ने लोगो का जीना बेहाल कर रखा है..हर कोई बस ठंडे और खूबसूरत हिल स्टेशन की तलाश में है जहां उन्हें गर्मी से निजात मिल सके साथ ही वो अपने परिवार, दोस्तों के संग कुछ फुर्सत के पल" title="उत्तर भारत में चिलचिलाती गर्मी ने लोगो का जीना बेहाल कर रखा है..हर कोई बस ठंडे और खूबसूरत हिल स्टेशन की तलाश में है जहां उन्हें गर्मी से निजात मिल सके साथ ही वो अपने परिवार, दोस्तों के संग कुछ फुर्सत के पल" loading="lazy" width="100" height="56" />उत्तर भारत में चिलचिलाती गर्मी ने लोगो का जीना बेहाल कर रखा है..हर कोई बस ठंडे और खूबसूरत हिल स्टेशन की तलाश में है जहां उन्हें गर्मी से निजात मिल सके साथ ही वो अपने परिवार, दोस्तों के संग कुछ फुर्सत के पल
भारत के पांच प्राचीन शहर जो दर्शाते हैं यहां का कल्चर
हम सभी जानते हैं कि, उत्तर भारत में बेइंतेहा गर्मी पड़ती है, लेकिन वहीं उत्तर भारत में स्थित कुछ बेहद ही खूबसूरत चुनिंदा हिल स्टेशन हैं, जहां आप आपको इस चिलचिलाती गर्मी से राहत जरुर मिलेगी।
एडवेंचर के शौकीनों के लिए किसी तीर्थ से कम नहीं हैं भारत के ये शहर
यकीन मानिये ये डेस्टिनेशन इतने खूबसूरत हैं कि इनसे आपको प्यार हो जाएगा और फिर आप हर साल गर्मी का इंतज़ार करेंगे कि कैसे गर्मी आये और आप निकल जाएं इन स्थानों की यात्रा पर। आइये आपको रू-ब-रू कराते हैं उत्तर भारत के कुछ चुनिंदा हिल स्टेशनों से।
मनाली
मनाली धरती का दूसरा स्वर्ग है-'कुल्लू मनाली'। यहाँ की सुंदर वादियों को निहारना, जीवित अवस्था में 'स्वर्ग' देखने जैसा लगता है। यह स्थान तीनों तरफ से पहाड़ियों से घिरा है। उन पहाड़ियों के बीच से लगातार ठंडी हवाएँ बहती रहती है, फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए यह सुंदर स्थान है, क्योंकि नदी की कल... कल ध्वनि में चट्टानों पर चढ़कर फोटोग्राफी करने का एक अलग ही आनंद है। यहां के बागों में लाल और हरे सेब काफी मात्रा में पैदा होते है। यहां आने पर पर्यटक हिमालय नेशनल पार्क, हिडिम्बा मंदिर, सोलांग घाटी, रोहतांग पास, पनदोह बांध, पंद्रकनी पास, रघुनाथ मंदिर और जगन्ननाथी देवी मंदिर देख सकते हैं।यहां का हडिम्बा मंदिर 1533 ई. में हिंदू धर्म की देवी हडिम्बा को समर्पित करके बनाया गया था।PC: 29paayal
श्रीनगर
श्रीनगर, कश्मीर राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी है जिसे समस्त भारतवासी धरती का स्वर्ग और पूरब का वेनिस कहते हैं। झेलम नदी के तट पर स्थित खूबसूरत झीलों, महान ऐतिहासिक, धार्मिक और पुरातात्विक महत्व रखने वाला शहर, श्रीनगर हर प्रकार के पर्यटन की धुरी पर खरा उतरता है और पर्यटकों का मन-पसंदीदा गंतव्य हैं। यहां के निशात बाग, शालीमार बाग, अच्छाबल बाग, चश्मा शाही और परी महल काफी प्रसिद्ध हैं जिन्हें देखने और यहां भ्रमण करने बड़ी संख्या में पर्यटक देश - विदेश से आते हैं। यह सभी बाग शहर के प्राकृतिक सौंदर्य में चार चांद लगा देते हैं।
कश्मीर
कश्मीर हर मौसम में पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है...खासकर गर्मियों में यहां पर्यटकों का जमावड़ा काफी देखने को मिलता है। भारत के उत्तर- पश्चिमी क्षेत्र में स्थित कश्मीर घाटी हिमालय और पीर पंजाल पर्वत श्रुंखला के बीच बसी है। आपको प्रसिद्द डल झील के किनारे स्थित हज़रत बल मस्ज़िद अवश्य देखनी चाहिए जिसे पहले साजिद जहां के इशरत महल या ‘प्लेज़र हाउस' के नाम से जाना जाता था। इसके अलावा यहां आप चरार-ए-शरीफ, झेलम नदी के किनारे स्थित शाह हमदान का खानकाह,खीर भवानी का मंदिर ,शंकराचार्य मंदिर,मार्तंड सूर्य मंदिर और शालीमार गार्डन जैसे स्थानों की भी यात्रा कर सकते हैं।PC:Michael Petersen
रानीखेत
रानीखेत उत्तरा खंड का एक छोटा सा हिल स्टेशन है। जोकि समुद्र तल से 1824 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।। यहां का शांत वातावरण, फूलों से ढके रास्ते, देवदार औऱ पाईन के लम्बे लम्बे पेड़ बड़ी संख्या में पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं। यहां पर बर्फ से ढकी मध्य हिमालयी पहाड़ियां भी दिखाई देती हैं।PC:Love2god
धनौल्टी
धनौल्टी एक बेहद सुन्दर हिल स्टेशन है। अपने शांत और सुरम्य वातावरण के लिए जानी जाने वाली यह जगह, चंबा से मसूरी के रास्ते में पड़ती है। यह जगह पर्यटकों के बीच इसलिए भी मशहूर है क्योंकि यह मसूरी से काफी पास है, बल्कि सिर्फ 24 किलोमीटर दूर है। यहाँ से पर्यटक दून वैली के सुन्दर नज़ारे का मज़ा उठा सकते हैं।PC: Kiran Jonnalagadda
गंगोत्री
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित गंगोत्री एक लोकप्रिय तीर्थस्थल है।यह समुद्र तल से 3750 मीटर की ऊंचाई पर हिमालय पर्वतमाला में स्थित है। यह भागीरथी नदी के तट पर बसा हुआ है।चार धाम एवं दो धाम दोनों तीर्थयात्राओं के लिए गंगोत्री एक पवित्र स्थल है। भागीरथी नदी का जलाश्रय स्थल घने जंगलों में हैं। इस क्षेत्र में बर्फीले पहाड़,ग्लेशियर,लंबी पर्वत श्रेणियां,गहरी घाटियां,खड़ी चट्टानें और संकरी घाटियां हैं। पर्यटकों को यहां अल्पाइन शंक्वाकार वृक्षों के वन,अल्पाइन झाड़ियां,तथा हरे-भरे घास के मैदान देखने का अवसर मिलता है। यह वनक्षेत्र गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान के रूप में घोषित है,तथा इसका विस्तार भारत-चीन सीमा तक है।
PC: Debabrata Ghosh
केदारनाथ
उत्तराखण्ड के रूद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ समुद्रतल से 3584 मीटर की ऊँचाई पर गढ़वाल हिमालय में स्थित है। केदारनाथ मन्दिर को हिन्दुओं के पवित्रतम गंतव्यों (चार धामों) में से एक माना जाता है और बारहों ज्योतिर्लिंगों में से सबसे ऊँचा यहीं पर स्थित है। मन्दिर के पास से ही शानदार मन्दाकिनी नदी बहती है। गर्मियों के दौरान इस तीर्थस्थल पर पर्यटकों की भारी भीड़ भगवान शिव का आशीर्वाद लेने के लिये आते हैं।PC: Paul Hamilton
शिमला
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला, एक ख़ूबसूरत हिल स्टेशन है, इस जगह को ‘समर रिफ्यूज' और ‘हिल स्टेशनों की रानी' के रूप में भी जाना जाता है। शिमला भारत में सबसे बड़ी आइस स्केटिंग रिंक के लिए प्रसिद्ध है।गर्मी के दौरान यहां पर्यटकों का तांता लगा रहता है। यहाँ ट्रैकिंग भी बहुत लोकप्रिय है। जुंगा, चैल, चुरदार, शाली पीक, हातू पीक और कुल्लू जैसी जगहें विभिन्न मार्गों द्वारा शिमला से जुड़ी हुई हैं।
PC: Aawaravineet
मसूरी
मसूरी, पहाडियों की रानी के रूप में लोकप्रिय है जो उत्तराखंड राज्य के नैनीताल जिले में स्थित एक हिल स्टेशन है। यह महान पर्वत हिमालय की तलहटी पर समुद्र स्तर से 1880 मीटर की ऊंचाई पर बसा हुआ शहर है। यह हिल स्टेशन शिवालिक पर्वतमाला और दून घाटियों के अद्धुत दृश्य प्रदान करता है। इस जगह को यमुनोत्री और गंगोत्री के धार्मिक केंद्रों के लिए प्रवेश द्वार भी माना जाता है।PC:Paul Hamilton
चकराता
उत्तराखंड स्थित चकराता अपने शांत वातावरण और प्रदूषण मुक्त पर्यावरण के लिए जाना जाता है। समुद्र तल से 7000 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह नगर देहरादून 98 किलोमीटर दूर है। चकराता प्रकृति प्रेमियों और ट्रैकिंगमें रुचि लेने वालों के लिए एकदम उपयुक्त स्थान है। यहाँ के सदाबहार शंकुवनों में दूर तक पैदल चलने का अपना ही मजा है। चकराता में दूर-दूर फैले घने जंगलों में जौनसारी जनजाति के आकर्षक गांव हैं। बता दें, यहाँ किसी भी विदेशी यात्री का आना बिल्कुल ही प्रतिबंधित है। टौंस नदी और यमुना नदी के बीच बसा यह क्षेत्र, ब्रिटिश इंडियन आर्मी का छावनी क्षेत्र हुआ करता था।PC:Manojpanchal90
अल्मोड़ा
सुयाल और कोसी नदी के बीच 5 किमी लंबी घोड़े की पीठ के आकर की पहाड़ी पर बसा अल्मोड़ा कुमाऊं क्षेत्र का बेहद चर्चित हिल स्टेशन है। हरे भरे सुंदर जंगलों से घिरा यह शहर समुद्र तल से 1651 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यहां चंद वंश और कत्यूरी वंश ने 15वीं और 16वीं शताब्दी में शासन किया था। अल्मोड़ा की पहाड़ियों से पर्यटक हिमालय की बर्फ से ढंकी चोटियों का विहंगम नजारा देख सकते हैं। इस जगह की कई ऐसी खासियत है, जिससे विश्व भर के पर्यटक इनकी ओर खिंचे चले आते हैं।
PC:Travelling Slacker
मणिकरण
मणिकरण हिन्दू और सिख दोनों के लिए पवित्र धार्मिक स्थल है। यह 1737 मीटर की ऊंचाई पर स्थित, कुल्लू से 45 कि.मी दूर हिमाचल राज्य में है। मणिकरण का अर्थ है "बहुमूल्य रत्न"। पौराणिक कथा अनुसार भगवन शिव की पत्नी पार्वती ने अपना बहुमूल्य रत्न यहाँ के किसी जलाशय में खो दिया। मां पार्वती के निवेदन पर भगवन शिव ने अपने अनुयायीयों को रत्न खोजने के लिए कहा पर वे इसमें विफल रहे। तब भगवन शिव ने क्रोध में अपना तृतीय नेत्र खोला, जिसके कारण धरती में दरार पड़ी और बहुमूल्य रत्नों और जवाहरातों का सृजन हुआ।PC:Raahul95
लेह
लेह शहर इंडस नदी के किनारे कराकोरम और हिमालय की श्रृंखला के बीच स्थित है। इस जगह की प्राकृतिक सुन्दरता देश भर से पर्यटकों को साल के बारहों महीने अपनी ओर खींचती है। इस शहर में ज़्यादातर हिस्से में मस्जिद और बौद्ध स्मारक हैं जो सोलहवीं और सत्रहवीं शताब्दी में बनाये गए थे। बर्फ से ढका हिमालय पहाड़ इस जगह की सुन्दरता को बढ़ाता है। लेह के कई इलाकों जैसे उबड़ खाबड़ हिमालयन भू-भाग में ट्रेक्किंग भी की जा सकती है और इस दौरान वहां की प्राकृतिक सुंदरता का मज़ा उठाया जा सकता है।PC: McKay Savage
औली
औली उत्तराखण्ड का एक भाग है। यह जगह काफी शांत और सुकून भरी होने के कारण पर्यटक यहां पर अप्रैल से ही घुमने के लिए अाने लगते हैं। चारों तरफ बर्फ से ढके रहने के कारण यहां का टेंपरेचर 7-17 डिग्री रहता है।इसलिए यह जगह आपके लिए वेकेशन को एन्जॉय करने के लिए बेस्ट हैं।
PC:Mandeep Thander
कांगड़ा
कांगड़ा हिमाचल प्रदेश में मांझी और बेनेर धाराओं मिलन स्थान पर स्थित एक पर्यटक स्थल है। धौलाधार रेंज और शिवालिक रेंज के बीच कांगड़ा घाटी में बसे इस शहर से बाणगंगा धारा दिखाई देती है। यह सामान्यतः देव भूमि के रूप में भी जाना जाता है, जिसका मतलब है देवताओं का निवास। वेदों के अनुसार, विभिन्न गैर आर्यन जनजातीय समुदाय आर्यों के आगमन से पहले यहाँ रहते थे। महान भारतीय महाकाव्य महाभारत में, कांगड़ा को त्रिगार्त राज्य के रूप में संदर्भित किया गया है।
PC: Ashish Gupta
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