भारत के महाराष्ट्र राज्य स्थित कोल्हापुर एक छोटा मगर बेहद खूबसूरत शहर है, जिसने हाल के वर्षों में खुद को एक लोकप्रिय पर्यटन गंतव्य के रूप में विकसित किया है। इस शहर को प्राकृतिक सौंदर्यता और इतिहास का एक आदर्श मिश्रण माना जाता है। कोल्हापुर में मध्ययुगीन प्राचीन मंदिरों का खूबसूरत संग्रह मौजूद है, इसलिए यह शहर एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक केंद्र भी है।
ऐतिहासिक और प्राकृतिक महत्व के अलावा कोल्हापुर व्यापारिक गतिविधियों के लिए भी जाना जाता है। यहां बनने वाले कोल्हापुरी हार और कोल्हापुरी चप्पलों की भारतीय बाजारों में अच्छी खासी मांग है। विदेशी पर्यटकों को यहां बनाएं जाने वाले उत्पाद काफी ज्यादा पसंद आते हैं।
इन सब के अलावा यह शहर लजीज व्यजनों के लिए भी काफी प्रसिद्ध है। इस खास लेख में जानिए पर्यटन के लिहाज से यह शहर आपके लिए कितना खास है। जानिए उन स्थलों के बारे में जो कोल्हापुर की खूबसूरती को प्रदर्शित करने का काम करते हैं।
पन्हाला का किला
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कोल्हापुर एक ऐतिहासिक शहर है यहां आज भी अतीत से जुड़े किले-भवनों को देखा जा सकता है। आप यहां स्थित पन्हाला किला देख सकते हैं। यह किला मुख्य शहर से 21 किमी की दूरी पर स्थित है। इस ऐतिहासिक किले का निर्माण 1050 ईसवी में राजा भोज के मार्गदर्शन पर करवाया गया था। किले की मजबूत दीवारें आज भी इस किले के इतिहास की तरफ खींचती हैं।
यह किला शहर के सबसे खास पर्यटन गंतव्यों में गिना जाता है। इतिहास और कला प्रेमी इन स्थानों पर आकर आनंद और ज्ञान का विस्तार कर सकते हैं। लगभग 3128 फीट की ऊंचाई पर स्थित पन्हाला का किला कोल्हापुर में एक आदर्श वीकेंड के रूप में भी जाना जाता है। यहां के मुख्य आकर्षणों में किशोर दरवाजा, सजी कोठी के साथ विभिन्न मकबरे शामिल हैं।
छत्रपति शाहू संग्रहालय
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कोल्हापुर शहर की खूबसूरती और इतिहास को समझने के लिए आप यहां के छत्रपति शाहू संग्रहालय की सैर का प्लान बना सकते हैं। यह संग्रहालय महाराजा के महल के रूप में भी जाना जाता है। छत्रपति शाहू म्यूजियम का निर्माण 1883 के दौरान किया गया था। वास्तुकला के मामले में यह किला महाराष्ट्र में सबसे खास स्थलों में गिना जाना जाता है। यह संग्रहालय रॉयल फैमिली के नए निवास के तल पर स्थित है।
यहां अतीत से जुड़ी मूर्तियों, गहने, नक्काशी युक्त पत्थरों और युद्ध कलाकृतियों का एक बड़ा संग्रह मौजूद है। इस संग्रहालय की वास्तुकला में हिंदू और जैन शैलियों का सामूहिक प्रभाव साफ-साफ झलकता है। मराठा इतिहास जानने के लिए यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है।
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रंकाला झील
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ऐतिहासिक स्थलों के अलावा यहां के प्राकृतिक स्थलों की सैर का प्लान बना सकते हैं। यहां की रंकाला झील प्रसिद्ध पर्यटन स्थल के रूप में जानी जाती है। यह एक ऐतिहासिक झील है जिसका निर्माण 1800 के दौरान छत्रपति शासक शिवाजी के मार्गदर्शन पर बनवाई गई थी। इस झील को महाराष्ट्र की सबसे प्राचीन झीलों में से एक माना जाता है।
सूर्यास्त के दौरान यह झील ज्यादा खूबसूरत नजर आती है। इस दौरान यहां ज्यादा सैलानियों को देखा जा सकता है। झील में आसपास घुड़सवारी और झील में नौकायन जैसी गतिविधियों का रोमांचक आनंद लिया जा सकता है।
ज्योतिबा मंदिर
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उपरोक्त स्थानों के अलावा आप कोल्हापुर से 16 किमी की दूरी पर स्थित ज्योतिबा मंदिर के दर्शन का प्लान बना सकते हैं। यह मंदिर भगवान शिव के अवतार भगवान ज्योतिबा को समर्पित है। अपनी आकर्षक संरचना के साथ ज्योतिबा मंदिर लगभग 3200 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। इस भव्य मंदिर का निर्माण 1700 के दौरान बनाया गया था।
हर साल पूर्णिमा के दौरान यहां भव्य आयोजन किए जाते हैं जिसमें शामिल होने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु और सैलानी हिस्सा लेने के लिए आते हैं। कोल्हापुर से आप यहां तक बस या ऑटो सेवा के द्वारा पहुंच सकते हैं। आध्यात्मिक अनुभव के लिए आप इस मंदिर दर्शन जरूर करें।
महालक्ष्मी मंदिर
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ज्योतिबा मंदिर के अलावा आप यहां प्रसिद्ध महालक्ष्मी मंदिर के दर्शन के लिए आ सकते हैं। हिन्दू आस्था के मुख्य केंद्रों में से एक यह मंदिर मां अम्बे को समर्पित है। महालक्ष्मी मंदिर राज्य के सबसे चुनिंदा धार्मिक स्थलों में गिना जाता है। इस मंदिर का निर्माण 7 वीं शताब्दी के दौरान चालुक्य शासनकाल के अंतर्गत करवाया गया था। मंदिर की वास्तुकला देखने लायक है, दीवारों पर बनाई गईं कलाकृतियां ध्यान आकर्षित करती हैं।
वास्तुकला के मामले में इस मंदिर की सरंचना में मिश्रित शैली का इस्तेमाल किया गया है। मां अम्बे के अलावा यहां भगवान शिव, विष्णु और गणेश देवता की छवियां भी मौजूद हैं। आध्यात्मिक ज्ञान के करीब जाने के लिए आप यहां आ सकते हैं।
कला-दर्शन के प्रेमी हैं तो एक बार जरूर करें राजस्थान के रणकपुर की सैर