दक्षिण भारत के तेलंगाना राज्य स्थित मेदक एक ऐतिहासिक शहर है, जो भारतीय स्वतंत्रता से पहले निजाम रियासत का हिस्सा हुआ करता था। वर्तमान में यह राज्य का नगरपालिका शहर है, जिसे विभिन्न सांस्कृतिक उत्सवों का केंद्र भी माना जाता है। विशेषकर वसंत श्रतु में बाथुकम्मा त्योहार के लिए मेदक काफी ज्यादा प्रसिद्ध है। ऐतिहासिक पर्यटन के लिहाज से यह नगर भारत के अन्य प्राचीन स्थलों की तरह ही है।
यहां आज भी आप प्राचीन किलों के साथ ब्रिटिश काल में बनाए गए आकर्षक भवनों को देख सकते हैं। यहां एक ऐसी पुरानी चर्च भी मौजूद है जो खूबसूरती के मामले में विदेशी संरचनाओं को भी टक्कर दे सकती है। इस खास लेख में जानिए अपने विभिन्न स्थलों के साथ मेदक किस प्रकार आपका मनोरंजन कर सकता है।
मेदक किला
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मेंदक भ्रमण के लिए आप सबसे पहले यहां के ऐतिहासिक किले(मेदक फोर्ट) की सैर का प्लान बना सकते हैं। इस प्राचीन किले का निर्माण दक्षिण भारत के शक्तिशाली काकतीय राजवंश के सम्राट प्रताप रूद्र के शासनकला के दौरान 2 वीं शताब्दी में किया गया था। इसे पहले मैथुकुदुर्गम के नाम से जाना जाता था। इस किले में तीन मुख्य प्रवेश द्वार हैं जो आकर्षक वास्तु और शिल्पकला से सजाए गए हैं।
यहां आप हिन्दू और इस्लामिक वास्तुकला का उत्कृष्ट मिश्रण देख सकते हैं। यह किला एक पहाड़ी पर बनाया है जहां आप कुतुब शाही शासकों द्वारा निर्मित 3.2 मीटर लंबी तोप भी देख सकते हैं। इसके अलावा यहां एक प्राचीन मस्जिद भी मौजूद है।
पोचाराम वन्यजीव अभयारण्य
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अगर आप ऐतिहासिक स्थलों से हटकर प्राकृतिक स्थलों की खोज में हैं तो आप यहां पोचाराम वन्यजीव अभयारण्य की सैर का प्लान बना सकते हैं। यह अभयारण्य पोचाराम झील के पास लगभग 130 वर्ग में फैला हुआ है। यहां आप वनस्पतियों और जीवों की विभिन्न प्रजातियों को देख सकते हैं। जंगली जीवों में आप यहां सांभर, नीलगाई, तेंदुआ, जंगली बिल्ली, भालू, जंगली कुत्ता, भेड़िया, सियार आदि को देख सकते हैं।
यह वन्य क्षेत्र विभिन्न पक्षी प्रजातियों को भी सुरक्षित आश्रय देने का काम करता है। पक्षी प्रजातियों में आप पेंटेड स्टॉर्क, बार-हेडेड गूज, ब्राह्मिनी डक आदि को देख सकते हैं। एक रोमांचक सैर के लिए आप यहां की यात्रा का प्लान बना सकते हैं।
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एडिथनुर गुफा
अगर आप नव-पाषाण युग के समय की झलक पाना चाहते हैं तो आप तेलंगाना की एडिथनुर गुफा(Edithanur Cave) की सैर का प्लान जरूर बनाएं। एडिथनूर दक्षिण भारतीय राज्य तेलंगाना में संगारेड्डी जिले में स्थित एक गांव है जो अपनी प्राचीन गुफाओं के लिए जाना जाता है। इतिहास के पन्ने बताते हैं कि इन गुफाओं की उत्पत्ति नियोलिथिक युग के दौरान हुई थी।
एडिथनुर गुफाओं की प्राचीन चित्रकारी (रॉक पेंटिग्स) यहां सैलानियों का ध्यान आकर्षित करने का काम करती है। ये प्राचीन चित्रकारी 2300 ईसा पूर्व से 900 ईसा पूर्व के समय की बताई जाती हैं। रोमांच के साथ रहस्य का अनुभव पाने के लिए आप यहां की सैर का प्लान बना सकते हैं।
पुरातत्व संग्रहालय
इतिहास को जानने का सबसे अच्छा विकल्प संग्रहालय से बेहतर और दूसरा कोई नहीं हो सकता। भारत में कई सारे पुरातात्विक संग्रहालय मौजूद हैं जो भारत के इतिहास को करीब से जानने का एक सुनहरा मौका प्रदान करते हैं। तेलंगाना में भी एक प्रसिद्ध पुरातात्विक संग्रहालय मौजूद हैं जहां की सैर का प्लान आप मेदक भ्रमण के दौरान बना सकते हैं। मेदक के अंतर्गत कोंडापुर नगर में स्थित यह म्यूजियम प्राचीन काल के विशाल संग्रह के लिए जाना जाता है।
20 शताब्दी के समय कोंडापुर खुदाई के दौरान मिली बहुत सी प्राचीन वस्तुओं को यहां सुरक्षित रखा गया है। जिसमें से बहुत से प्राचीन साक्ष्य सातवाहन राजाओं से संबंधित हैं। 1952 से यह संग्रहालय भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की देखरेख में है। (प्रतिकात्मक चित्र का प्रयोग)
मेदक चर्च
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उपरोक्त स्थलों का साथ आप मेदक के अनिवार्य पर्यटन स्थल मेदक चर्च की सैर करना न भूलें। यह चर्च मेदक का सबसे मुख्य आकर्षण है। यह भारत की सबसे खूबसूरत कैथर्डल चर्च में गिनी जाती है। जिसकी वास्तुकला किसी का भी मन मोह सकती है। इस चर्च का निर्माण चार्ल्स वाकर पॉस्नेट( ब्रिटिश वेस्लेयन मेथोडिस्ट्स) द्वारा किया गया था।
मेदक चर्च अपने तरीके की एशिया का पहली और वेटिकन के बाद विश्व का दूसरी चर्च है। इस ऐतिहासिक चर्च को गोथिक शैली में बनाया गया है। एक अलग अनुभव के लिए आप यहां की यात्रा का प्लान बना सकते हैं।