कर्नाटक स्थित चिकबल्लापुर बैंगलोर से लगभग 57 किमी उत्तर में स्थित एक खबसूरत पर्यटन स्थल है। यह कर्नाटक का एक विकसित होता शहर है जो कई मायनों पर सैलानियों को आने का आमंत्रण देता है। चिकबल्लापुर एक शैक्षणिक केंद्र होने के साथ-साथ अंगूर, अनाज और रेशम की खेती के लिए भी काफी ज्यादा प्रसिद्ध है। इस शहर की गति को देखकर यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह जल्द ही ग्रेट बैंगलोर का हिस्सा बन जाएगा।
चिकबल्लापुर का नाम भी बड़ा दिलचस्प है जो कन्नड और तेलगू के तीन शब्दों से मिलकर बना है। चिक्का यानी 'छोटा' बल्ला मतलब अनाज की मात्रा और पुरा मतलब नगर। इस खास लेख में जानिए पर्यटन के लिहाज से यह शहर आपके लिए कितना खास है, साथ में जानिए आप यहां से कौन-कौन से नजदीकी पर्यटन गंतव्यों की यात्रा का प्लान बना सकते हैं।
नदी हिल्स
PC-Vijets
चिकबल्लापुर से आप नजदीकी नंदी हिल्स की सैर का आनंद उठा सकते हैं। लगभग 22 किमी की दूरी पर स्थित यह पहाड़ी गंतव्य दूर-दूराज के सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करने का काम करता है। यहां की पहाड़ी वनस्पतियों के बीच घुमावदार रास्ते इस स्थान को खास बनाने हैं। यहां के पठार पर स्थित वनस्पति उद्यान पर्यटकों के मध्य काफी प्रसिद्ध है।
नंदी हिल्स के नाम की उत्पत्ति से जुड़ी कई कहानियां प्रचलित है। दक्षिण चोल राजवंश के दौरान नंदी पहाड़ियों को आनंद गिरि ने नाम से जाना जाता था जिसका अर्थ है हिल ऑफ हप्पी। एक किवदंती यह भी जुड़ी है कि यहां योगी नंदेश्वर में तपस्या की थी इसलिए इस पहाड़ी का नाम नदी हिल्स पड़ा।
इस स्थान को नदीदुर्ग भी कहा जाता है क्योंकि यहां टीपू सुल्तान में एक किले का निर्माण करवाया था। इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि यहां की पहाड़ी नंदी बैल की तरह दिखती है इसलिए इसका नाम नदी हिल्स पड़ा। एडवेंचर के लिए यह पहाड़ा काफी खास मानी जाती है। यहां आप रोमांचक ट्रेकिंग का आनंद जी भरकर उठा सकते हैं।
विवेकानंद फॉल्स
नदी हिल्स के अलावा आप यहां विवेकानंद फॉल्स की सैर का आनंद ले सकते हैं। विवेकानंद फॉल्स चिकबल्लापुर के केथेनाहल्ली गांव के पास है जहां तक का सफर आप मात्र12 किमी मे पूरा कर सकते हैं। आप जैसे-जैसे इस जलप्रपात के पास पहुंचते हैं ऊंचाई से गिरते पानी की आवाज अंदर ही अंदर रोमांच पैदा करने का काम करती है।
प्रकति के करीब विवेकानंद फॉल्स के अद्भुत दृश्य आत्मिक और मानसिक शांति के लिए काफी खास माने जाते हैं। शहर की भागदौड़ के बीच यहां की आरामदायक सैर जरूर करें। मानसून के दौरान यहां के नजारे और भी उभर कर सामने आते हैं। चिकबल्लापुर सैर के दौरान आप यहां का प्लान बनाना न भूलें।
पर्यटन के लिए खास है बिहार का मुंगेर, जानिए यहां की खासियतें
रंगनाथ स्वामी मंदिर
PC- Chaduvari
प्राकृतिक स्थलों के अलावा आप यहां के धार्मिक स्थानों के दर्शन का भी प्लान बना सकते है। चिकबल्लापुर से लगभग पांच किमी की दूरी पर स्थित रंगनाथ स्वामी मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित एक आकर्षक धार्मिक स्थल है। हिन्दू धर्म से जुड़े लोगों की इस मंदिर से गहरी आस्था जुड़ी हुई है। इस मंदिर को स्थानीय भाषा में रंगस्थला के नाम से भी संबोधित किया जाता है।
यहां के सबसे मुख्य आकर्षणों में भगवान विष्णु की पत्थर की मूर्ति है जिसे विजयनगर शैली में काले पत्थर पर नक्काशीदार रूप से उकेरा गया है। अगर आप यहां दर्शन के लिए जाएं तो धार्मिक आस्था का पूरा ध्यान रखें।
पंचगिरी में एडवेंचर का आनंद
उपरोक्त स्थानों के अलावा आप चिकबल्लापुर से 15 कमी दक्षिण में स्थित पंचगिरी पहाड़ियों में रोमांचक एडवेंचर का जी भरकर आनंद उठा सकते हैं। इन पंच पहाड़ियों में प्रसिद्ध नंदी हिल्स भी शामिल है। इन पांच पहाड़ियों को स्थानीय रूप से नंदी गिरि, चंद्र गिरि, इंद्र गिरि, ब्रह्मा गिरि और हेमा गिरि के नाम से जाना जाता है। इनके अलावा भी यहां एक छठी पहाड़ी भी है जिसे कलावाड़ा हिल या स्कंद गिरि के नाम से जाना जाता है।
कलावाड़ा हिल रात्रि कैंपिग के लिए सबसे आदर्श विकल्प माना जाता है। चांदनी रात में यहां का नजार किसी सपने से कम नहीं। इसके अलावा आप बताई गईं पहाड़ियों में ट्रेकिंग, पर्वतारोहण, और रॉक क्लाइंबिंग जैसे एडवेंचर का आनंद ले सकते हैं।
कैसे करें प्रवेश
चिकबल्लापुर कर्नाटक के बैंगलोर से लगभग 57 किमी दूर है जहां आप आसानी से पहुंच सकते हैं। यहां का निकटतम हवाईअड्डा बैंगलोर एयरपोर्ट है। रेल मार्ग के लिए आप चिकबल्लापुर रेलवे स्टेशन का सहारा ले सकते हैं।
अगर आप चाहें तो यहां सड़क मार्गों के द्वारा भी पहुंच सकते हैं। बेहतर सड़क मार्गों से चिकबल्लापुर राज्य के बड़े शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। बैंगलोर से आपको नियमित बस सेवा मिल जाएगी।
वर्षों तक विदेशी षड्यंत्रों का गढ़ बना रहा चेन्नई का सेंट जॉर्ज का किला