लक्षद्वीप तट पर स्थित कोल्लम केरल का एक प्राचीन बंदरगाह शहर है जिसे अंग्रेजी नाम क्लिओन से द्वारा भी संबोधित किया जाता है। 9वीं शताब्दी में वेणाड साम्राज्य के गठन तक यह क्षेत्र दक्षिण भारत के चेरा राजवंश के अंतर्गत रहा। तटीय शहर होने के कारण यहां व्यापारिक गतिविधियों को एक नया आयाम मिला, कई समय तक इस शहर के चीन, मिस्र और मलेशिया के साथ व्यापारिक संबंध रहे।
इसके अलावा संगम काल के दौरान इन शहर का अन्य देशों के साथ सांस्कृतिक आदान-प्रदान का सिलसिला भी चलता रहा। केरल के अधिकांश बड़े शहरों के साथ कोल्लम भी अपने मसालों और काजू उत्पादन के लिए जाना जाता है। वर्तमान में यह शहर राज्य का मुख्य पर्यटन गंतव्य है।
आरामदायक अनुभव के लिए यहां दूर-दराज से सैलानी आते हैं। इस खास लेख में जानिए पर्यटन के लिहाज से यह शहर आपके लिए कितना खास है साथ में जानिए इन गर्मियों आप कोल्लम के कौन-कौन से रिफ्रेशिंग स्थलों की सैर का प्लान बना सकते हैं।
शेंडुरुनी वन्यजीव अभयारण्य
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केरल अपने तटीय शहरों के साथ-साथ अपने वन संपदा के लिए भी काफी विख्यात है। यहां की घनी वनस्पतियां सैलानियों को बहुत हद तक रोमांचित करने का काम करती हैं। इन गर्मियों आप कोल्लम स्थित शेंडुरुनी वन्यजीव अभयारण्य का प्लान बना सकते हैं। यह वन्य क्षेत्र शहर के साथ-साथ राज्य के सबसे चुनिंदा पर्यटन स्थलों में गिना जाता है।
बता दें कि शेंडुरुनी वन्यजीव अभयारण्य केरल के सबसे अधिक वनस्पति समृद्ध क्षेत्रों में से एक जो 100 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला हुआ है। इस अभयारण्य की स्थापना सनू 1984 में की गई थी। कई पुरातात्विक स्थलों के साथ ये अभयारण्य बड़ी संख्या में जीव-वनस्पतियों को संरक्षण देने का काम करता है।
थंगासेरी
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केरल का मुख्य आकर्षण यहां के समुद्री तट हैं, जो देश-विदेश के सैलानियों का यहां आने का आमंत्रण देते हैं। समुद्र की लहरों के साथ दूर-दूर तक फैले ये आकर्षक तट पर्यटकों को दूर से ही रोमांचित कर देते हैं। खूबसूरत समुद्री तट का आनंद लेने के लिए आप केरल के तटीय शहर थंगासेरी की सैर का आनंद ले सकते हैं। यह एक प्राचीन शहर है जिसकी स्थापना पुर्तगालियों द्वारा 1502 में की गई थी। वाणिज्यिक गतिविधियां बढ़ने के साथ ही यह शहर काली मिर्च के व्यापरा का एक प्रमुख श्रोत बन गया।
यह शहर अपने सुंदर और साफ समुद्र तट और 44 मीटर लंबे लाइट हाऊस के लिए जाना जाता है जो शहर के अद्भुत दृश्यों को देखने का मौका देते हैं। पर्यटन की दृष्टि से यह शहर काफी महत्वपूर्ण है। यहां आप अन्य ऐतिहासिक स्मारकों को देखने का प्लान भी बना सकते हैं।
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पालारूवी जलप्रपात
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केरल के खूबसूरत शहर कोल्लम में आप 91 मीटर की विशाल ऊंचाई वाला विशाल पालारूवी जल प्रपात भी देख सकते हैं। यह जल प्रपात घोड़े की पूंछ की आकृति का है जो कोल्लम के चुनिंदा सबसे खास गंतव्यों में गिना जाता है। पालारुवी नाम का शाब्दिक अर्थ है दूध की धारा, ऊचांई से गिरता यहां का पानी दूध की धार समान लगता है।
केरल में घूमने के लिए यह एक योग्य स्थान है। खूबसूरत पहाड़ों की पृष्ठभूमि के साथ हरा हरा यहां का वातावरण शरीर और इंद्रियों को आराम देने का काम करता है। वर्तमान में यह स्थान एक आदर्श पिकनिक स्पार्ट के रूप में भी जाना जाता है।
मुनरो द्वीप
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प्राकृतिक जंगलों और समुद्री तटों की सैर के अलाव आप कोल्लम के प्रसिद्ध मुनरो द्वीप की सैर का प्लान बना सकते हैं। इस द्वीप का नाम एक ब्रिटिश कर्नल जॉन मुनरो के नाम पर रखा गया था। अस्थमुडी नदी के बैकवाटर में स्थित मुनरो द्वीप एक खूबसूरत पर्यटन स्थल है जो सैलानियों को बहुत हद तक अपनी ओर आकर्षित करता है।
एक यादगार छुट्टी बिताने के लिए आप यहां अपने परिवार या दोस्तों के साथ आ सकते हैं। यहां आप कई एडवेंचर गतिविधियों के साथ पक्षी विहार का भी आनंद ले सकते हैं।
थेणमाला
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उपरोक्त स्थानों के अलावा आप कोल्लम के थेणमाला पर्यटन स्थल की सैर का प्लान बना सकते हैं। थेणमाला भारत का पहला नियोजित पारिस्थितिकी पर्यटन गंतव्य है। इसके अलावा यह तमिल और मलयालम फिल्मों का पसंदीदा शूटिंग लोकेशन भी है। यह पर्यटन स्थल कल्लांडा नदी के पास स्थित है।
प्राकृतिक सौंदर्यता के साथ-साथ यह स्थल कई एडवेंचर गतिविधियों के लिए भी जाना जाता है। यहां आप ट्रेकिंग और पर्वतारोहण के रोमांचक आनंद ले सकते हैं। आप यहां का हैंगिंग ब्रिज देख सकते हैं जो यहां के मुख्य आकर्षणों में गिना जाता है।
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