमरमर के फर्श और आकर्षक नक्काशी के साथ यह मंदिर भक्तों के साथ-साथ यहां आने वाले पर्यटकों को भी काफी ज्यादा प्रभावित करता है।
बार्थोलोम्यू कैथेड्रल
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बैरकपुर स्थित प्राचीन स्थलों में आप औपनिवेशिक काल में बनी बार्थोलोम्यू कैथेड्रल चर्च को देख सकते है। 1847 में बनी इस चर्च को पहले गैरीसन चर्च के नाम से जाना जाता था। यह शहर के चुनिंदा महत्वपूर्ण स्थलों में गिनी जाती है, जहां की सैर करना पर्यटकों को काफी ज्यादा पसंद है। बार्थोलोम्यू कैथेड्रल को गोथिक वास्तुकला शैली में बनाया गया है। आप बाहरी और अंदरूनी तरफ से यह एक खूबसूरत संरचना है जो यहं आने वाले सैलानियों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करती है।
अगर आप इस चर्च को ठीक से देखें तो पता चलेगा कि कैथेड्रल का ढांचा और डिजाइन ब्रिटेन में कई चर्चों जैसा दिखता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह संरचना ब्रिटिश काल के दौरान अंग्रेजों द्वारी ही बनाई गई थी।
काली मंदिर
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उपरोक्त स्थानों के अलावा आप यहां के प्रसिद्ध काली मंदिर के दर्शन कर सकते हैं। यह मां काली को समर्पित एक प्राचीन मंदिर है जो लगभग 700 साल पुराना बताया जाता है। साथ ही यह भी कहा जाता है कि
कलकत्ते शहर के संस्थापक जॉब चर्नोक की पत्नी यहां देवी की पूजा के लिए आया करती थी।
माना जाता है कि भारतीय राष्ट्रवादी नेताओं की बड़ी बैठके इसी मंदिर पर लगा करती थीं। वे 1824 और 1857 के विद्रोह से पहले मां काली का आशीर्वादों लेने के लिए यहां एकसाथ आए थे। यह स्थान सिर्फ धार्मिक महत्व नहीं रखता बल्कि यह भारतीय आधुनिक इतिहास के कई पहलुओं को उजागर करता है।