देश के दो बड़े राज्य उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश सीमा पर स्थित झांसी भारत के बुंदेलखंड क्षेत्र के महत्वपूर्ण शहरों में गिना जाता है। इस ऐतिहासिक शहर पर कभी मराठों का शासन था। इसके अलावा यह भारतीय क्रांतिकारियों में सबसे मशहूर वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई से भी संबंध रखता है, जिन्होंने 1857 के विद्रोह में अकेले ही अंग्रेजों के दांत खट्टे किए थे। लक्ष्मीबाई झांसी रियासत की रानी थीं।
शहर के ऐतिहासिक महत्व ने इसे एक खास पर्यटन स्थल बना दिया है। इस खास लेख में जानिए पर्यटन के लिहाज से झांसी आपके लिए कितना खास है, जानिए यहां कौन-कौन से स्थलों का प्लान बनाया जा सकता है।
झांसी का किला
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झांसी भ्रमण की शुरूआत आप यहां के ऐतिहासिक स्थलों से कर सकते हैं। आप यहां झांसी फोर्ट की सैर का प्लान बना सकते हैं, यह किला शहर की एक पहाड़ी पर स्थित है, जो कभी 11वीं से लेकर 17 शताब्दी तक चंदेल राजाओं का निवास स्थल हुआ करता था। मोटी ग्रेनाइट दीवारों के साथ इस किले में कई तोपों के साथ कई बुर्ज भी मौजूद हैं। इस किले में एक रानी महल भी है जो रानी लक्ष्मीबाई के रहने की स्थान था।
हालांकि अब रानी महल को एक पुरातात्विक संग्रहालय में तब्दील कर दिया है। जनवरी - फरवरी के दौरान यहां झांसी महोत्सव का आयोजन किया जाता है। इस दौरान आप यहां ज्यादा आनंद का अनुभव कर सकते हैं।
सरकारी संग्रहालय
झांसी फोर्ट के बाद अगर आप चाहें यहां के सरकारी संग्रहालय की सैर का प्लान बना सकते हैं। झांसी का सरकारी संग्रहालय सन् 1878 में स्थापित किया गया था और जिसमें भारत के दुर्लभ पुरातात्विक रत्नों में कुछ को सुरक्षित रखा गया है।
यहां की विशाल गैलरियों में आप प्राचीन चित्र, हथियार, पांडुलिपियां और चंदेल और गुप्त राजवंश के बाद के बाद की विभिन्न मूर्तियों को भी देख सकते हैं।
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चिरगांव
इन सब के अलावा आप झांसी से केवल 30 किलोमीटर दूर उत्तर प्रदेश के प्राचीन शहर चिरगांव की सैर का प्लान बना सकते हैं। यह भारत के सबसे संरक्षित प्राचीन शहरों में से एक है, जो अपने मंदिरों के लिए जाना जाता है।
आप यहां विभिन्न प्राचीन मंदिरों के साथ पवित्र तालाबों को भी देख सकते हैं। यदि आप वास्तव में क्षेत्रीय संस्कृति का अनुभव करना चाहते हैं तो यह स्थान आपके लिए एक आदर्श विकल्प रहेगा।
महाराजा गंगाधर राव की छत्री
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उपरोक्त स्थानों के अलावा आप महाराजा गंगाधर राव की छत्री स्थल की सैर का प्लान बना सकते हैं। महाराजा गंगाधर राव की छत्री महाराजा गंगाधर राव को समर्पित है और स्मारक का नाम भी उनके नाम पर ही रखा गया है। गंगाधर राव एक मराठा राजा था जिन्होंने यहां 19 शताब्दी के दौरान यहां राज किया था।
स्मारक एक सीनोटाफ है जिसे 1853 में रानी लक्ष्मिबाई ने अपने पति के लिए बनवाया था। स्मारक झांसी किले में स्थित है जिसे एक विशिष्ट मराठा हिंदू शैली में बनाया गया है।
कैसे करें प्रवेश
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झांसी एक उत्तर प्रदेश का एक प्राचीन शहर है जहां आप तीनों मार्गों से पहुंच सकते हैं। यहां का नजदीकी हवाईअड्डा ग्वालियर एयरपोर्ट है, रेल मार्गे के लिए आप झांसी रेलवे स्टेशन का सहारा ले सकते हैं।
अगर आप चाहें तो यहां सड़क मार्गों से भी पहुंच सकते हैं। बेहतर सड़क मार्गों से झांसी मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बड़े शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।
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