इतिहास और प्रकृति प्रेमियों को एक बार जबलपुर की सैर जरूर करनी चाहिए। जबलपुर भारत के ह्रदय राज्य मध्यप्रदेश का खूबसूरत पर्यटन स्थल है। कुदरती खूबसूरती के साथ इतिहास का परिदृश्य इस स्थल को खास बनाने का काम करता है। माना जाता है कि इस भूमि पर इंसान ने अपने कदम 300 ईसा पूर्व के बाद रखे थे। यहां मौजूद ऐतिहासिक स्थल जबलपुर के गौरवशाली अतीत के साथ सांस्कृतिक और वास्तुशिल्प महत्व को भली भांति प्रदर्शित करते हैं।
यहां की राजसी पहाड़ियां, नदी-झरने यहां सैलानियों को आने के लिए मजबूर करती हैं। इस खास लेख में जानिए पर्यटन के लिहाज से जबलपुर आपके लिए कितना खास है, साथ में जानिए यहां की यात्रा के दौरान आप कौन-कौन से खास स्थलों की सैर का आनंद ले सकते हैं।
डुमना नेचर रिजर्व
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आप जबलपुर भ्रमण की शुरूआत यहां के खूबसूरत प्राकृतिक स्थल डुमना नेचर रिजर्व से कर सकते हैं। लगभग 1058 हेक्टेयर में फैला यह रिजर्व राज्य के चुनिंदा पर्यटन स्थलों में गिना जाता है। जबलपुर से 10 किमी दूर स्थित यह नेचर रिजर्व वीकेंड पर आरामदायक अवकाश बिताने के लिए सबसे आदर्श विकल्प माना जाता है। इस स्थल का एक इको टूरिज्म के रूप में विकसित किया गया जहां आप वन्यजीवन को बहुत ही करीब से देख सकते हैं।
इस रिजर्व में विभिन्न जंगली जानवरों की प्रजातियों को भी देख सकते हैं, जिसमें चीतल, जंगली सूअर, सियार, तेंदुआ आदि शामिल हैं। इनके अलावा आप यहां विभिन्न पक्षी प्रजातियों को भी देख सकते हैं। इस रिजर्व में बच्चों के खेलने के लिए एक अलग से बाल उद्यान भी बनाया गया है।
भेड़ाघाट
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जबलपुर से लगभग 25 किमी की दूरी पर स्थित भेड़ाघाट देखने लायक एक आकर्षक स्थल है। यह स्थल नर्मदा नदी के आसपास बनी संगमरमर की चट्टानों के लिए जाना जाता है। अपने रोमांच को दुगना करने के लिए आप यहां नौकायन का आनंद उठा सकते हैं। नर्मदा नदी की सैर के सहारे आसपास इन ऊंची-ऊंची सफेद चट्टानों को देखना सैलानियों को बहुत ही भाता है।
नदी के दोनों तरफ लगभग 100 फीट की ऊंचाई पर ये सख्त चट्टाने बनी हुई हैं। चांदनी रात के दौरान यहां का दृश्य का रमणीय लगता है। जीवन के सबसे अनमोल पल बिताने के लिए आप एक बार भेड़ाघाट जरूर आएं।
डुण्डलोद की सैर के दौरान बनाएं इन स्थलों का प्लान
धुंधर झरना
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अगर आप जबलपुर में आकर अपने मूड को तरोताजा करना चाहते हैं तो यहां से 30 किमी की दूरी पर धुंधर झरने की सैर का आनंद ले सकते हैं। यहां पानी की तेज रफतार से उत्पन्न कोलाहल सैलानियों को दूर से ही रोमांचित कर देता है। यह जलप्रपात भारत की सबसे पवित्र नदियों में से एक नर्मदा पर बना है, जलप्रपात बिंदू पर आकर नदी का पानी 98 फीट की ऊंचाई से गिरता है।
यहां पानी की हल्ली-हल्की बौछारे धुएं का रूप ले लेती हैं शायद इसलिए इसका नाम धुंधर झरना पड़ा। ऊंचाई से गिरता पानी जब सख्त चट्टानों से टकराता है तो यहां छुएं जैसा दृश्य दिखाई देने लगता है। एक अद्भुत अनुभव के लिए आप यहां की सैर का आनंद ले सकते हैं।
मदन महल किला
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प्राकृतिक स्थलों के अलावा आप जलबपुर में ऐतिहासिक स्थानों की सैर का प्लान बना सकते हैं। यहां स्थित मदन महल किला पर्यटकों द्वारा ज्यादा देखे जाने वाला फोर्ट है। इस किले का निर्माण 11 शताब्दी के दौरान गोंड शासक रानी दुर्गावती के पुत्र मदन शाह द्वारा किया गया था।
इस किले के माध्यम से आप अतीत के स्थापत्य गौरव को बारीकी से देख सकते हैं। यहा देश के बाकी किलों से काफी भिन्न है, इसका निर्माण किसी खास उद्देश्य से करवाया गया था। 500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित इस किले से आप शहर के आकर्षक दृश्यों का आनंद उठा सकते हैं।
चौसठ योगिनी मंदिर
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उपरोक्त स्थलों के अलावा आप जलबपर स्थित प्रसिद्ध धार्मिक स्थल चौसठ योगिनी मंदिर के दर्शन के लिए जा सकते हैं। पहाड़ी के शीर्ष पर स्थित 10 वीं शताब्दी यह मंदिर प्राचीन वास्तुकला को भली भांति प्रदर्शित करता है। 125 फीट व्यास के साथ यह मंदिर श्रद्धालुओं के साथ-साथ सैलानियों को भी अपनी ओर आकर्षित करता है।
यहां के मूर्तितल को तीन अलग-अलग अवधियों से जोड़ कर देखा जा सकता है (कुषाण काल, गुप्ता काल और कालाचुरी शैली से संबंधित) । इस मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको 108 सीढ़ियों का सहारा लेना होगा।
अद्भुत : यहां मौजूद है समुद्र मंथन पहाड़ी और जहां रावण ने काटे थे अपने दशों सिर