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कर्नाटक : मधुगिरी पर्वत के पास मौजूद सबसे खास पर्यटन स्थल

कर्नाटक के तुम्कर जिले स्थित मधुगिरी पहाड़ी । Places to visit in madhugiri hills karnataka.

PC- Sangrambiswas

मधुगिरी दक्षिण भारत के कर्नाटक राज्य के तुम्कर जिले का एक खूबसूरत शहर है। यह शहर मुख्यत: अपनी एक प्रसिद्ध पहाड़ी के लिए जाना जाता है जिसका नाम मधुगिरी पर्वत है। इस एकल पर्वत की ऊंचाई लगभग 3,930 फीट की है, जो एशिया का दूसरा सबसे बड़ा मोनोलिथ है। इस पर्वत की खड़ी ढलानों पर ही एक एतिहासिक किला भी बना हुआ है। मधुगिरी में मूंगफली, रागी और आम, नारियल अनार आदि की खेती ज्यादा की जाती है।

प्राकृतिक दृष्टि से यह एक खास स्थल है। इसके आसपास कुछ किमी की दूरी पर कई दर्शनीय स्थल मौजूद हैं जहां का भ्रमण आप आसानी से कर सकते हैं। आइए जानते हैं पर्यटन के लिहाज से इस शहर में आपके लिए क्या-क्या मौजूद है।

मधुगिरी का किला

मधुगिरी का किला

PC- Saurabh Sharan

मधुगिरी नगर अपने इस ऐतिहसिक किले के लिए ही सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है। पहाड़ी की खड़ी ढलानों पर स्थित, मधुगिरी किला वास्तुकला और चट्टानों के मिश्रण का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। इस किले का निर्माण गंगा राजवंश के राजा हीरा गौड़ा ने सन् 1678 में करवाया था। कर्नाटक ऐतिहासिक भ्रमण के लिए यह किला काफी खास माना जाता है। इतिहास से जुड़े साक्ष्य बताते हैं कि राजा गौड़ कभी इस क्षेत्र में राज किया करते थे।

हालांकि अब यह किला अनुचित रखरखाव के कारण खंडहर अवस्था में है। बरसों के वीरान पड़ा यह किला ट्रेकिंग के लिए उपयोग में लाया जाता है। चूंकि यह ऊंचाई पर स्थित है इसलिए ट्रैवलर्स इस किले से होकर आगे की तरफ बढ़ते हैं। पहाड़ी के शीर्ष पर गोपालकृष्ण का एक मंदिर भी है।

जयमंगलली ब्लैकबक रिजर्व

जयमंगलली ब्लैकबक रिजर्व

मधुगिरी पर्वत और किला देखने के बाद आप यहां पास में ही स्थित जयमंगलली ब्लैकबक रिजर्व का भ्रमण कर सकते हैं। मधुगिरी से 25 किमी की दूरी पर स्थित यह रिजर्व 3.23 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला है। वनस्पतियों और जीवों से समृद्ध यह स्थान प्राकृतिक नजारों का लुप्त उठाने का पूरा मौका देता है। ब्लैकबक यहां का मुख्य आकर्षण के केंद्र है। इसके अलावा आप यहां विभिन्न पक्षी प्रजातियां और सरीसृप प्रजातियों को भी देख सकते हैं।

यह रिजर्व कई स्तनधारी जीवों को भी सुरक्षित आश्रय देने का काम भी करता है। यहां आप जंगली बिल्ली, खरगोश, भारतीय ग्रे मोंगोज़, भेड़िया और कई अन्य जानवरों को देख सकते हैं। अगर आप प्रकृति प्रेमी हैं तो यह स्थान आपके लिए सबसे अच्छा ऑपशन रहेगा।

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चन्द्रयण दुर्गा

चन्द्रयण दुर्गा

PC- Vikashegde

मधुगिरी के रास्ते पर लगभग 10 किमी की दूरी पर चन्द्रयण दुर्गा स्थान स्थित है। यह एक ऐतिहासिक स्थान है, यह नौ किलों में से एक है जिसके अंदर एक मंदिर और अर्द्ध बर्बाद संरचनाएं मौजूद हैं। इतिहास से जुड़े साक्ष्य बताते हैं कि इस किले को पाने के लिए कई लड़ाईयां लड़ी गई थीं। हालांकि वर्तमान में यह किला वीरान खंडहर के रूप में पड़ा है।

अब यह स्थान ट्रेकिंग के लिए जाना जाता है। दूर-दूर से ट्रैवलर्स यहां मुधगिरी में ट्रेंकिग के साथ-साथ यहां भी ट्रेकिंग का रोमांचक आनंद उठाते हैं। ट्रेकिंग जैसे साहसिक एडवेंचर के लिए यह जगह काफी खास मानी जाती है।

सिद्धारा बेटा

सिद्धारा बेटा

PC- Thymitesh

सिद्धारा बेटा मधुगिरी के पास सबसे ज्यादा भ्रमण करने वाले स्थानों में गिना जाता है। चट्टानी पहाड़ों, मंदिरों और गुफाओं से घिरा यह स्थान बैंगलोर के तुम्कर से लगभग 100 किमी की दूरी पर स्थित है। यह गंतव्य ट्रेंकिग के लिए सबसे खास माना जाता है। यहां ट्रैवलर्स के साथ-साथ तीर्थयात्रियों का आना जाना लगा रहता है।

श्रद्धालु यहां गुफा के अंदर विराजमान भगवान शिव के दर्शन के लिए आते हैं। यहां की पहाड़ी घने जंगलों से घिरी है जहां आप विभिन्न पक्षी प्रजातियों को देख सकते हैं। यहां पीले गले वाली बुलबुल की प्रजाति देखने के लिए सबसे खास है।

सिद्दागंगा मठ

सिद्दागंगा मठ

PC- Akshatha Inamdar

उपरोक्त स्थानों के अलावा आप सिद्दागंगा मठ की सैर का प्लान बना सकते हैं। सिद्दागंगा मठ मधुगिरी के पास लोकप्रिय तीर्थस्थलों में गिना जाता है। यहां 6 मंदिर स्थापित हैं। एक पहाड़ी पर स्थित यह सिद्धालिंगेश्वर मंदिर के लिए जाना जाता है। दूर-दूर से भक्त यहां अपने ढरों मनोकामनाएं लेकर पहुंचते हैं। आत्मिक और मानसिक शांति के लिए यह स्थान काफी खास है।

मंदिर के पास वीरशैव नाम का एक मठ स्थित है, जो उच्च शिक्षा केंद्र के रूप में जाना जाता है। सिद्दागंगा मठ एक प्राचीन मठ है जो कुछ गुरूकुल पद्दती पर आधारित है। खूबसूरत प्राकृतिक दृश्यों के साथ बसा यह स्थान बैंगलोर से लगभग 63 किमी की दूरी पर स्थित है।

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