आंध्र प्रदेश स्थित नेल्लोर दक्षिण भारत के प्राचीन शहरों में गिना जाता है, जहां कभी शक्तिशाली दक्षिण शासकों को राज हुआ करता था। यह शहर बंगाल की खाड़ी के दक्षिण पूर्वी हिस्से के साथ बसा हुआ है। चूंकि यह एक प्राचीन शहर है इसलिए आप यहां कई ऐतिहासिक महत्व रखने वाले स्थानों का भ्रमण कर सकते हैं। यह शहर कला और व्यापार के लिए भी काफी प्रसिद्ध है।
अतीत से जुड़े के पन्ने बताते हैं कि यह नगर पुराने वक्त से ही सांस्कृतिक रूप से भी काफी आगे रहा है, जिसके उदाहरण यहां देखे जा सकते हैं। इस लेख के माध्यम से जानिए पर्यटन के लिहाज यह प्राचीन शहर आपको किस प्रकार आनंदित कर सकता है, जानिए यहां के प्रसिद्ध दर्शनीय स्थलों के बारे में।
उदयगिरी का किला
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नेल्लोर भ्रमण की शुरूआत आप यहां के ऐतिहासिक स्थलों से कर सकते हैं। लगभग 3079फीट की ऊंचाई पर स्थित उदयगिरी का किला यहां के प्रसिद्ध आकर्षणों में गिना जाता है। यह किला नेल्लोर करीब 100 किमी की दूरी पर स्थित है। उदयगिरी दरअसल एक पहाड़ी गांव है जहां यह किला बना हुआ है। अतीत से जुड़े पन्ने बताते हैं कि उदयगिरी 14 शताब्दी से संबंध रखता है।
माना जाता है कि यह स्थान कभी लंगुला गजापति की राजधानी हुआ करता था, जहां बाद में कृष्णदेव राय ने राज किया। यह प्राचीन किला कई दक्षिण शासकों के अंतर्गत रह चुका है, जिसमें चोल, पल्लव और विजयनगर शामिल हैं।
वेंकटगिरी का किला
नेल्लोर के पास ऐतिहासिक स्थलों में आप वेंकटगिरी फोर्ट की सैर का प्लान कर सकते हैं। यह किला वेंकटगिरी नगर में स्थित है जिसका निर्माण 1775 में रेचर्ला के राजाओं ने कराया था। यह एक शानदार किला है, जो चारो ओर घने जंगलों से घिरा है।
किले और आसपास के प्राकृतिक दृश्यों का आनंद लेने के लिए यहां सैलानियों का अच्छा खासा जमावड़ा लगता है। बता दें कि वेंकटगिरी नगर आपनी सूती की साड़ियों के बहुत ही प्रसिद्द है, जो जमादारी विधी से बनाई जाती हैं।
नेलापट्टू पक्षी अभयारण्य
ऐतिहासिक स्थलों के अलावा आप यहां के प्राकृतिक स्थलों की सैर का भी प्लान बना सकते हैं। नेलापट्टू पक्षी अभयारण्य यहां के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में गिना जाता है, जहां सैलानी एक शानदार वक्त बिताने के लिए आते हैं। यह एक पक्षी अभयारण्य है जहां आप देशी पक्षियों के अलावा प्रवासियों को भी देख सकते हैं। यहां तकरीबन 1500 हवासीलों को प्रवासी मौसम में देखा जा सकता है।
आप यहां और भी कई दुर्लभ पक्षियों को देख सकते हैं, जिसमें स्पूनबिल, नाइट हेरॉन ,ग्रेट, आदि इस अभयारण्य में लाइब्रेरी, म्यूजियम और सभागार भी मौजूद है।
पेंचालाकोना
प्राकृतिक स्थलों में आप यहां के लोकप्रिय पेंचालाकोना जलप्रपात की सैर का प्लान बना सकते हैं। पेंचालाकोना नेल्लोर से लगभग 80 किमी की दूरी पर स्थित है। यहां भगवान नरसिम्हा को समर्पित एक मंदिर भी स्थित है, जहां के दर्शन का पुण्य यहां आने वाले सैलानी भी उठाते हैं।
यह मंदिर वेदागिरा हिल्स पर बसा है। इस मंदिर से श्रद्धालुओं की गहरी आस्था जुड़ी है, माना जाता है यो वो स्थान है जहां भगवान वेंकटेश्वर ने अपने कमद रखे थे।
पुलिकट झील
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उपरोक्त स्थानों के अलावा आप यहां की पुलिकट झील की सैर का आनंद ले सकते हैं। यह झील आंध्र प्रदेश के साथ-साथ तमिलनाडु की सीमा में भी प्रवेश करती है। यह झील नेल्लोर का लगभग 600 वर्ग किमी का क्षेत्र कवर करती है। यह झील पक्षी प्रेमियों के लिए भी काफी प्रसिद्ध जगह हैं, जहां वे आऱाम से पक्षी विहार का आनंद ले सकते हैं। इस झील को 1976 में पक्षी अभयारण्य का दर्जा दिया गया था।
आप यहां देशी पक्षियों के साथ-साथ प्रवासी पक्षियों को भी देख सकते हैं। इस शहर को चावल नगरी भी कहा जाता है। आरामदायक छुट्टियां बिताने के लिए नेल्लोर एक आदर्श जगह है।