तिरुचिराप्पल्ली दक्षिण भारतीय राज्य तमिलनाडु का चौथा सबसे बड़ा शहर है जो अपने ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है। इतिहास के पन्ने खंगाले तो पता चलता है कि शहर का संबंध तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व से है। प्राचीन काल से लेकर मध्यकाल तक यह शहर कई राजवंशों के अधीन रहा।
एक बाद एक साम्राज्यों ने इस शहर के गौरवशाली अतीत के पन्नों को जोड़ने का काम किया। चोल, पांड्य, पल्लव, विजयनगर साम्राज्य, कर्नाटक साम्राज्य और अंग्रेजों ने यहां लंबे समय तक राज किया, और वर्षों तक शहर की संस्कृति को प्रभावित किया। विभिन्न सांस्कृतिक प्रभावों के परिणामस्वरूप तिरुचिराप्पल्ली वर्तमान में अपने विभिन्न ऐतिहासिक स्मारकों और प्राचीन मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है।
इसके अलावा, कावेरी नदी के विभिन्न तटो से घिरे होने के कारण यह शहर वनस्पति और प्राकृतिक संसाधनों में भी समृद्ध है। आइए इस खास लेख में जानते हैं पर्यटन के लिहाज से यह शहर आपके लिए कितना खास है।
रॉकफोर्ट मंदिर
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रॉकफोर्ट मंदिर तिरुचिराप्पल्ली का लोकप्रिय ऐतिहासिक किला और मंदिर है जिसका निर्माण एक बड़ी चट्टान के ऊपर किया गया है। रॉकफोर्ट एक प्राचीन किले और मंदिर को संदर्भित करता है। इतिहास से जुड़े साक्ष्य बताते हैं रॉकफोर्ट का कर्नाटक युद्ध में एक प्रमुख भूमिका रही है जिसने भारत में ब्रिटिश शासन स्थापित करने में मदद की।
इस किले में प्रसिद्ध उची पिल्लयार मंदिर भी है जो 7 वीं शताब्दी में बनाया गया था। यह मंदिर किले परिसर की एक चट्टान के ऊपर 83 मीटर ऊंचाई पर स्थित है। इसके अलावा 508 ईस्वी में पल्लवों द्वारा निर्मित गुफा मंदिर भी किले की मुख्य संरचनाओं में गिनी जाती है।
श्री रंगनाथस्वामी मंदिर
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तिरुचिराप्पल्ली स्थित श्री रंगनाथस्वामी मंदिर दुनिया के सबसे बड़े कार्यशील हिंदू मंदिरों में गिना जाता है। यह भव्य मंदिर 6 वीं और 9वीं सदी के बीच अजहर संतों द्वारा बनाया गया था। खूबसूरत वास्तुकला से सजा यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है और दुनिया में 108 दिव्य विष्णु मंदिरों में से पहला है।
मंदिर परिसर 156 एकड़ में फैला हुआ है जिसका निर्माण द्रविड़ शैली में करवाया गया है। मंदिर गोपुरम की ऊंचाई 72 मीटर है जिसमें 72 स्तर हैं। धार्मिक पर्यटन के मामले में यह एक खास गंतव्य है।
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जंबुकेश्वर मंदिर
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श्री रंगनाथस्वामी मंदिर के अलावा आप जंबुकेश्वर मंदिर के दर्शन का प्लान बना सकते हैं। यह भव्य मंदिर तमिलनाडु के 5 प्रमुख मंदिरों में से एक है जो देवों को देव महादेव को समर्पित हैं। मंदिर के इतिहास जानने की कोशिश करें तो पता चलता है कि इसका निर्माण द्वितीय शताब्दी ईस्वी में चोलों द्वारा द्रविड़ शैली में करवाया गया था।
मंदिर के अद्भुत पत्थरों की नक्काशी विभिन्न पौराणिक घटनाओं को दर्शाती हैं। धार्मिक और ऐतिहासिक पर्यटन के तौर पर यह मंदिर एक खास स्थल है।
कल्लानाई बांध
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किले और धार्मिक स्थानों के अलावा आप तिरुचिराप्पल्ली में खूबसूरत कल्लानाई बांध की सैर का प्लान बना सकते हैं। कल्लानई बांध तमिलनाडु राज्य के प्रमुख आकर्षणों में गिना जाता है। यह एक प्राचीन बांध है जिसका निर्माण लगभग 2000 साल पहले बनाया किया गया था। वर्तमान सरंचना से अलग इस बांध का कई बार नवीनीकरण किया जा चुका है।
कल्लानाई बांध दूसरी शताब्दी ईस्वी में चोलों द्वारा बनाया गया था जो दुनिया की सबसे पुराने बांधों में गिना जाता है। पर्यटन के लिहाज से स्थान काफी खास है जो शांतिपूर्ण वातावरण से भरा है। वीकेंड पर अकसर यहां सैलानी आनंद का अनुभव करने के लिए आते हैं।
पुलिआन्छोलाई फॉल्स (Puliancholai )
उपरोक्त स्थानों के अलावा आप शहर के पुलिआन्छोलाई फॉल्स की सैर का आनंद ले सकते हैं। यह जलप्रपात अपने खूबसूरत प्राकृतिक दृश्यों के साथ एक शानदार पिकनिक स्पॉर्ट के रूप में भी जाना जाता है। एक शांत वातावरण के साथ यह झरना दूर-दराज के सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करता है।
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