पूर्वोत्तर भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश में स्थित चांगलांग एक खूबसूरत पर्यटन गंतव्य है, जो अपनी प्राकृतिक सौंदर्यता, लोक-संस्कृति और परंपराओं के लिए जाना जाता है। खूबसूरत घाटी और कुदरती आकर्षणों के बीच स्थित चांगलांग अपने पर्वतीय आकर्षणों के बल पर सैलानियों को काफी ज्यादा प्रभावित करता है।
खासकर यहां का हरा-भरा माहौल कल्पना से परे है। इन सब से अलग यह पर्वतीय स्थल स्थानीय लोक संस्कृति के लिए भी काफी ज्यादा प्रसिद्ध है। यहां की बोली, खान-पान और जीवनशैली काफी अनूठी है। इस लेख के माध्यम से जानिए पूर्वोत्तर भारत यह स्थल आपको किस प्रकार आनंदित कर सकता है।
मियाओ गांव
PC- Arunachal2009
चांगलांग भ्रमण के शुरुआत आप यहां के खूबसूरत गांव मियाओ से कर सकते हैं। नोआ-देहियांग नदी के तट पर स्थित यह गांव यहां के प्रसिद्ध पर्यटन आक्रषणों में गिना जाता है। यहां आप स्थित पटकाई बूम हिल्स की सैर का प्लान बना सकते हैं। इसके अलावा आप यहां नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान की सैर का भी प्लान बना सकते हैं।
मियाओ में घूमने-फिरने और देखने के लिहाज से बहुत से आकर्षण मौजूद है, आप यहां स्थित संग्रहालय और एक छोटे चिड़ियाघर को भी देख सकते हैं। इसके अलावा आप यहां की स्थानीय संस्कृति को भी करीब से देख सकते हैं। यह गांव चाय के बागानों के लिए भी जाना जाता है।
नमदाफा नेशनल पार्क
मियाओ गांव के भ्रमण के बाद आप चाहें तो यहां स्थित नमदाफा नेशनल पार्क की रोमांचक सैर का प्लान बना सकते हैं। जैव विविधता से समृद्ध इस राष्ट्रीय उद्यान को 1938 में टाइगर रिजर्व घोषित किया था। हिमालय से नजदीक यह उद्यान 200 से लेकर 4500 मीटर की ऊचाई वाली कई ऊंची पहाड़ियों से घिरा हुआ है।
नमदाफा नेशनल पार्क 1985.23 वर्ग कि.मी के क्षेत्र को कवर करता है, जहां आप विभिन्न वनस्पतियां और असंख्य जीव-जंतुओं को देख सकते हैं। जगंली जीवों में आप यहां टाइगर, तेंदुआ ,स्नो लेपर्ड, हाथी, भालू आदि को देख सकते हैं।
लेक ऑफ नो रिटर्न
इसके अलावा आप यहां की सबसे लोकप्रिय झील 'लेक ऑफ नो रिटर्न' की सैर का प्लान बना सकते हैं। अपने अनोखे नाम के साथ यह लेक अपनी खूबसूरती के लिए भी काफी ज्यादा प्रसिद्ध है। माना जाता है कि दूसरे विश्व युद्ध के दौरान इस झील ने एक एयरक्राफ्ट को लैडिंग करने में मदद की थी जो दुस्मनों के हमले का शिकार बन चुका था।
माना जाता है कि इसके बाद झील के एक आपातकालीन लैंडिग गंतव्य के तौर पर कई बार इस्तेमाल किया जाता रहा । हालांकि यहां कई प्लेन क्रैश भी हो चुके हैं, इसलिए इस झील का नाम 'लेक ऑफ नो रिटर्न' पड़ा।
विश्व युद्ध सेमटेरी
चांगलांग में आप विश्व युद्ध सेमटेरी को भी देख सकते हैं। यह एक कब्रिस्तान है जहां उन जवानों को दफनाया गया है, जिन्होंने दूसरे विश्व युद्ध के दौरान अपनी जान दी थी। ये जवान भारत के अलावा चीन, अमेरिका, और ब्रिटेन के निवासी थे। इस युद्ध के दौरान कई मासूम लोगों की जान भी गई थी। अगर आप चांगलांग आएं तो इस खास स्थल की सैर करना न भूलें। विश्व इतिहास के कुछ अहम पहलुओं को समझने के लिए आप यहां आ सकते हैं।
स्टिलवेल रोड
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उपरोक्त स्थलों के अलावा आप यहां स्टिलवेल रोड को देखने का प्लान बना सकते हैं। यह एक खास सड़क है, जो दूसरे विश्व युद्ध के दौरान अमेरिकियों द्वारा बनाई गई थी। इस सड़क को पहले लेडो रोड के नाम से संबोधित किया जाता था।
बाद में इसका नाम बदलकर स्टिलवेल रोड रख दिया गया। यह सड़क बर्मा रोड से गुजरती हुई कुनमिंग को जोड़ती है। अगर आप चांगलांग आएं तो इस खास प्राचीन सड़क को देखने के लिए आ सकते हैं।