Search
  • Follow NativePlanet
Share
» »क्‍यों खास है पंजाब का अबोहर शहर

क्‍यों खास है पंजाब का अबोहर शहर

By Namrata Shastry

P.C: Ahsan S.

पंजाब, हरियाणा और राजस्थान की अलग-अलग भारतीय संस्कृतियों मेल पंजाब के छोटे से शहर अबोहर में देखने को मिलता है। घनी आबादी और प्रकृति की प्रचुरता के कारण यह शहर ऐतिहासिक और प्राकृतिक दोनों महत्व रखता है। 12वीं शताब्दी में स्थापित ये शहर भारत-पाकिस्तान की सीमा के निकट स्थित है और इसलिए विभिन्न सभ्‍यताओं, नस्लों और धर्म को मानने वाले लोग यहां रहते हैं। इस शहर में स्थानीय लोग शांति और सौहार्द के साथ रहते हैं और यहां पर आपको विभिन्‍न वेशभूषा देखने को मिल सकती है।

अबोहर कैसे पहुंचे

हवाई मार्ग द्वारा: अबोहर में कोई हवाई अड्डा नहीं है लेकिन शहर का निकटतम हवाई अड्डा लुधियाना शहर से 180 किमी की दूरी पर स्थित है। लुधियाना का राजा सांसी हवाई अड्डा देश के सभी प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।

रेल मार्ग द्वारा: अबोहर का रेलवे स्टेशन अबोहर जंक्शन है, जो शहर के केंद्र में स्थित है। इसलिए इस शहर तक पहुंचने का सबसे अनुकूल मार्ग ट्रेन द्वारा होगा क्योंकि स्टेशन देश के बाकी हिस्सों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।

सड़क मार्ग द्वारा: अबोहर नियमित बसों के माध्यम से भारत के अन्य प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। इसके बस टर्मिनल से नियमित बसें चलती हैं और शहर को देश के अन्य हिस्सों से अच्छी तरह से जोड़ती हैं।

अबोहर आने का सही समय

सर्दियों के महीनों को इस जगह की यात्रा के लिए एक अनुकूल मौसम माना जाता है। अक्टूबर से मार्च के बीच के महीनों में अधिकतम और न्यूनतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से लेकर 32 डिग्री सेल्सियस तक रहता है।

अबोहर के दर्शनीय स्‍थल

अबोहर वन्यजीव अभयारण्य

अबोहर वन्यजीव अभयारण्य

P.C: Jacob Dyer

अबोहर वन्यजीव अभयारण्य इस शहर का प्रमुख पर्यटन स्‍थल है। बिश्नोई समुदाय द्वारा निर्मित और संरक्षित किए गए इस अभयारण्य में लुप्तप्राय काले हिरण, नीलगाय, साही और कई अन्य लुप्तप्राय एवं स्थानिक प्रजातियों की के पशु देखने को मिलते हैं। ये अभयारण्य हरे जंगल से घिरा हुआ है जो सैलानियों, यात्रियों और स्थानीय लोगों के लिए समान रूप से एक रमणीय स्थल है।

जोहरी मंदिर

जोहरी मंदिर

P.C: Mike Labrum

भारतीय संस्कृति और धर्मों की विविधता के साक्षी के रूप में बसे अबोहर में जोहरी मंदिर को एक ऐसे आध्यात्मिक मंदिर के रूप में जाना जाता है, जो देश में की विविधता का अनूठा उदाहरण है। मंदिर में हिंदू देवता भगवान हनुमान की मूर्ति है और मंदिर के बारे में सबसे अनोखी बात यह है कि इसमें सभी प्रकार के लोग दर्शन करने आते हैं। यहां जाति और धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाता है। अबोहर के पुराने फ़ाज़िका मार्ग पर स्थित इस मंदिर के दर्शन करने पर आपको अहसास होगा कि भारत में विभिन्‍न धर्म एवं जाति के लोग किस तरह एक साथ सद्भाव के साथ रहते हैं।

नेहरू पार्क

नेहरू पार्क

P.C: Raúl Nájera

शहर के सबसे लोकप्रिय मनोरंजक पार्कों में से एक नेहरू पार्क भी है जहां हरियाली और भव्य रूप से लगाए गए फूलों के लंबे विस्तृत खंड मौजूद हैं। ये पार्क शहर के सबसे महत्वपूर्ण आकर्षणों में से एक है। कृत्रिम रूप से लगाए गए पेड़ों और पत्‍थर के फर्श, सदाबहार और अच्छी तरह से बनाए हुए लॉन पर्यटकों को यहां घंटों समय बिताने पर मजबूर कर देते हैं। पर्यटकों के लिए पार्क में कई अन्य मनोरंजनों की मेजबानी भी की जाती है। पार्क में उपलब्ध खाने की चीजें तो बहुत स्‍वादिष्‍ट हैं ही साथ ही घूमने के लिए यह एक शानदार जगह है। यहां आप अपने परिवार और दोस्‍तों के साथ पिकनिक मना सकते हैं।

पंज पीर टिब्‍बा स्‍थल

पंज पीर टिब्‍बा स्‍थल

P.C: Anshu A

अबोहर में पंज पीरों की समृद्ध विरासत की झलक देखने के लिए पंज पीर टिब्बा स्‍थल के दर्शन कर सकते हैं। ये देश की सांस्कृतिक और धार्मिक विविधता के भाईचारे और सद्भाव के स्तंभ का प्रतीक है। यह मुस्लिम संतों का एक तीर्थस्थल है जिसका संचालन एक हिंदू परिवार द्वारा किया जाता है और सभी धर्मों के श्रद्धालु यहां दर्शन करने आते है। पंज पीर टिब्बा स्‍थल में देश की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान को परिभाषित किया गया है।

तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X