दक्षिण भारत के तमिलनाडु राज्य स्थित मुदुमलाई एक खूबसूरत राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभयारण्य है। अपने वन्य जीवन और रोमांचक अनुभव के बल पर मुदुमलाई देश-विदेश के सैलानियों को काफी हद तक आकर्षित करता है। पांच श्रेणियों में विभक्त ( मसिनागुड़ी, थेपाकडू, मुदुमलाई, कारगुड़ी और नेलाकोटा) यह अभयारण्य कर्नाटक और केरल राज्य के साथ अपनी सीमाओं को साझा करता है।
नीलगिरी पहाड़ियों पर बसा यह आकर्षक वन्य क्षेत्र विभिन्न प्राकृतिक संपदाओं से सुसज्जित है। प्रकृति प्रेमियों से लेकर एडवेंचर के शौकीन यहां एक शानदार समय बीता सकते हैं। इस खास लेख में जानिए गर्मियों के दौरान यह राष्ट्रीय उद्यान और इसके आसपास के पर्यटन स्थल आपके लिए कितने खास हैं।
क्यों है मुदुमलाई आपके लिए खास ?
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तमिलनाडु के मुख्य आकर्षणों में गिना जाता है यहां का मुदुमलाई वन्यजीव अभयारण्य। 321वर्ग किमी में फैला यह संरक्षित क्षेत्र असंख्य जीव-वनस्पतियों को सुरक्षित आश्रय देने के साथ पारिस्थितिकी तंत्र को सुदृढ़ करने का काम करता है। ये वन्य क्षेत्र प्रकृति प्रेमियों से लेकर एडवेंचर के शौकीनों को यहां आने का आमंत्रण देता है। यहां आप कई लुप्तप्राय प्रजातियों को भी देख सकते हैं।
मुदुमलाई अभयारण्य एक महत्वपूर्ण वन्यजीव आवास है जो अपनी रणनीतिक स्थिति के कारण अन्य संरक्षित क्षेत्रों के बीच निलगिरी बायोस्फीयर रिजर्व का एक अनिवार्य हिस्सा बना गया है। आप यहां पक्षियों की 200 से अधिक प्रजातियों को देख सकते हैं । इसके अलावा आप यहां भारतीय हाथी, बंगाल टाइगर, गौर और भारतीय तेंदुए को भी देख सकते हैं।
मुदुमलाई से अन्य स्थानों की सैर- पायकारा झील
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मुदुमलाई वन्यजीव अभयारण्य की सैर के बाद अगर आप चाहें तो नजदीकी शानदार स्थलों की सैर का प्लान बना सकते हैं। यहां से लगभग 40 किमी दूर पायकारा झील एक आकर्षक पर्यटन गंतव्य हैं,जहां सी सैर करना पर्यटकों को बहुत ही भाता है। यह एक साफ पानी की खूबसूरत झील है जिसे पहाड़ी परिदृश्य दैवीय रूप प्रदान करने का काम करता है। आत्मिक और मानसिक शांति के लिए यह झील एक आदर्श स्थल है।
प्रदूषण और भीड़भाड़ा मुक्त इस झील में आप नौकायन का आनंद भी उठा सकते हैं। यहां वार्षिक रूप में नौका दौड़ की आयोजित की जाती है, जिसकी शुरूआत 2008 में की गई थी। भीड़ से मुक्त जहां पर्यटक नौकायन का आनंद ले सकते हैं। 2008 में इस झील में वार्षिक ग्रीष्मकालीन नाव की दौड़ शुरू की गई थी।
गर्मी से दिलाएंगे राहत कोवलम के सबसे खास पर्यटन स्थल
बांदीपुर नेशनल पार्क
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मुदुमलाई से लगभग 6 किमी की दूरी पर बांदीपुर टाइगर रिजर्व और नेशनल पार्क रोमांचक अनुभव की गति बढ़ाने के लिए खास स्थल है। यह अभयारण्य अपने बाघ प्रजातियों के लिए जाना जाता है। इसके अलावा आप यहां अन्य दुर्लभ और लुप्तप्राय प्रजातियों को भी देख सकते हैं। बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान नीलगिरी बायोस्फीयर रिजर्व के संरक्षित क्षेत्रों में से एक है, जिसे पश्चिमी घाटों में एक अंतर्राष्ट्रीय बायोस्फीयर रिजर्व का दर्जा प्राप्त है।
320 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैले इस जंगल में आप बाघ के साथ गौर, सांबर, चीतल, काकड़, हाथी और तेदुए जैसी जंगली जीवों को भी देख सकते हैं। गर्मियों के दौरान एक यादगार सफर के लिए आप यहां का प्लान बना सकते हैं।
मसिनागुड़ी की सैर
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उपरोक्त स्थानों के अलावा आप मसिनागुड़ी की सैर का भी प्लान बना सकते हैं। यह नीलगिरी की तलहटी पर स्थित एक वन क्षेत्र है जो मसिनागुड़ी रिसॉर्ट्स प्रबंधन प्राधिकरण और मसिनागुड़ी एक्सपर्ट द्वारा प्रबंध की जाने वाली नाइट जीप सफारी के लिए जाना जाता है। रात्रि में की जाने वाली यह सफारी काफी रोमांचक होती है जो जंगलों की सड़कों से होती हुई आगे बढ़ती है।
इस बीच आप कई जंगली जीवों को भी देख सकते हैं। रात में जंगली जानवरों की चमकती आंखे डरावना एहसास कराती हैं। हाथियों के झुंड, जंगली सूअर, बाघों को आप यहां रात्रि जीप सफारी में देख सकते हैं। कमजोर दिल वाले इस सफारी का भूल से भी न करें।
कैसे आएं मुदुमलाई
मुदुमलाई राष्ट्रीय उद्यान केरल के नीलगिरी जिले के अंतर्गत एक खूबसूरत वन्य जीव अभयारण्य है जहां आप आसानी से तीनों मार्गों दे माध्यम से पहुंच सकते हैं। यहां का नजदीकी हवाईअड्डा कोयंबटूर एयरपोर्ट है। रेल मार्ग के लिए आप ऊटी रेलवे स्टेशन का सहारा ले सकते हैं।
अगर आप चाहें तो यहां सड़क मार्गों से भी यहां तक का सफर तय कर सकते हैं। तमिलनाडु के किसी भी बड़े शहर से आपको नीलगिरी तक की बस सेवा मिल जाएगी।