भारत का प्राचीन शहर है प्रयागराज। बता दें इसे पहले इलाहाबाद के नाम से जाना जाता था। प्रयागराज उत्तर प्रदेश में गंगा और यमुना नदी के तट पर स्थित है। प्रयागराज भारत के लगभग सभी समुदायों के लिए एक पवित्र शहर है। यहां हिंदुओं के लिए, अनगिनत मंदिर और त्रिवेणी संगम हैं। सेथ ही यहां यहां खुसरो बाग जैसे मकबरे और कई मस्जिदें भी हैं।
इस क्षेत्र का मुगल इतिहास इलाहाबाद किले में परिलक्षित होता है, वहीं ब्रिटिश इतिहास को स्वराज भवन और आनंद भवन जैसे पार्कों और स्मारकों में संक्षेपित किया गया है।
प्रयागराज में स्थित सुमित्रानंदन पार्क और चंद्रशेखर आजाद पार्क जैसे कुछ खूबसूरत पार्क भी हैं। वहीं अगर विज्ञान की बात करें तो यहां जवाहर तारामंडल है। प्रयागराज के पर्यटन स्थल संस्कृति, रीति-रिवाज, परंपरा और इतिहास से भरपूर हैं।
यहां हम आपको बताएंगे प्रयागराज में घूमने के लिए कुछ बेहतरीन जगहें।
त्रिवेणी संगम
हिंदू धर्म में तीन सबसे महत्वपूर्ण नदियों का संगम है त्रिवेणी संगम। यह प्रयागराज में स्थित एक पवित्र स्थान है। यह प्रयागराज में घूमने के लिए सबसे लोकप्रिय और पवित्र स्थानों में से एक है। यहां अक्सर महत्वपूर्ण मेलें और त्योहार होते हैं।
बता दे संगम में गंगा, यमुना और सरस्वती नदी का मिलन होता है। संगम को गंगा और यमुना नदी के अलग-अलग रंगों से आसानी से पहचाना जा सकता है। इस क्षेत्र की लोकप्रियता के कारण, प्रयागराज के को कभी-कभी संगम भी कहा जाता है। हर 12 साल में, इस स्थान पर कुंभ मेला आयोजित किया जाता है, जबकि हर छह साल में अर्ध कुंभ का आयोजन किया जाता है।
इलाहाबाद किला
प्रसिद्ध मुगल बादशाह अकबर ने इलाहाबाद किले को 15वीं शताब्दी में बनवाया था। यह अकबर के द्वारा बनाया गया सबसे बड़ा किला है। यह शानदार किला यमुना नदी के तट पर स्थित है। इस किले का इस्तेमाल अब भारतीय सेना द्वारा किया जाता है।
अल्फ्रेड पार्क
अल्फ्रेड पार्क प्रयागराज की सबसे अच्छी जगहों में से एक है। इसे चंद्रशेखर आजाद पार्क के नाम से जाना जाता है। इतिहास के अनुसार, शहर में प्रिंस अल्फ्रेड के स्वागत के लिए पार्क एक श्रद्धांजलि थी।
कहा जाता है की प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी चंद्रशेखर आजाद की पुलिसकर्मियों से मुठभेड़ हो गई थी। जिसके बाद वह घायल हो गए और पुलिस से बचने के लिए चंद्रशेखर आजाद ने यहां खुद को गोली मार ली।
अलोपी देवी मंदिर
अलोपी देवी मंदिर एक अनोखा मंदिर है। इस मंदिर में देवी-देवताओं की कोई मूर्ति नहीं बल्की लकड़ी का बना रथ है। इस रथ की पूजा करने के लिए पूरे भारत से हजारों शिव के भक्त आते हैं। इस रथ को लेकर एक पौराणिक कहानी है।
न्यू यमुना ब्रिज
न्यू यमुना ब्रिज एक केबल-स्टे ब्रिज है, जिसे छह लेन के साथ बनाया गया है। बता दें यह भारत में इस तरह का पहला पुल है। 1510 मीटर लंबा यह पुल यमुना नदी पर बना है। यह प्रयागराज को नैनीताल से जोड़ता है।
अशोक स्तंभ
अशोक स्तंभ मौर्य राजा अशोक द्वारा बनाया गया एक अद्भुत निर्माण है। इसका निर्माण कौशांबी में किया गया था। लेकिन, बाद में मुगल शासकों ने इसे इलाहाबाद स्थानांतरित कर दिया। अब यह इलाहाबाद किले के बाहर स्थित है। आप यहां प्रसिद्ध भारतीय सम्राटों के कई शिलालेख देख सकते हैं।