कॉफी उत्पादन के लिए मशहूर चिकमंगलूर दक्षिण भारत के कर्नाटक राज्य का एक खूबसूरत पर्यटन स्थल है। यह पहाड़ी गंतव्य मुलायनगिरी पर्वत श्रृंखला की तलहटी पर लगभग 3400 फीट की ऊंचाई पर बसा है। अपने ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों, हरे भरे जंगलों और शांत वातावरण के साथ यह स्थल सैलानियों के मध्य काफी लोकप्रिय है।
चिकमंगलूर की सबसे बड़ी खासियत यहां ये कॉफी बागान हैं जो इसे भारत का सबसे बड़ा कॉफी उत्पादक बनाते हैं। अगर आप प्रकृति के करीब जाकर कुछ समय फुर्सत के बिताना चाहते हैं यह शहर आपके लिए एक आदर्श विकल्प रहेगा। प्राकृतिक सौंदर्यता के अलावा आप यहां कई एडवेंचर गतिविधियों का भी आनंद उठा सकते हैं।
चिकमंगलूर अपने ट्रेकिंग ट्रेल्स के लिए काफी प्रसिद्ध है जो दूर-दराज के ट्रैवलर्स को अपनी ओर आकर्षित करता है। मुलायनगिरी कर्नाटक राज्य की सबसे ऊंची चोटी है जो अपने अद्भुत दृश्यों के लिए काफी ज्यादा प्रसिद्ध है। इस खास लेख में जानिए पर्यटन के लिहाज से चिकमंगलूर आपके लिए कितना खास है।
मुलायनगिरी
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मुलायनगिरी कर्नाटक राज्य की सबसे ऊची पर्वतीय चोटी है जो चंद्र ध्रोन श्रृंखला में 1950 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह पहाड़ी गंतव्य अपने साहसिक अनुभवों के लिए जाना जाता है। दूर-दराज के ट्रैवलर्स यहां ट्रेकिंग जैसे एडवेंचर की खोज में आते हैं। पहाड़ी के घुमावदार और जंगल रास्ते रोमांचक ट्रेल्स के लिए काफी प्रसिद्ध हैं।
ट्रेंकिग के अलावा आप यहां कैंपिंग, माउंटेन बाइकिंग और एक लंबी पैदल यात्रा का आनंद उठा सकते हैं। तपसवी मुलप्पा स्वामी मंदिर, सूर्यास्त प्वाइंट, और नंदी मूर्ति यहां के सबसे खास पर्यटन स्थल हैं जहां का प्लान आप मुलायनगिरी सैर के दौरान बना सकते हैं।
कुद्रेमुख
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चिकमंगलूर स्थित कुद्रेमुख शहर के सबसे खास चुनिंदा पर्यटन स्थलों में गिना जाता है। मुलायनगिरी की सैर के लिए ट्रैवलर्स यहां भी आना बेहद पसंद करते हैं। कुद्रेमुख अपने प्राकृतिक खजानों में पहाड़, प्राचीन झरने और हरे-भरे परिदृश्य के लिए काफी प्रसिद्ध है। अगर आप प्रकृति प्रेमी हैं तो यह स्थान आपके लिए सबसे खास है। यहां आपको प्रकृति के करीब जाने का भरपूर मौका मिलेगा जहां आप एक यादगार समर बीता सकते हैं।
कुद्रेमुख के प्राकृतिक सुंदरता का आनंद आप यहां कुद्रेमुख में ट्रेंकिग और कुद्रमुख राष्ट्रीय उद्यान की सैर कर उठा सकते हैं। भगवती प्रकृति शिविर, सुरीमाले फॉल्स, और कदंबी झरने यहां के खास दर्शनीय स्थान हैं।
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जेड प्वाइंट
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अगर आप एक प्रकृति प्रेमी हैं और कुदरत की वास्तविक सुंदरता को देखना चाहते हैं तो चिकमंगलूर के प्रसिद्ध जेड प्वाइंट की सैर का प्लान बना सकते हैं। यह प्वाइंट अपने साहसिक ट्रेकिंग के लिए जाना जाता है। अगर आप शारीरिक और मानसिक रूप से पूरी तरह तंदरुस्त हैं तो आप यहां की लंबी ट्रेकिंग का रोमांचक अनुभव ले सकते हैं।
ध्यान रहे ट्रेकिंग की सभी आवश्यक वस्तुएं आपके पास होनी चाहिए। यहां की पहाड़ियां खड़ी चट्टानों और चुनौतीपूर्ण रास्तों से भरी हैं इसलिए पूरी तैयारी के साथ आगे बढ़ें। ट्रेकिंग के अलावा आप यहां माउंटेन बाइकिंग का भी रोमांचक आनंद ले सकते हैं।
कॉफी संग्रहालय चिकमंगलूर
प्राकृतिक सौंदर्यता और रोमांचक गतिविधियों से हटकर आप चिकमंगलूर के अन्य अनुभवों का भी आनंद ले सकते हैं। जैसा की आपको पहले बताया गया है कि चिकमंगलूर भारत का सबसे बड़ा कॉफी उत्पादक है इसलिए इसके स्तर को बढ़ाने के लिए यहां एक कॉफी संग्रहालय भी मौजूद हैं। दक्षिण भारत में कॉफी बागान के इतिहास को जानने के लिए आप इस कॉफी संग्रहालय का भ्रमण कर सकते हैं।
यह संग्रहालय कॉफी बोर्ड ऑफ इंडिया द्वारा संचालित है। यहां आप कॉफी से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं। कॉफी संग्रहालय चिकमंगलूर से लगभग 10 किमी की दूरी पर दशरहल्ली में स्थित है जो सुबह से 10 बजे से लेकर शाम के 6 बजे तक खुला रहता है।
हेबे फॉल्स
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उपरोक्त स्थानों के अलावा आप चिकमंगलूर के खूबसूरत हेबे फॉल्स की सैर का आनंद ले सकते हैं। केममानगुंडी पहाड़ियों के बीच 168 मीटर की ऊंचाई वाला यह जलप्रपात सैलानियों के मध्य काफी ज्यादा प्रसिद्ध है। हेबे फॉल्स चिकमंगलूर में घूमने लायक सबसे खास स्थानों में गिना जाता है। भले ही आप ऊपर से गिरते पानी से डरते हों पर यहां आने के बाद एक बार भीग जाने का मन तो जरूर करेगा।
यहां का सफेद साफ पानी दूर से ही ट्रैवलर्स-सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करने का काम करता है। इसके अलावा माना जाता है कि इस जलप्रपात के पानी में औषधीय गुण हैं जिसने कई जीवविज्ञानी और वैज्ञानिकों का ध्यान अपनी ओर खींचा है।
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