दक्षिण भारत के आंध्र प्रदेश राज्य का विजयवाड़ा शहर अपने समृद्ध इतिहास के लिए जाना जाता है। कृष्णा नदी की ओट में बसा यह प्राचीन शहर को सुरम्य इंद्रकीलाद्री पहाड़ियों और उत्तर में बुदामेरू नदी का परिदृश्य प्राप्त है। यहां की नदियां और पहाड़ियां इस ऐतिहासिक शहर को कुदरती लिबास पहनाने का काम करती हैं।
समय के साथ-साथ संस्कृति, राजनीति और व्यापारिक गतिविधियां से जुड़ने के कारण इस शहर को आंध्र प्रदेश का ह्रदय कहा जाता है। यहां मिली पाषाण युग की कलाकृतियां इसके प्राचीन संबंधों की तरफ इशारा करती हैं। उपजाऊ मिट्टी होने कारण यहां कृषि उत्पादन भी काफी उन्नत है।
वर्तमान में यह शहर अपने ऐतिहासिक मुल्यों के साथ राज्य का एक बड़ा बिजनेस कैपिटल' बन गया है। इस खास लेख में जानिए पर्यटन के लिहाज से यह शहर आपके लिए कितना खास है।
कोंडापल्ली किला
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विजयवाड़ा का इतिहास कई शदाब्दी पुराना है, आज भी यहां उस दौर की बनाई गईं प्राचीन संरचनाओं को देखा जा सकता है। आप यहां के कोंडापल्ली किले की सैर का प्लान बना सकते हैं। विजयवाड़ा स्थित कोंडापल्ली का किला 7 वीं शताब्दी से संबंध रखता है। यह एक तीन मंजिला किला है जो एक पहाड़ी पर बनाया गया है।
यहां के आप शहर के अद्भुत दृश्यों को निहार सकते हैं। यहां बनी पत्थर की एक बड़़ी इमारत देखने लायक है। यह एक ऐसा ऐतिहासिक किला है जिसने यहां कई साम्राज्यों के उदय-पतन की प्रकिया को एक मूक दर्शक की तरह देखा है।
इस किले का निर्माण मनोरंजन के अद्देश्य से करवाया गया था। जिसके बाद इसका इस्तेमाल सैन्य प्रशिक्षण केंद्र के रूप में किया गया। विजयवाड़ा के इतिहास को करीब से जानने के लिए यह एक योय्य स्थान है।
प्रकाशम बैराज
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ऐतिहासिक कोनों से हट आप यहां के अन्य नजारों का भी आनंद उठा सकते हैं। आप यहां से प्रकाशम बैराज की सैर का प्लान बना सकते हैं। 1223.50 मीटर लंबा यह बांध कृष्णा नदी पर बनाया गया है। इस अद्भत बांध को बनाने का काम 1852 में शुरू किया गया और 1855 में इसे बनाकर पूरा कर दिया गया।
यह बांध आंध्र प्रदेश की कृषि भूमि को सिंचित करने और एक सड़क पुल के रूप में कार्य करता है। इसके अलावा इस बांध की खूबसूरती ने इसे एक पर्यटन स्थल का भी रूप दे दिया है। यहां आप सैलानियों को कृष्णा नदी के मनोरम दृश्यों का आनंद उठाते देख सकते हैं।
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भवानी द्वीप
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कृष्णा नदी विजयवाड़ा की जान है, यहां के बहुत से प्राकृतिक आकर्षणों का उद्गम यही नदी है। प्रकाशम बैराज के पास कृष्णा नदी पर बना भवानी द्वीप भी यहां के चुनिंदा खास पर्यटन गंतव्यों में गिना जाता है। यह द्वीप लगभग 130 एकड़ भूमि को कवर करता है जो इन नदी का सबसे बड़ा द्वीप है।
यहां के पर्यटन विभाग द्वारा दुर्गा घाट से नाव की सवारी का आयोजन किया है। इसके अलावा आप यहां अन्य गतिविधियों में भी शामिल हो सकते हैं। एक रिफ्रेशिंग समय बीताने के लिए भवानी द्वीप एक आदर्श गंतव्य है।
अंडवल्ली गुफाएं
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विजयवाड़ा में ऐतिहासिक किले-भवन देखने के अलावा आप यहां की गुफाओं की सैर कर सकते हैं। विजयवाड़ा मुख्य शहर से 8 किमी की दूरी पर अंडवल्ली गुफाएं हैं जो अपनी अद्भुत सरंचना के बल पर यहां आने वाले सैलानियों को आश्चर्यचकित और रोमांचित करने का काम करती है। चार मंजिलों वाली ये प्राचीन गुफाएं 7 वीं शताब्दी ईसा पूर्व की बताई जाती हैं, जो दक्षिण भारत की सबसे पुरानी गुफाओं में से एक है।
यहां की वास्तुकला और मूर्तिकला यहां आने वाले पर्यटकों को बहुत हद तक प्रभावित करने का काम करती हैं। यहां विष्णु भगवान की मूर्ति मुख्य आकर्षक का केंद्र है। यहां का रॉक कट नक्काशी देखने लायक है। यहां से सूर्यादय और सूर्यास्त का दृश्य काफी रमणीय है।
मोगलराजपुरम गुफाएं
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अंडवल्ली गुफाओं को देखने के अलावा आप यहां की मोगलराजपुरम गुफाओं की सैर का प्लान बना सकते हैं। ये प्राचीन गुफाएं 5 वीं शताब्दी से संबंध रखती हैं, जहां की रॉक कट चट्टाने सैलानियों को काफी ज्यादा रोमांचिक करने का काम करती हैं। यह तीन गुफाओं का समूह है लेकिन वर्तमान में एक ही सुरक्षित बची है बाकी वक्त से साथ-साथ अपने अस्तित्व को बचा नहीं पाईं।
इस गुफा के माध्यम से आप यहां की प्राचीन संस्कृति और पुराने युग की उत्कृष्टता स्थापत्य कला को देख सकते हैं। यहां स्थित अर्धनारीश्वर की मूर्ति पूरे दक्षिण भारत में अपने प्रकारों में से सबसे खास मानी जाती है।