गुजरात में सौराष्ट्र के पश्चिमी तट पर स्थित पोरबंदर एक ऐतिहासिक तटीय शहर है जो अरब सागर के साथ अपनी सीमा साझा करता है। इसी स्थान पर असमावती नदी अरब सागर के साथ मिलती है। इस शहर के इतिहास पर नजर डालें तो पता चलता है कि इसका संबंध महाभारत काल से है। पोरबंदर कुष्ण के प्रिय मित्र सुदामा का जन्म स्थान भी है। इसके अलावा इस स्थान पर हडप्पा कालीन साक्ष्यों के प्रमाण भी मिलते हैं। यह पुराने समय में समुद्री गतिविधियों का काफी खास स्थान रहा है।
पोरबंदर का आधुनिक इतिहास राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से जुड़ा है, इस स्थान को बापू की जन्मस्थली कहा जाता है। ब्रिटिश शासन के दौरान यह शहर एक रियासत के तौर पर भी जाना गया। भौगोलिक दृष्टि से यह एक खास गंतव्य है जो अपनी तटरेखा, पहाड़ियों, नदियों व झीलों के लिए जाना जाता है। इस खास लेख में जानिए पर्यटन के लिहाज से यह स्थान आपके लिए कितना खास है, जानिए वीकेंड आप यहां कौन-कौन से स्थलों का भ्रमण कर कर सकते हैं।
श्री हरि मंदिर
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पोरबंदर प्राकृतिक खूबसूरती के बीच अपनी सांस्कृतिक सौंदर्यता के लिए पूरे विश्व में जाना जाता है। यहां कई धार्मिक स्थल मौजूद हैं जहां आप अद्भुत आत्मिक-मानसिक शांति का अनुभव कर सकते हैं। शहर स्थित श्री हरि मंदिर के दर्शन का प्लान आप अपने परिवार या दोस्तों के साथ बना सकते हैं। इस खूबसूरत मंदिर का निर्माण 20वीं शताब्दी के दौरान किया गया था। इस मंदिर से हिन्दू श्रद्धालुओं की गहरी आस्था जुड़ी हुई है। लगभग 85 एकड़ भूमि में फैले इस मंदिर का परिवार स्वच्छ और काफी शांत है। अपने 65 स्तंभों के साथ यह मंदिर 105फीट ऊंचा बना हुआ है। जिसकी झलक आप दूर से ही दिख जाती है। मंदिर में राधाकृष्ण, भगवान गणेश, भगवान हनुमान और श्री जंकी वल्लभ की मूर्तियां स्थापित हैं। मंदिर में रोजाना नियमित रूप से आध्यात्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियां की जाती हैं।
कृष्णा-सुदामा मंदिर
पोरबंदर के मुख्य आकर्षणों में कृष्णा-सुदामा मंदिर भी शामिल है। शहर के ह्रदय क्षेत्र में स्थित यह मंदिर भगवान कृष्ण और उनके मित्र सुदामा को समर्पित है। इस भव्य मंदिर का निर्माण 20 शताब्दी के पहले दशक में किया गया था। मंदिर की मुख्य मूर्तियां यहां आने वाले श्रद्धालुओं और सैलाानियों को काफी ज्यादा आकर्षित करती हैं। जहां सुदामा भगवान कृष्ण के सिंहासन पर बैठे हैं और कृष्ण और उनकी पत्नी रुक्मानी अपने खोए हुए मित्र पर प्यार की बौछार कर रहे हैं। मंदिर परिसर में भी एक भूलभुलैया भी मौजूद है, ऐसा कहा जाता है कि किसी को अगर अपने पिछले जन्मे के पापों मुक्त होना है तो उसे यह भूलभुलैया पार करना चाहिए। मंदिर की वास्तुकला देखने लायक है।
पोरबंदर पक्षी अभयारण्य
धार्मिक स्थानों के अलावा आप पोरबंदर स्थित प्राकृतिक स्थलों की सैर का भी प्लान बना सकते हैं। अगर आप प्रकृति प्रेमी हैं और कुदरत की खूबसूरती को करीब से देखना चाहते हैं तो आप पोरबंदर पक्षी अभयारण्य की सैर का प्लान बना सकते हैं। एक वर्ग किमी में फैला यह अभयारण्य सबसे छोटे मगर आकर्षक पक्षी अभयारण्यों में गिना जाता है। एख छोटी झील के चारों ओर फैला यह क्षेत्र पक्षियों को सुरक्षित आश्रय देने के लिए बना है। यहां आप स्थानीय और प्रवासी दोनों तरह के पक्षियों को देख सकते हैं। आप यहां फ्लेमिंगो, आईबीएस, कर्ल, फवल्स और टील्स जैसी पक्षी प्रजातियों को देख सकते हैं।
चौपाटी बीच
मुंबई स्थित चौपाटी के नाम पर पोरबंदर में भी चौपाटी नाम का खूबसूरत तटीय स्थल है। चौपाटी बीच राज्य के सबसे मज़ेदार और शांत समुद्र तटों में गिना जाता है। आप यहां स्थानीय लोगों के साथ दूर-दूर से आए पर्यटकों को आराम फरमाते देख सकते हैं। अरब सागर से सूर्योदय और सूर्यास्त देखना सैलानियों का काफी ज्यादा भाता है। आप यहां नौकायन के जरिए आसपास समुद्री आबोहवा का आनंद जी भरकर उठा सकते हैं। एक यादगार अवकाश बिताने के लिए यह स्थान काफी खास माना जाता है। इसके अलावा आप समुद्र तट के पास लजीज व्यंजनों का आनंद भी उठा सकते हैं।
कीर्ति मंदिर
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पोरबंदर स्थित कीर्ति मंदिर महात्मा गांधी को समर्पित एक खास स्मारक है। यह मंदिर तीन मंजिला है जिसे एक हवेली (बापू का घर) के रूप में बनाकर तैयार किया गया है। जिस जमीन पर यह मंदिर खड़ा है वो बापू के पूर्वजों की संपत्ति हुआ करती थी जिसे बाद में किसी प्रसिद्ध उद्योगपति ने खरीद कर किर्ति मंदिर में परिवर्तित करने काम किया। मंदिर में महात्मा गांधी और उनकी मां कस्तूरबा गांधी के जीवन को चित्रों के माध्यम से देखा जा सकता है। यहां की दीवारों को गांधी के जीवन चित्रों से सजाया गया है, जो किसी संग्रहालय का काम करता है। यहां महात्मा गांधी के जन्म स्थान को स्वास्तिका के साथ चिह्नित किया गया है। पर्यटन के लिहाज से पोरबंदर एक खास स्थान है।