भारत के ह्रदय राज्य मध्य प्रदेश में स्थित चंदेरी एक प्राचीन शहर है, जो अपने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए जाना जाता है। यह छोटा मगर खूबसूरत नगर राज्य के अशोकनगर जिले के अंतर्गत आता है। झीलों, पहाड़ों और घने जंगलों से घिरा यह स्थल पर्यटन के लिहाज से बहुत ही खास है। बता दें कि चंदेरी पूरे भारतवर्ष में अपनी चंदेरी साड़ियों के लिए भी काफी प्रसिद्ध है, ये साड़ियां राज्यों के अलावा अन्य देशों में भी निर्यात की जाती है।
चंदेरी में देखने लायक बहुत सी प्राचीन संरचनाएं मौजूद हैं, जिन्हें आप अपनी मध्य प्रदेश यात्रा का हिस्सा बना सकते हैं। आइए इस लेख के माध्यम से जानते हैं, चंदेरी किस प्रकार आपको आनंदित कर सकता है।
चंदेरी का किला
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शहर से लगभग 71 मीटर की ऊंचाई पर स्थित चंदेरी किला यहां के सबसे मुख्य आकर्षणों में गिना जाता है, जिसका निर्माण मुगल काल के दौरान किया गया था। इस किले की मूल संरचना को राजा किर्ती पाल द्वारा 11 शताब्दी के आसपास बनाया गया था। अतीत से जुड़े पन्ने बताते हैं कि यह किला कई बड़े आक्रमण झेल चुका है, इसलिए इसका कई बार पुननिर्माण करवाया जा चुका है।
खंडहर रूप में मौजूद यह किला अपने समय की भव्य सरंचनाओं में गिना जाता है। इस किले के अंदर आप खिलजी मस्जिद, हवा पौर, नौखंडा महल और हजरत अब्दुल रहमान का मकबरा देख सकते हैं। इतिहास की बेहतर समझ के लिए आप यहां आ सकते हैं।
बादल महल
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चंदेरी फोर्ट के बाद आप यहां की ऐतिहासिक संरचना में बादल महल देख सकते हैं। बादल महल चंदेरी के चुनिंदा सबसे खास पर्यटन स्थलों में से एक है। आपको बता दें कि यह प्राचीन संरचना बिना किसी महल व किले के एक विशाल द्वार के रूप में यहां मौजूद है। अतीत से जुड़े पन्नों के मुताबिक इस महल का निर्माण 15वीं शताब्दी में किया गया था, यह विशाल प्रवेश द्वार चंदेरी की बड़ी जीत की खुशी में बनवाया गया था।
यह गेट अपनी दो मीनारों के साथ यहां खड़ा है, जो देखने में बहुत ही आकर्षक नजर आता है। प्रवेश द्वार पर की गई शानदार नक्काशी पर्यटको का ध्यान खींचती है।
जामा मस्जिद
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चेंदेरी की ऐतिहासिक संरचनाओं की श्रृंखला में आप यहां स्थित प्राचीन जामा मस्जिद को देख सकते हैं, जिसका निर्माण 13वीं शताब्दी के दौरान गयासुद्दीन बलबन द्वारा करवाया गया था। जामा मस्जिद यहां के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है।
यह एक विशाल और अद्भुत मस्जिद है, जो अपने आकार से पर्यटकों को आश्चर्यचकित करने का काम करती है। मस्जिद के ऊपर तीन बड़े गुंबद बने हुए हैं, जो इस प्राचीन संरचना को खास बनाने का काम करते हैं।
कोशक महल
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चंदेरी स्थित कोशक महल यहां की प्रसिद्ध और महत्वपूर्ण संरचना के रूप में जाना जाता है। इस महल का निर्माण मालवा के सुल्तान द्वारा जीत की खुशी में बनवाया गया था। इस महल को पहले सात मंजिला बनाने की योजना की गई थी, लेकिन यह सिर्फ तीन मंजिला तक ही बन पाया। महमूद शाह खिलजी ने सुल्तान महमूद शारकी को युद्ध में हराया था, इसलिए महमूद शाह खिलजी ने जीत की खुशी में इस संरचना का निर्माण करवाया। महल की वास्तुकला और दीवारों पर की गई नक्काशी देखने लायक है। आप महल की खिड़कियां पर बनी नक्काशी देख सकते है।
शहजादी का रोजा
उपरोक्त स्थलों के अलावा आप यहां शहजादी का रोजा नामक संरचना को देख सकते हैं। शहजादी का रोजा मेहरूनिसा की कब्रगाह है। माना जाता है कि मेहरूनिसा और उनके प्रेमी ने यहीं आखरी सांस ली थी। मृत्यु के बाद दोनों को एक ही स्थान पर दफनाया गया था। मेहरूनिसा एक गवर्नर की बेट थी, जिसका प्रेमी सेना प्रमुख था। इस कब्रगाह के पास किला और एक तालाब भी बना हुआ है। इतिहास की बेहतर समझ के लिए आप यहां आ सकते हैं।