भारत के उत्तरी राज्य पंजाब का जालंधर एक ऐतिहासिक शहर है जिसे ब्रिटिश औपनिवेशिक काल में जुलुन्दूर के नाम से संबोधित किया जाता था। राज्य के उत्तर-पश्चिम के दोआब क्षेत्र का यह शहर वर्तमान में एक बड़ा व्यापारिक केंद्र है। जालंधर भारत के उन स्वस्थ शहरों में शामिल है जो तेजी से शहरीकरण और औद्योगिकरण की तरफ बढ़ रहे हैं। पंजाब को एक बड़ा आय का स्रोत इस शहर के प्राप्त होता है। इस शहर को सरकार की स्मार्ट सिटी योजना में भी शामिल किया गया है।
इतिहास पर नजर डालें तो पता चलता है कि इस शहर का संबंध महाभारत काल से भी रहा है तब इसे प्रस्थल के नाम से जाना जाता था। जालंधर राज्य के सबसे पुराने शहरों में गिना जाता है। इसके अलावा चंडीगढ़ के गठन से पहले यह पंजाब का राजधानी शहर भी रह चुका है। पर्यटन के लिहाज यह एक समृद्ध शहर है जहां आप भारतीय इतिहास और कई अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं को समझ सकते हैं।
इमाम नासीर मस्जिद
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जैसा की आपको बताया गया है कि जालंधर एक ऐतिहासिक शहर है और यहां अतीत से जुड़े कई महत्वपूर्ण स्थानों को देखा जा सकता है। शहर में एक 800 वर्ष पुराने एक मकबरे में एक पवित्र दरगाह मौजूद है, माना जाता है यहां कभी भारत के प्रसिद्ध सूफी संत बाबा फरीद का आगमन हुआ था। इस स्थल का नाम है इमाम नासीर मस्जिद है। आस्था से जुड़े लोग यहां के दिव्य वातावरण का स्पर्श पाने के लिए जरूर आते हैं।
इमाम नासीर मस्जिद के पास एक 400 वर्ष पुरानी एक जामा मस्जिद भी है। ये दो प्राचीन मस्जिदें अपनी सरंचना और वास्तुकला के बल पर सैलानियों को काफी हद तक प्रभावित करने का काम करती हैं।
सरदार भगत सिंह संग्रहालय
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ऐतिहासिक और प्रसिद्ध स्थलों में आप यहां शहीद-ए-आज़म सरदार भगत सिंह संग्रहालय की सैर कर सकते हैं। इस संग्रहालय का उद्घाटन 23 मार्च, 1981 को किया गया था। संग्रहालय की स्थापना भारत के वीर स्वतंत्रता सेनानी शहीद भगत सिंह के 50 वर्ष को चिह्नित करने के लिए की गई थी।
संग्रहालय का सटीक स्थान खट्कर कालियान में है जो भगत सिंह का पुश्तैनी गांव है। इस संग्रहालय में भगत सिंह से जुड़ी वस्तुओं को प्रदर्शित किया गया है। यहां भगत सिंह की उन चीजों को भी शामिल किया गया जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी हुईं हैं।
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देवी तालाब मंदिर
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आप जालंधर के धार्मिक स्थानों की दर्शन का भी प्लान बना सकते हैं। आप यहां देवी तालाब मंदिर आ सकते हैं, जो सती के प्रसिद्ध शक्ति पीठों में गिना जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार इस स्थल पर सती का दायां वक्ष गिरा था। माता के मंदिर का नाम यहां स्थित 200 साल पुराने तालाब के नाम पर रखा गया है।
वैसे तो आप यहां किसी भी समय आ सकते हैं लेकिन वार्षिक संगीत उत्सव के दौरान आएं तो ज्यादा आनंद का अनुभव कर सकेंगे। यह संगींत उत्सव 125 वर्षों से उत्तर भारतीय शास्त्रीय संगीत में मामले में एक कड़ा प्रतिभागी रहा है। यह त्योहार दिसंबर के दौरान आयोजित किया जाता है।
रंगला पंजाब हवेली
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पंजाब घूमने का मजा तब ही है जब आप वहां के पारंपरिक अनुभव ले पाओ। वहां के ठेठ इंसानों से बात और वहां के लजीज व्यंजनों को आनंद ले सको। आप यहां की रंगला पंजाब हवेली की सैर कर सकते हैं। यह हवली सैलानियों को बहुत हद तक आनंदित करने का काम करती है। यह एक रस्तरां है जो यहां आने वाले अतिथियों की सेवी पारंपरिक तरीके से करता है।
यह पंजाब के एकदम ठेठ गांव में स्थित है। यहां आप सप्ताहांत के दौरान आ सकते हैं। यहां आकर आप आकर्षक लोक संगीत और नृत्य प्रदर्शन के साथ लजीज भोजन का अनुभव ले सकते हैं।
पुष्पा गुजराल विज्ञान शहर
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उपरोक्त स्थानों के अलावा आप यहां पुष्पा गुजराल साइंस सिटी की सैर का आनंद ले सकते हैं। विज्ञान थीम पर आधारित यह सूचनात्मक मनोरंजन केंद्र पूर्व भारतीय प्रधान मंत्री आई.के गुजराल की मां पर रखा गया है। यह साइंस पार्क जालंधर-कपूरथला रोड में स्थित है।
इस पार्क में 20 से अधिक विज्ञान प्रदर्शन, नौकायन के लिए एक झील और एक विशाल डायनासोर मॉडल शामिल है। विज्ञान के शानदार अनुभव के लिए आप यहां की सैर का आनंद ले सकते हैं।