घर से दूर किसी स्थान के भ्रमण की योजना वो वक्त होता है जब आप किसी और की नहीं बल्कि अपनी सुनते हैं। यह मानसिक विकास और आत्मबोध की वो अवस्था होती है जब आप आम जीवन शैली से हट अपने मूल स्वरूप को प्राप्त करने के लिए आगे बढ़ते हैं। कई बार जीवन की व्यस्तता इस विकास की प्रक्रिया में अवरोधक बन जाती हैं। अगर आप इस बताए गए तथ्य पर विश्वास करते हैं तो आपको घर से दूर किसी खास गंतव्य की सैर का प्लान जरूर बनाना चाहिए।
अगर आप इन गर्मियों के दौरान किसी एकांत गंतव्य पर जाना चाहते हैं तो अरूणाचल प्रदेश की दिरांग घाटी आपके लिए आदर्श विकल्प रहेगी। इस लेख के माध्यम से जानिए शांतिपूर्ण आबोहवा और प्राकृतिक खजानों के साथ पूर्वोत्तर की यह घाटी आपको किस प्रकार आनंदित कर सकती है।
याक राष्ट्रीय शोध केंद्र
पूर्वी हिमालयी श्रेणियों के बीच स्थित याक राष्ट्रीय शोध केंद्र एक अनोखा रिसर्च सेंटर है, जिसका मुख्य उद्देश्य याक को बचाना और उसका विकास करना है। इस शोध केंद्र की स्थापना इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च द्वारा की गई है। मुख्य शहर दिरांग से यह रिसर्च सेंटर 31 किमी दूर स्थित है।
यहां जेनेटिक संसाधनों और याक से जुड़ी हर समस्याओं पर शोध किया जाता है। यह केंद्र सरकार की एक शानदार पहल है जो मूल रूप से याक के लिए है। राष्ट्रीय शोध केंद्र की अनुमति पर पर्यटक यहां का भ्रमण कर सकते हैं।
दिरांग दजोंग
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दिरांग दजोंग अरुणाचल प्रदेश का एक आदिवासी क्षेत्र है जो दिरांग नदी के किनारे बसा है। यहां के जनजातीय परिवारों की कॉलोनी काफी आश्चर्यजनक है। माना जाता है कि यहां कुछ घर 500 साल पुराने भी हैं। यहां के घर प्रतिकूल मौसम से बचने के लिए कुछ खास प्रकार से डिजाइन किए गए हैं। इन घरों की नींव पत्थर की है और दीवारों और छत लकड़ी से बने हैं।
ये स्थान अपनी अनोखी वास्तुकला और बौद्ध प्रभाव के साथ सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करता है। यहां कभी दजोंग किला हुआ करता था जो अब खंडहर रूप में मौजूद हैं। दिरांग दजोंग देखने लायक स्थान है जहां आप आस सकते हैं।
गर्म पानी का कुंड
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दिरांग की प्राकृतिक सुंदरता में शामिल आप यहां के गर्म पानी के कुंड को भी देख सकते हैं। यह हॉट वाटर स्प्रिंग दिरांग घाटी आने वाले पर्यटकों के मध्य काफी ज्यादा लोकप्रिय है। पास की पहाड़ियों से बहते हुए, इस कुंड का गर्म पानी नदी में समा जाता है।
यहां के पानी में सल्फर सामग्री पाई जाती है जो त्वचा संबंधी समस्या के उपचार के लिए काफी कारगर है। यह हॉट वाटर स्प्रिंग लोगों को बड़ी संख्या में आकर्षित करती है। सर्दियों के दौरान तो इस स्थान का महत्व और ज्यादा बढ़ जाता है।
संगति वैली
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इन सब स्थानों के अलावा आप संगति वैली की सैर का प्लान बना सकते हैं। संगती घाटी दिरांग से लगभग 7 किमी की दूरी पर स्थित है। यह स्थान प्रकृति प्रेमियों के लिए किसी जन्नत से कम नहीं। पूर्वी हिमालयी पर्वतों से घिरा यह यह स्थाान घने जंगल और नदियों से समृद्ध है।
संगती घाटी की अपार खूबसूरती किसी का भी ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर सकती है। आप यहां विभिन्न हिमालयी वनस्पतियों के साथ पक्षी प्रजातियों को देख सकते हैं। पक्षियों को करीब से देखने के लिए आप दुरबीन का सहारा ले सकते हैं।
कालचक्र गोम्पा
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उपरोक्त स्थानों के अलावा आप दिरांग घाटी से सबसे पवित्र स्थान कलाचक्र गोम्पा की सैर का प्लान बना सकते हैं। कलाचक्र गोम्पा एक प्राचीन बौद्ध मठ है जो दिरांग के एक कालचक्र के ऊपर स्थित है। माना जाता है कि यह मठ 500 साल से भी अधिक पुराना है।
इसके प्राचीन महत्व को देखते हुए यहां काफी संख्या में सैलानियों का आगमन होता है। यह एक बौद्ध मठ है जो बौद्ध अनुयायिओं के लिए एक पवित्र स्थान माना जाता है। आध्यात्मिक ज्ञान और आत्मिक-मानसिक शांति के लिए आप यहां आ सकते हैं।