पूर्वोत्तर भारत के मेघालय राज्य स्थित जोवाई राज्य के सबसे महत्वपूर्ण वाणिज्यिक और शैक्षणिक केंद्र के रूप में गिना जाता है। यहां स्थित शिक्षण संस्थानों में बांग्लादेश समेत कई आसपास के देशों से छात्र पढ़ने के लिए आते हैं। आधुनिकता का हाथ थामें यह शहर अपनी प्राकृतिक सौंदर्यता के लिए भी खूब जाना जाता है।
दरअसल यह एक पठार पर स्थित शहर है जो तीन तरफ से मैनतदु नदी(Myntdu river) से घिरा हुआ है। समुद्र तल यहां इस स्थल की ऊंचाई लगभग 1380 मीटर की होगी। हरी-भरी पहाड़ियों के परिदृश्य वाला यह गंतव्य अपने शांत और सुखद वातावरण के बल पर यहां आने वाले सैलानियों को काफी हद तक आनंदित करता है। सर्दियों के साथ-साथ यह स्थान ग्रीष्मकाल में भी काफी सुहावना बना रहता है।
यही वजह है कि जोवाई पूर्वोत्तर का तेजी से विकसित होता एक खास पर्यटन स्थल बन गया है। इस खास लेख में जानिए घूमने फिरने के लिए यह शहर आपके लिए कितना खास है, जानिए यहां के सबसे आकर्षक स्थलों के बारे में।
सिन्तु कसीअर
जोवाई स्थित सिन्तु कसीअर एक विशाल भूमि क्षेत्र है जो म्यटडू नदी के तट पर स्थित है। यह एख खूबसूरत प्राकृतिक स्थल है जो अपने पिकनिक स्पॉट के लिए जाना जाता है। दूर-दूर से सैलानी यहां की आनंदित आबोहवा का लुफ्त उठाने के लिए आते हैं। सिन्तु कसीअर का शाब्दिक अर्थ होता है सोने का फूल। इस क्षेत्र ने अपने यह खास नाम अपनी खास भौगोलिक स्थित और बेशकीमती प्राकृतिक खजानों के वजह से पाया है।
इसके अलावा यह स्थान स्वतंत्रा संग्राम के एक स्थल के रूप में भी प्रसिद्ध है। यहां के स्वतंत्रता सैनानी कीयांग नोनबाह ने अंग्रेजों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। जिसके बाद अंग्रेजों ने नोनबाह को इसी शहर में फांसी की सजा दी थी। आगे जानिए और भी कई पर्यटन स्थलों के बारे में।
जारैन पिचर प्लांट झील
जोवाई स्थित जारैन पिचर प्लांट झील भी एक शहर का एक खूबसूरत पिकनिक स्पॉट है जहां दूर-दूर से सैलानी वीकेंड एन्जॉय करने के लिए आते हैं। यह स्थान अद्भुत दृश्यों से भरा हुआ है जो पर्यटकों को नयनसूख देने का काम करते हैं। आपने पिचर प्लांट के बारे में सुना होगा, इस स्थान पर इसी खास वनस्पति की प्रचुरता है। बता दें कि यह प्लांट बाकी पौद्यों की तुलना में काफी अलग हैं क्योंकि ये मांस खाते हैं। यह पौद्ये लगभग 50,000 वर्ग मीटर के क्षेत्र में लगाए गए हैं। पिचर पौधों की विशाल आबादी को देखने के लिए यह स्थान काफी खास माना जाता है।
इस स्थान का दूसरा आकर्षण झील के मध्य स्थित फव्वारा है। यह फव्वारा भी पिचर प्लांट की तरह ही बनाया गया है। झील में नौकायन की भी सुविधा भी उपलब्ध है। परिवार के साथ एक क्वालिटी टाइम स्पेंड करने के लिए यह स्थान काफी खास माना जाता है।
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नर्तियांग मोनोलिथ्स
नर्तियांग मोनोलिथ्स भारत के चुनिंदा मुख्य स्मारकों में से एक है जिसका अपना अलग राष्ट्रीय महत्व है। इसमें कई आश्चर्यजनक मेगालिथ(पत्थर की विशाल स्मारक) मौजूद हैं जिसमें से एक लगभग 27 फीट ऊंची और 7फीट चौड़ी संरचना है। इन स्मारकों का संबंध कुछ पूर्व-ऐतिहासिक काल से बताया जाता है।
नर्तियांग एक खास स्थान है जहां की सैर आपको कई ऐतिहासिक चीजों की तरफ ले जाएगी। इन सबसे अलग आप यहां के साप्ताहिक बाजार का आनंद भी ले सकते हैं। इसके अलावा यहां आसपास कई हिन्दू मंदिर मौजूद हैं जहां के दर्शन भी आप अपनी यात्रा के दौरान कर सकते हैं।
लालोंग पार्क
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जोवाई में आप लालोंग पार्क की सैर का भी प्लान बना सकते हैं। इस खूबसूरत पार्क का मुख्य आकर्षण यहां का दुर्लभ ग्रोव (एक प्रकार की वनस्पति)। पारिस्थितिकीय तंत्र को बरकरार रखने में इन वनस्पतियों का काफी योगदान है।
लालोंग सैलानियों के लिए इसलिए भी खास माना जाता है कि ये आपको पेंथोरबाह(Pynthorbah) घाटी के अद्भुत दृश्यों को देखने का मौका प्रदान करता है। पर्यटन के लिहाज इस पार्क को बढ़ावा देने के लिए इसे एक ईको पार्क के रूप में विकसित किया गया है।
थाडलासकें झील (Thadlaskein)
उपरोक्त स्थानों के अलावा आप जोवाई से 20 किमी की दूरी पर स्थित थाडलासकें झील की सैर का प्लान बना सकते हैं। यह मानव विज्ञान संबंधी महत्व के साथ एक शानदार झील मानी जाती है। झील का पानी बिलकुल क्रिस्टल की तरह साफ है, जो नीले आकाश से आती रोशनी के साथ चमक उठता है। झील के जल की शुद्धता बताती है कि यहां मनुष्य ने ज्यादा छेड़छाड़ नहीं की है।
मेघालय पर्यटन द्वारा प्रबंधित यहां एक एक छोटा होटल भी मौजूद है जो सैलानियों का आवश्यक सुविधा देने का काम करता है। ये थे जोवाई के चुनिंदा सबसे खास पर्यटन गंतव्य जहां का प्लान आप साल के किसी भी महीने बना सकते हैं। वीकेंड के लिए ये स्थान काफी खास हैं।
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