अजी और न्यारी नदियों के नजदीक स्थित राजकोट गुजरात का प्राचीन शहर है, जिसे बसाने का श्रेय ठाकुर साहेब विभाजी अजो जी जडेजा को जाता है, जिन्होंने 17वीं शताब्दी में इस शहर को बसाने का सपना देखा। यह शहर लंबे समय तक जडेजा राजाओं के अधीन रहा, जिसके बाद यहां कई और शासकों का शासन रहा। वर्तमान में यह शहर अहमदाबाद, सूरत और वडोदरा के बाद गुजरात के चौथे बड़े शहर के नाम से जाना जाता है।
यह शहर अपने रेशम के काम, गोल्ड ज्वेलरी वर्क के लिए ज्यादा जाना जाता है। यह भारत का एक उभरता हुआ विकासशील शहर है। इसके अलावा यह शहर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के लिए भी जाना जाता है, उन्होंने अपने बचपन का एक बड़ा समय राजकोट में ही बिताया था। इस लेख के माध्यम से जानिए पर्यटन के लिहाज से यह शहर आपके लिए कितना खास है।
डॉल म्यूजियम
राजकोट अपने ऐतिहासिक महत्व के अलावा आप अपने अन्य आक्रषणों के लिए भी जाना जाता है। यहां स्थित रोटरी मिडटाउन डॉल म्यूजियम शहर के प्रसिद्ध दर्शनीय स्थलों में गिना जाता है। यह एक अद्भुत संग्रहालय है जहां विश्व भर की डॉल्स को प्रदर्शित किया गया है। यहां देश की 100 और अन्य राष्ट्रों की 1500 डॉल्स को रखा गया है।
इन गुड़ियों को विभिन्न देशों से खरीद कर लाया गया है, जो यहां अपने राष्ट्र के झंडे के साथ प्रदर्शित की गई हैं। राजकोट घूमने आए सैलानी यहां आना पसंद करते हैं। इसके अलावा यहां डॉल और मूर्ति बनाना भी सिखाया जाता है।
वाटसन म्यूजियम
PC- Gaurang
डॉल म्यूजियम की सैर के अलावा आप यहां के प्रसिद्ध वाटसन म्यूजियम कै सैर का प्लान भी बना सकते हैं। यह एक खास संग्रहालय है जो औपनिवेशिक भारत और राजकोट के विषय में काफी ज्यादा जानकारी देता है। यहां पुराने समय की दुर्लभ और अनमोल वस्तुओं को प्रदर्शित किया गया है। यहां इंसानी इतिहास और संस्कृतिक पर ज्यादा ध्यान केंद्रीत किया गया है।
इसके अलावा आप यहां सिंधु घाटी सभ्यता और सौराष्ट्र रियासत की की पेंटिंग भी देख सकते हैं। यहां उपलब्ध गाइड की मदद से आप म्यूजियम का ठीक से भ्रमण कर सकते हैं।
अजी बांध
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संग्रहालयों के अलावा आप यहां के प्राकृतिक स्थलों की सैर का भी प्लान बना सकते हैं। आप यहं अजी बांध की सैर का प्लान बना सकते हैं। विभिन्न उद्देश्यों को पूरा करने वाला यह डैम यहां की अजी नदी पर बना है। अजी डैम यहां के शानदार पर्यटन स्थलों में गिना जाता है, जहां पर्यटकों को देखते हुए एक पार्क और चिड़ियाघर का भी निर्माण किया गया है। परिवार के साथ पिकनिक मनाने के लिए यह एक आदर्श स्थान है। अगर आप राजकोट आएं तो यहां आना बिलकुल न भूलें।
खंभालिडा गुफा
राजकोट में आप खंभालिडा गुफा की सैर का प्लान भी बना सकते हैं। खंभालिडा तीन गुफाओं का समूह है, जो चौथी और पांचवी शताब्दी के बाद के समय से संबंध रखती है। इन गुफाओं में बौद्ध धर्म से जुड़े कई साक्ष्य प्राप्त किए गए हैं।
यहां चैत्य और स्तूप मध्य गुफा के प्रवेश द्वार में स्थित है। यहां बौद्ध धर्म से जुड़ी मूर्तियां भी प्राप्त की गई हैं। यह गुफा बौद्ध वास्तुकला को भली भांति प्रदर्शित करती है। अगर आप इतिहास में दिलचस्पी रखते हैं तो यहां आ सकते हैं।
प्रेम मंदिर
उपरोक्त स्थानों के अलावा आप यहां के प्रेम मंदिर के दर्शन भी कर सकते हैं, अपनी खूबसूरत वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध यह टेंपल यहां आने वाले पर्यटको को बहुत हद तक प्रभावित करने का काम करता है। यह मंदिर एक कैथेड्रल है, जो ईसाई धर्म के परम ईश्वर ईसा मसीह को समर्पित है। यह कैथेड्रल न सिर्फ ईसाई धर्म बल्कि अन्य धर्मों को भी प्रदर्शित करता है।
यहां पांच गुंबद बने हुए हैं, जिनपर विभिन्न धर्मों से संबंधित लेख उकेरे गए हैं। मुख्य गुबंद पर गुलाब और क्रॉस का चिह्न बना है। प्रेम मंदिर में बौद्ध, इस्लाम, ईसाई और हिन्दू धर्म से जुड़ी छाप मिलती है।