पर्यटन के मामले में भारत का हिमाचल प्रदेश काफी उन्नत माना जाता है, हिमालय की बर्फीली पर्वत श्रृंखलाओं के साथ यह देश-विदेश के सैलानियों को अपने यहां आने का आमंत्रण देता है। साल भर यहां पर्यटकों को मौज मस्ती व आराम फरमाते देखा जा सकता है। वैसे तो यहां के अधिकांश स्थलों के बारे में पर्यटकों को पता रहता है लेकिन कुछ ऐसे भी अज्ञात स्थल हिमाचल में मौजूद हैं जहां कम ही सैलानी पहुंच पाते हैं।
कुछ ऐसा ही स्थल है सोलन जिले में स्थित परवाणु। हिमालय की शिवालिक पर्वत श्रृंखला के साथ फैला हुआ यह पर्वतीय क्षेत्र प्राकृतिक खजानों से लबरेज है। इस स्थान के जानकार सैलानी यहां के अनुकूल वातावरण के कारण ट्रेकिंग और हाइकिंग ट्रेल्स का आनंद लेने के लिए आते हैं।
आप यहां साल के किसी भी महीने प्राकृतिक सौंदर्यता के बीच आराम फरमाने के लिए आ सकते हैं। इस खास लेख में जानिए परवाणु और उसके आसपास की खास जगहों के बारें में जहां का प्लान आप यहां की यात्रा के दौरान बना सकते हैं।
यादवेंद्र गार्डन
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परवाणु से लगभग 14.5 किमी की दूरी पर स्थित आप मुगल गार्डन की सैर का प्लान बना सकते हैं। यह खूबसूरत मुगल गार्डन यादवेंद्र गार्डन ने नाम से जाना जाता है। यह गार्डन 17 वीं शताब्दी के दौरान मुगलों की सर्वोच्चता के तहत नवाब फिदल खान द्वारा डिजाइन किया गया था। पंक्तियों के साथ बनाईं गईं यहां फूलों की क्यारियां देखने लायक हैं।
आकर्षक फव्वारों के साथ डिजाइन किया गया है यह बगीचा मानसिक थकान उतारने के लिए सबसे खास स्थान है। इस बड़े उद्यान में राज्य सरकार द्वारा विभिन्न सावर्जनिक कार्यक्रम और उत्सवों का आयोजन किया जाता है जिसमें लोकप्रिय बैसाखी का पर्व भी मनाया जाता है।
फल उद्यान
परवाणु की प्राकृतिक खूबसूरती को अगर करीब से देखना है तो यहां के फल उद्यानों की सैर का आनंद जरूर उठाएं। परवाणू की अर्थव्यवस्था का मुख्य स्रोत फल उत्पादन है इसलिए आपको यहां अधिक संख्या में हरे भरे बाग-उद्यान जरूर दिख जाएंगे।
शिवालिक पर्वत श्रंखला में स्थित परवाणु का मौसम सेब और आड़ू जैसे फलों की खेते के लिए सबसे आदर्श माना जाता है। यहां उगाए गए फल अव्वल दर्जे के होते हैं जिन्हें देश के विभिन्न राज्यों के साथ विदेशों में भी निर्याता किया जाता है।
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गोरखा का किला
परवाणु में प्राकृतिक स्थानों के अलावा कुए ऐतिहासिक स्थलों की सैर का प्लान बना सकते हैं। गोरखा प्रमुख अमर सिंह थापा द्वारा बनवाया गया गोरखा फोर्ट यहां के चुनिंदा सबसे खास पर्यटन स्थलों में गिना जाता है।
समुद्र तल से लगभग 1,371 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह किला अपनी अद्भुत संरचना के बल पर सैलानियों को आश्चर्यचकित करने का काम करता है।
यह किला अंग्रेजों के खिलाफ रणनीतिक लाभ उठाने के उद्देश्य से बनवाया गया था। चीड़-देवदार के घने जंगलों के बीच यह किला यहां की एक छावनी में स्थित है। गोरखा इतिहास को जानने के लिए आप यहां की यात्रा का प्लान बना सकते हैं।
मनसा देवी मंदिर
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उपरोक्त स्थानों के अलावा आप परवाणु से मनसा देवी मंदिर की यात्रा का प्लान बना सकते हैं। यह मंदिर हिन्दू धर्म के लोगों के लिए मुख्य आस्था का केंद्र है जहां सालभर श्रद्धालुओं का आना जाना लगा रहता है। इस मंदिर का निर्माण इस क्षेत्र के शासक महाराजा गोपाल सिंह द्वारा 17वीं शताब्दी के दौरान बनाया गया था।
यह भव्य मंदिर मां शक्ति की अवतार मंसा देवी को समर्पित है। नरवात्रि के दैरान यहां भव्य आयोजन किए जाते हैं। इसके अलावा कई अन्य सांस्कृति कार्यक्रमों का भी आयोजन यहां मंदिर परिसर में कराया जाता है।
कैसे करें प्रवेश
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परवाणु हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में स्थित है यहां आप तीनों मार्गों से पहुंच सकते हैं। यहां का नजदीकी हवाईअड्डा चंडीगढ़ एयरपोर्ट है। रेल सेवा के लिए आप कालका रेलवे स्टेशन का सहारा ले सकते हैं।
अगर आप चाहें तों यहां सड़क मार्गों के माध्यम से भी यहां तक का सफर तय कर सकते हैं। सोलन राज्य के बड़े पर्यटन स्थलों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।