गुलबर्गा दक्षिण भारतीय राज्य कर्नाटक का एक लोकप्रिय ऐतिहासिक शहर है, जिसे कभी कलबुर्गी के नाम से संबोधित किया जाता था। बाद में इस शहर का प्राचीन नाम हटाकर गुलबर्गा कर दिया गया। कलबुर्गी का शाब्दिक अर्थ होता है पत्थरों का शहर। राष्ट्रकूटों और चालुक्य के बीच संघर्ष के दौरान यह शहर प्रकाश में आया, यहां इन राजवंशों ने छठी से बारहवी शताब्दी के मध्य शासन किया।
इतिहास के धुंधले पन्ने बताते हैं कि गुलबर्गा शहर 14 वीं शताब्दी में बहमनी सुल्तानों द्वारा स्थापित किया गया था और बाद में 18 वीं से 20 वीं शताब्दी तक हैदराबाद के निजामों के अंतर्गत रहा। अपने ऐतिहासक परिदृश्य के साथ यह शहर वर्तमान में अपने विभिन्न मंदिरों और खूबसूरत पर्यटन स्थलों के लिए जाना जाता है। हमारे साथ जानिए पर्यटन के लिहाज से यह शहर आपके लिए कितना खास है।
गुलबर्गा किला
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इस ऐतिहासिक शहर की पहचान है यहां का विशाल गुलबर्गा किला। इतिहास से जुड़े पन्ने बताते हैं कि इस किले का निर्माण 12 वीं शताब्दी के दौरान वारंगल काकतीय राजा गुलचंद द्वारा चालुक्य राजवंश के पतन के बाद करवाया गया था। जिसके बाद इसका विस्तार और सौंदर्यीकरण बहमनी सुल्तानों द्वारा करवाया गया था।
इस किले को भारतीय और फारसी वास्तुशिल्प शैलियों का इस्तेमाल कर बनाया गया है। किले की संरनचा को मजबूती देने के लिए लाइम मोर्टार और ग्रेनाइट का प्रयोग किया गया है। इतिहास और कला प्रेमी के लिए यह एक खास स्थान है।
शरण बसवेश्वर मंदिर
ऐतिहासिक स्थलों में गुलबर्गा फोर्ट के बाद आप शरण बसवेश्वर मंदिर की सैर का प्लान बना सकते हैं। यह एक प्राचीन मंदिर है जिसका निर्माण 12 वीं शताब्दी में लिंगायत संत शरण बसवेश्वर ने करवाया था, जो एक प्रसिद्ध हिंदू दार्शनिक थे।
इस मंदिर को प्राचीन दक्षिण मंदिरों के विपरित एक विशिष्ट शैली में बनाया गया है। मंदिर का आंतरिक भाग देखने योग्य है। यहां के नक्काशीदार स्तंभ, टावर और मंदिर की दीवारों पर बनाई गईं फूलों, हाथियों और गरूड़ की कलाकृतियां देखने लायक हैं।
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हजरत ख्वाजा बंदा नवाज
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गुलबर्गा में आप सूफी संत हजरत ख्वाजा बंदा नवाज की दरगाह के दर्शन भी कर सकते हैं। चिश्ती सम्प्रदाय के सूफी संत ख्वाजा बांदा नवाज का मकबरा गुलबर्गा में सबसे अधिक देखे जाने वाले स्थानों में गिना जाता है। इस खूबसूरत मस्जिद की सरंचना को बनाने के लिए भारतीय और फारसी शैलियों का इस्तेमाल किया गया है। इस ऐतिहासिक स्थल में 10,000 से अधिक किताबें मौजूद हैं।
ये किताबें उर्दू, अरबी और फारसी में लिखी गई हैं। दक्षिण भारतीय इतिहास के साथ आप यहां सूफी महत्व को भी समझ सकते हैं। एक ज्ञानवर्धन यात्रा के लिए आप इस स्थल को अपनी यात्रा डायरी का हिस्सा बना सकते हैं।
कोरनटी हनुमान मंदिर
उपरोक्त स्थानों के अलावा आप गुलबर्गा में प्रसिद्ध कोरनटी हनुमान मंदिर के दर्शन के लिए जान सकते हैं। वर्ष 1957 में बनाया गया यह एक नवनिर्मित मंदिर है। हिंदू वास्तुशिल्प शैली में बनाया गया है यह खूबसूरत मंदिर भगवान हनुमान को समर्पित है।
मंदिर में भगवान हनुमान की विशाल प्रतिमा बनाई गई है जो श्रद्धालुओं के साथ-साथ यहां आने वाले सैलानियों को आश्चर्यचकित करने का काम करती है। आध्यात्मिक अनुभव पाने के लिए आप इस स्थल की यात्रा का प्लान बना सकते हैं।
कैसे करें प्रवेश
PC- Dayal, Deen
गुलबर्गा कर्नाटक का एक प्रसिद्ध स्थल है जहां आप तीनों मार्गों से पहुंच सकते हैं। यहां का नजदीकी हवाईअड्डा हैदराबाद एयरपोर्ट (राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा) है। रेल मार्ग के लिए आप गुलबर्गा रेलवे स्टेशन का सहारा ले सकते हैं।
अगर आप चाहें तो यहां सड़क मार्गों की माध्यम से भी आप यहां तक का सफर तय कर सकते हैं। बेहतर सड़क मार्गों से गुलबर्गा राज्य के बड़े शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।
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