राजधानी दिल्ली से लगभग 285 किमी की दूरी पर स्थित दौसा राजस्थान राज्य का एक प्रसिद्ध नगर है, जो अपने सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है। यह नगर अलवर और भरतपुर से भी काफी नजदीक पड़ता है। पर्यटन के लिए यह एक खास गंतव्य है, जहां अतीत से जुड़े किले और अन्य प्राचीन संरचनाओं को देखा जा सकता है।
यह नगर राजस्थानी संस्कृति को भलि भांति प्रदर्शित करता है। प्राचीन संरचनाओं के अलावा दौसा ऊंटों की दौड़ और सफारी के लिए भी काफी ज्यादा प्रसिद्ध है। आइए इस खास लेख के माध्यम से जानते हैं दौसा अपने विभिन्न स्थलों के साथ आपको किस प्रकार आनंदित कर सकता है।
चांद बावड़ी
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दौसा के ऐतिहासिक स्थलों को देखने की शुरूआत आप यहां की प्राचीन चांद बावड़ी से कर सकते हैं। इस बावड़ी का निर्माण 1900 साल पहले चौहन वंश के राजाओं ने करवाया था, जो पूरे एशिया महाद्वीप की सबसे पुरानी स्टेप वेल मानी जाती है। यह एक विशाल बावड़ी है जिसकी वास्तुकला देखने लायक है।
इतिहास के प्रेमियों के लिए यह स्थान किसी खजाने से कम नहीं। भारतीय इतिहास के कई अहम पहलुओं को जानने के लिए आप यहां की यात्रा कर सकते हैं। राजस्थान की यात्रा करने वाले पर्यटकों को इन प्राचीन संरचनाओं को जरूर देखना चाहिए।
हर्सत माता मंदिर
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चांद बावड़ी के निकट एक और ऐतिहासिक स्थल है जो सैलानियों को काफी ज्यादा प्रभावित करता है। माता हर्सत को समर्पित हर्सत माता मंदिर यहां के पवित्र धार्मिक स्थानों में गिना जाता है। चांद बावड़ी के विपरित यह मंदिर समय के साथ साथ काफी बुरे वक्त से गुजरा है, मुस्लिम शासकों द्वारा इस मंदिर को बर्बाद करने का पूरा प्रसास किया गया था, वर्तमान में इस मंदिर की संरचना एक खंडहर रूप में पड़ी है।
लेकिन मंदिर की भव्यता आज भी देखी जा सकती है। एक बड़े आंगन के साथ खूबसूरत मूर्तियां और स्तंभों की नक्काशी यहां आने वालों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करती है।
भांडारेज
दौसा के ऐतिहासिक स्थलो में आप यहां के भांडारेज गांव की भ्रमण कर सकते हैं। इस गांव में आकर्षणों की प्रचुरता है, कि आप एक पल के लिए अपने मार्ग से भी भटक सकते हैं। इस गांव में भी एक आकर्षक बावड़ी मौजूद है जो अपनी बनावट और वास्तुकला से सबको प्रभावित करने का काम करती है।
लेकिन यहां का सबसे मुख्य आकर्षण भद्रावती महल है, जो अपनी अद्भुत सौदर्यता के बल पर सबका ध्यान आकर्षित करता है। शाही संपत्ति यह महल अपने खूबसूरत बगीचों के साथ एक भांडारेज का मान बढ़ाने का काम करता है। शाही अनुभव के लिए आप यहां प्रवेश कर सकते हैं।
मेहंदीपुर बालाजी मंदिर
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दौसा अपने ऐतिहासिक स्थलों के साथ-साथ धार्मिक स्थलों के लिए भी काफी ज्यादा लोकप्रिय है। आप यहां के प्रसिद्ध मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के दर्शन कर सकते हैं, जो भगवान हनुमान को समर्पित एक प्रसिद्ध मंदिर है। मेहंदीपुर गांव के नजदीक यह मंदिर अपनी चमत्कारी शक्तियों के लिए भी जाना जाता है। स्थानीय लोगों का मानना है कि यह मंदिर मानसिक रूप से विकलांग लोगों को इलाज करता है। मंदिर का आभामंडल इतना दैवीय है कि यहां प्रवेश करने वाला हर मानसिक रोगी स्वस्थ्य होकर निकलता है।
हालांकि इस तथ्य में कितनी सच्चाई है इस बात का कोई सटीक प्रमाण उपलब्ध नहीं हैं। लेकिन ऐसा कहा जाता है मंदिर की इस विशेषता के चलते यहां कई डॉक्टरों का आना भी हो चुका है, लेकिन वो भी इस पहली को समझ नहीं पाएं हैं।
मोहनगढ़ का किला
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उपरोक्त स्थानों के अलावा आप यहां के मोहनगढ़ किले की सैर का भी प्लान बना सकते हैं। पहाड़ी पर बसा यह किला अपने शानदार दृश्यों के लिए काफी ज्यादा प्रसिद्ध है। यह प्राचीन किला अप एक शाही होटल में तब्दिल कर दिया गया है। आप यहां कुछ समय बीतकर शाही जीवनशैली का अनुभव कर सकते हैं।
चूंकि यह पहाड़ी पर स्थित है इसलिए आप यहां के आसपास के अद्भुत नजारों का भी आनंद ले सकते हैं। परिवार या दोस्तों के साथ एक शानदार अवकाश के लिए यह एक आदर्श स्थान है।