पूर्वोत्तर भारत के मणिपुर राज्य में स्थित उखरूल एक खूसबूरत जिला है जो अपनी प्राकृतिक सौंदर्यता के लिए जाना जाता है। यह स्थान सिर्फ देखने में ही खूबसूरत नहीं है, बल्कि यहां आप अपार आत्मिक और मानसिक शांति का अनुभव कर सकते हैं।
पहाड़ियों और झीलों के बीच यह स्थल जन्नत की अनुभूति कराता है। एक शानदार अवकाश के लिए यहां का प्लान एक आदर्श विकल्प है। उखरूल राज्य का वो छिपा हुआ पर्यटन स्थल जिसके बारे में खास ट्रैवलर्स को ही पता है, यह अतबक आम नजरों से दूर है। प्रकृति प्रेमियों से लेकर एडवेंचर के शौकीन यहां अत्यधिक आनंद की प्राप्ति कर सकते हैं।
यहां चारों तरफ फैली हरियाली और पहाड़ों से आती ताजी हवा रिफ्रेशिंग एहसास कराती है। उखरूल पर्यटन के लिहाज से एक शानदार गंतव्य है जहां का प्लान आप इन गर्मियों के दौरान बना सकते हैं। इस लेख के माध्यम से जानिए अपने विभिन्न स्थलों के साथ उखरूल आपको किस प्रकार आनंदित कर सकता है।
खयांग पीक
PC- Ac apam
उखरूल भ्रमण की शुरूआत आप यहां के सर्वोच्च शिखर खयांग पीक से कर सकते हैं। समुद्र तल से 3114 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह चोटी पूरे क्षेत्र की खूबसूरती को देखने का मौका प्रदान करती है। यहां से आप उखरूल के प्राकृतिक स्वरूप का दीदार कर सकते हैं। यहां से आप दूर-दूर तक फैली पर्वतीय घाटियों को देख सकते हैं। इसके अलावा आप यहां ट्रेकिंग जैसी रोमांचक गतिविधियों का आनंद भी ले सकते हैं।
यहां ऊंचाई पर आकर आप सूर्योदय होते देख सकते हैं। सूर्य की धीरे-धीरे से तेज होती किरणों के साथ यहां के नजारों का देखना किसी सपने से कम नहीं। एक अनोखे अनुभव के लिए आप यहां की सैर का प्लान बना सकते हैं।
शिरुई काशोंग चोटी
PC- Ac apam
खयांग पीक के अलावा आप यहां शिरुई काशोंग चोटी की सैर का प्लान बना सकते हैं। यह शहर के सबसे शानदार पर्यटन स्थलों में गिना जाता है। खायांग चोटी कि तुलना में यह पर्वतीय स्थल थोड़ा अधिक लोकप्रिय है क्योंकि यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है। इस पहाड़ी की ऊंचाई समुद्र तल से 2835 मीटर की है। हरियाली बीच यह चोटी अपनी विशालाता के साथ पर्यटकों को रोमांचित करने का भी काम करती है।
इसके अलावा शिखर पर बिखरे रंगीन फूल भी सैलनियों का ध्यान आकर्षित करने का काम करते हैं। ये फूल मई-जून के महीनों में यहां खिलते हैं। आपका भाग्य अच्छा रहा तो यहां आप दुर्लभ फूल लिलियम मैकलिनिया को भी देख सकते हैं। यह पहाड़ी स्थल अपनी जड़ी-बूटी भंडार के लिए भी जाना जाता है।
कोचौउफूंग झील
पहाड़ी चोटियों के अलावा आप यहां पर्यटकों के मध्य लोकप्रिय कोचौउफूंग झील की सैर का प्लान बना सकते हैं। कोचौउफूंग झील की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसका आकार कुछ भारत के मानचित्र के जैसा दिखाई देता है। यह आकर्षक झील पहाड़ी ढलान पर स्थित है। इस झील अपने मछली भंडार के लिए भी जानी जाती है, जो लोगों को जलीय कृषि के लिए एक महान अवसर प्रदान करती है।
नदी का पानी इस झील के आकार के लिए काफी ज्यादा मायने रखता है। मानसून के दौरान झील का आकार बढ़ जाता है वहीं बाकी महीनों में आकार सामान ही रहता है। एक शानदार सैर के लिए आप यहां का प्लान बना सकते हैं।
खांगखुई गुफा
उखरूल के प्राकृतिक खजाने में आप खांगखुई गुफा स्थल की सैर का प्लान बना सकते हैं। चूने पत्थर से बनी यह गुफा मुख्य पर्यटन गंतव्यों में गिनी जाती है। इस गुफा में दो बड़े कक्ष, पांच सुरंग और एक बड़ा हॉल शामिल है। इसके अलावा इस गुफा के पीछे कई किंवदंतियां भी जुड़ी हई हैं। माना जाता है कि यहां कभी कोई शैतान राजा अपनी दो पत्नियों के साथ रहता था, दो कक्ष उसकी दोनों पत्नी के लिए बनाए गए थे।
राजा हॉल के पास शाही निवास में रहता है। माना जाता है कि राजा हॉल का इस्तेमाल महत्वपूर्ण बैठकों के लिए किया करता था। यह गुफा इतिहास से भी संबंध रखती है, कहा जाता है कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ग्रामीणों ने इसी गुफा में आश्रय लिया था।
निलाई चाय एस्टेट
उपरोक्त स्थानों के अलावा आप निलाई चाय एस्टेट की सैर का भी प्लान कर सकते हैं। विशाल क्षेत्र में फैले यहां चाय के बागाना पर्यटकों के मध्य काफी ज्यादा लोकप्रिय हैं। इन बागनों में ग्रीन-टी उगाी जाती है जिन्हें हाथ से तोड़कर सूरज की रोशनी में सुखाया जाता है।
धूप में सुखाने इसे इन पत्तियो औषधीय गुण आता है। इन पत्तियों की विशेषता यह है कि इसका सही स्वाद केवल तभी आता है जब इन्हें दूसरी बार उबाला जाता है। इसके अलावा यहां की वातावरण पहाड़ों से आती हवा शरीर में नई ताजगी का संचार करती है।