भागीरथी के पूर्वी तट पर स्थित मुर्शिदाबाद पश्चिम बंगाल का एक ऐतिहासिक शहर है। जो मुगल और ब्रिटिश काल के दौरान एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में उभरा। मुर्शिदाबाद के महत्व के विषय में इस बात से पता लगाया जा सकता है कि इसे मुगलों ने अपनी राजधानी के रूप में विकसित किया जिस तरह अंग्रेजो के अधीन बंगाल एक प्रशासनीक केंद्र रहा।
भारत के इतिहास के कई अहम पहलुओं को यहां ढूंढा जा सकता है। एक ऐतिहासिक यात्रा के लिए बंगाल का यह प्राचीन शहर एक आदर्श विकल्प है। इस खास लेख में जानिए पर्यटन के लिहाज से मुर्शिदाबाद आपके लिए कितना खास है, जानिए यहां शानदार प्राचीन महलों और अन्य इमारतों के बारे में।
हज़ारद्वारी महल
PC- Czarhind
मुर्शिदाबाद स्थित हज़ारद्वारी महल न सिर्फ बंगाल बल्कि भारत के खास महलों में गिना जाता है। इस हजार द्वार वाले महल का निर्माण 19वीं शताब्दी के दौरान नवाब नाज़ीम हुमायूं के शासन काल हुआ जब उनका बंगाल, बिहार और उड़ीसा में राज चलता था। इतिहास से जुड़े साक्ष्य बताते हैं कि निजामत किले के सामने कभी को पुराना किला हुआ करता था जिसे धव्स्त कर इस हज़ारद्वारी महल की नींव रखी गई।
इस आकर्षक संरचना को डंकन मैकलिओड नाम के एक विदेशी वास्तुकार ने बनाया था। वर्तमान में यह महल एक संग्रहालय के रूप में तब्दील कर दिया गया है, जिसमें अतीत से जुड़ी कई दुर्लभ वस्तुओं को प्रदर्शित किया गया है।
निजामात इमामबाड़ा
PC- Debashis Mitra
हज़ारदुआरी पैलेस के ठीक विपरीत मुर्शिदाबाद का दूसरा सबसे बड़ा आकर्षण निजामात इमामबाड़ा स्थित है। यहां कभी पुरानी मस्जिद को बंगाल के नवाब सिराज-उद-दौला ने बनवाया था, जिसे दो बार आगजनी का शिकार हुई और नष्ट हो गई।
जिसके बाद नया इमामबाड़ा नवाब नाज़ीम मंसूर अली खान ने 1847 में बनवाया। पुरानी मदीना मस्जिद महल और निजामात इमामबाड़ाके बीच है। मुर्शिदाबाद की ऐतिहासिक भूमि में खड़ा यह इमामबाड़ा देश का सबसे बड़ा इमामबाड़ा है।
झांसी के ये खास स्थल बनाएं उत्तर प्रदेश का भ्रमण यादगार
कतरा मस्जिद
PC- Shawan3007
हज़ारदुआरी पैलेस और निजामात इमामबाड़ा के बाद अगर आप चाहें तो यहां प्राचीन कतरा मस्जिद को भी देख सकते हैं। कटरा मस्जिद में मूल रूप से 5 गुंबद और 4 मीनारें थीं, जिनमें से कुछ हिस्से 1897 के भूकंप में नष्ट हो गए थे। कतरा मस्जिद नवाब मुर्शिद कुली खान की मकबरा है जिन्हें मुख्य प्रवेश द्वार की तरफ जाती सीढ़ियों के नीचे दफनाया गया है।
यह मस्जिद इस्मालिक शिक्षा के लिए जानी जाता है, जिसमें 2000 छात्रों के बैठने की क्षमता है। ऐतिहासिक भ्रमण के लिए आप इस प्राचीन मस्जिद की सैर का प्लान कर सकते हैं।
काटगोला
PC- Ujjwal Gayen
काटगोला सामूहिक रूप से काटगोला गार्डन, काटगोला पैलेस और काटगोला मंदिर प्रदर्शित करता है। लगभग 30 एकड़ की जमीन में फैले इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर आम की खेती की जाती है। काटगोला मंदिर भगवान आदिश्वर को समर्पित है। इस मंदिर में रखी मूर्ति 900 वर्ष पुरानी बताई जाती है।
वहीं काटगोला महल भी अपनी भव्यता के लिए काफी प्रसिद्ध है, चार मंजिला यह महल अपनी उत्कृष्ट वास्तुकला के लिए जाना जाता है। कोटगोला एक बहुत ही शानदार जगह है जहां आप अपनी मानसिक और शारीरिक थकान उतार सकते हैं। मुर्शिदाबाद भ्रमण के दौरान यहां आना न भूलें।
खुशबाग़
PC- Sagnik0123456789
उपरोक्त स्थानों के अलावा आप खुशबाग़ की सैर का प्लान बना सकते हैं। मुर्शिदाबाद के अधिकतर नवाबों ने यहीं के महलों में अपनी आखरी सांस ही, इसलिए उन्हें उनके परिवार के साथ यहीं दफनाया गया।
यहां कई कब्रिस्तान मौजूद हैं जिनमें से एक है खुशबाग यानी खुशी का बाग जहां मृत्यु के बाद नवाब अलीवर्दी खान और नवाब सिराज उद-दौला को उनके परिवार के साथ दफनाया गया था। यहां एक जफरगंज नाम का भी कब्रिस्तान मौजूद है जहां नजफी वंश के बाद के नवाबों को दफनाया गया था।