अगर आप भारत की विविध संस्कृति के प्रेम करते हैं और अपने अवकाश के लिए किसी प्राकृतिक स्थल की तलाश कर रहे हैं जो सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व रखता हो तो आपको दक्षिण भारतीय राज्य तेलंगान के निजामाबाद शहर का प्लान जरूर बनाना चाहिए। निजामाबाद पर्यटन के लिहाज से हर तरह के सैलानियों को आने का आमंत्रण देता है।
निजामाबाद विभिन्न राजवंशों द्वारा शासित एक प्राचीन शहर है इसलिए इस पर विभिन्न संस्कृतियों का प्रभाव पड़ा है। ऐतिहासिक तौर से यह शहर बहुत ही ज्यादा मायने रखता है। इस खास लेख में जानिए अपने विभिन्न स्थलों के साथ निजामाबाद आपको किस तरह आनंदित कर सकता है।
पोचाराम वन्यजीव अभयारण्य
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मई-जून की गर्मी के दौरान प्राकृतिक स्थलों से आदर्श और कोई स्थान नहीं हो सकता है। निजामाबाद में आप पोचाराम वन्यजीव अभयारण्य की सैर का प्लान बना सकते है। यह अभयारण्य पोचाराम झील के निकट बसा है इसलिए इसका नाम झील के नाम पर ही रखा गया है। 130 वर्ग किलोमीटर में फैला यह वन्य क्षेत्र विभिन्न जीव-वनस्पतियों को सुरक्षित आश्रय प्रदान करने का काम करता है।
जंगली जीवों में आप यहां तेंदुआ, भेड़िया, चीतल, सुस्त भालू, सांभर और मोर सहित अन्य जानवरों के देख सकते हैं। इसके अलावा आप यहां विभिन्न पक्षी प्रजातियों को भी देखने का आनंद प्राप्त कर सकते हैं। प्राकृतिक खजाने से भरा यह अभयारण्य जंगल एडवेंचर के लिए काफी खास माना जाता है।
अलीसागर रिजर्वोइयर
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पोचाराम वन्यजीव अभयारण्य के बाद आप चाहें तो अलीसागर रिजर्वोइयर की सैर का प्लान बना सकते हैं। अलीसागर रिजर्वोइयर शहर के प्रमुख आकर्षणों में गिना जाता है। यह स्थल निजामाबाद मुख्य शहर से लगभग 13 किमी दूरी स्थिति है। वीकेंड पर यहां सैलानियों का अच्छा खासा जमावड़ा लगता है। हैदराबाद के निजाम ने इस जलाशय के पास एक सुंदर बगीचे का भी निर्माण करवाया था।
लगभग 33 एकड़ का यह बगीचा हरी-भरी वनस्पतियों से सजा हुआ है। यहां आप नाना प्रकार के फूलों की प्रजातियों को देख सकते हैं। इस बगीचे में एक ट्री हाऊस और डियर पार्क भी है। अलीसागर उद्यान में की झील में नौकायन का आनंद भी उठा सकते हैं।
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निजाम सागर बांध
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अपने रोमांच को बढ़ाने के लिए आप यहां के निजाम सागर बांध की सैर का प्लान बना सकते हैं। निजाम सागर बांध गोदावरी नदी की सहायक नदियों में एक मंजेरा नदी पर बनाया गया है। इस बांध को वर्ष 1923 में
हैदराबाद और सिकंदराबाद की पानी की जरूरत को पूरा करने के लिए निर्मित किया गया था।
इस बांध को दुनिया के सबसे बड़े बांधों में गिना जाता है। यहां एक खूबसूरत बगीचा भी है। प्राकृतिक खूबसूरती के अलावा आप यहां नौकायन का भी रोमांचक आनंद उठा सकते हैं। एक आरामदायक अनुभव के लिए आप यहां जरूर आएं।
मल्लाराम वन
प्राकृतिक आनंद को दुगना करने के लिए आप यहां मल्लाराम वन की सैर का प्लान बना सकते हैं। मल्लाराम वन कुदरती खूबसूरती के बीच अपनी एडवेंचर गतिविधियों के लिए आफी जाना जाता है। यहां आप लंबी पैदल यात्रा के साथ रोमांचक ट्रेकिंग का आनंद ले सकते हैं। मल्लाराम वन ट्रेकिंग के लिए एक आदर्श स्थान माना जाता है। अगर आप एडवेंचर के साथ-साथ एक प्रकृति प्रेमी हैं तो यहां का प्लान जरूर बनाएं।
यहां का हरा-भार माहौल बहुत हद तक सैलानियों को आनंदित करने का काम करता है। इस स्थल को इको टूरिज्म के रूप में विकसित किया गया है। मल्लाराम वन की मुख्य विशेषताएं 1.45 अरब वर्ष पुरानी चट्टान है, जो इस स्थान को एक ऐतिहासिक रूप प्रदान करता है।
कांतेश्वर
उपरोक्त स्थानों के अलावा आप यहां के प्राचीन धार्मिक स्थल कांतेश्वर के दर्शन का प्लान बना सकते हैं। यह प्राचीन मंदिर अपनी आश्चर्यजनक वास्तुकला से यहां आने वाले सैनानियों का ध्यान खींचता है। इस मंदिर का निर्माण प्रसिद्ध सातवाहन राजा सताकर्णी द्वितीय ने करवाया था।
इतिहास के पन्ने बताते हैं कि यह मंदिर लगभग 500 साल से भी अधिक पुराना है। यह मंदिर प्राचीन स्थापत्य कला का एक अद्भुत उदाहरण है। मंदिर की वास्तुकला उत्तर भारतीय शैली से प्रभावित है। यहां के वार्षिक त्योहार रथ सप्तमी के दौरान भक्तों का भारी जमावड़ा लगता है।
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