महाबलीपुरम अपने मंदिरों और विशाल समुद्रतट के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। यहाँ के अद्भुत कलात्मक शैली वाले मंदिर, दूर दूर तक बिखरी चांदी की भाँती चमकती रेत, वृक्ष और अठखेलियां करती समुद्र की लहरें महाबलीपुरम को विश्व प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों में शुमार करती हैं।
महाबलीपुरम के मंदिर अपनी नक्काशियों के लिए खासा जाने जाते हैं। इन मंदिरों में वाराह मंडपम, कृष्णा मंडपम, पांच रथ और शोर टेम्पल मुख्य रूप से दर्शनीय है। यहाँ पत्थरों को काटकर बनाई गई चट्टानें भी देखने योग्य हैं। तो क्यों न इस वेकेशन मंदिरों के नगर महाबलीपुरम की सैर की जाये। जो कि तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई से 55 किलोमीटर दूर है।
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पंचरथ
पंचरथ अपनी नक्काशी और कलात्मक शैली के लिए लिए मशहूर है जो कि पांच पांडवों के नाम से जाना जाता है। इनकी खासियत यह है कि यह एक ही पत्थर को काटकर बनाये गए हैं। यह महाबलीपुरम के दर्शनीय स्थलों में से एक है जिनकी कलात्मक शैली तारीफ़-ऐ-काबिल है।
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शोर टेम्पल
शोर मंदिर ऐतिहासिक और खूबसूरत मंदिरों में से एक है। जिसकी कलात्मक शैली सराहनीये है। बताया जाता है कि यह मंदिर 8 वीं सदी के मंदिरों में शामिल है जो कि द्रविड़ शैली का है। इस मंदिर में भगवान विष्णु और भगवान शिव के चित्र एक चट्टान पर बनाये गए हैं। शोर मंदिर अपनी वास्तुशिल्प कला का अद्भुत नमूना है।
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कृष्ण मंडपम
कृष्ण मंडपम मंदिर में कृष्ण की कथाओं को पूर्णरूप से चित्रित किया गया है। यहाँ का जादूगरी वातावरण किसी भी पर्यटक को सम्मोहित कर लेता है। यहाँ आकर पर्यटक सुकून महसूस करते हैं।
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गुफाएं
महाबलीपुरम में चट्टानों को काटकर बनाई गई 9 मंदिर गुफा देखने योग्य है। यहाँ पर्यटक आकर अद्भुत कलात्मक गुफाओं के दर्शन कर पाते हैं जो कि मंदिरों में स्थित हैं। इन गुफाओं में से महिषासुरमर्दिनी गुफा सबसे अधिक देखने योग्य है।
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बास रिलीफ
मछली के आकार में बनी एक विशाल चट्टान को बास रिलीफ हवेली कहते हैं जिसपर एक तरफ देवी देवताओं की मूर्तियां और दूसरी तरफ जानवरों की सुन्दर मूर्तियां बनाई गई हैं जो कि दर्शनीय है।
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बेदंगतलम
बेदंगतलम एक बेहद रोमांचक पक्षी अभ्यारण्य है जहाँ अनेक तरह के पक्षी आकर जमा होते हैं। यह नवंबर से जनवरी में और भी रोमांचक हो जाता है क्यूंकी यहाँ इन दिनों अनेक तरह के पक्षी इकठ्ठा होते हैं। एक ही जगह पर आप हर तरह के पक्षियों को देखने का भी लुफ्त उठा सकते हैं। यह महाबलीपुरम से लगभग 53 किलोमीटर दूर होगा।
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क्रोकोडाइल बैंक
जैसा की इसके नाम से ही आभास होता है कि यह किस लिए दर्शनीय है। महाबलीपुरम के क्रोकोडाइल बैंक में लगभग 5000 मगरमच्छ हैं जो कि अन्य प्रजाति के हैं।
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महाबलीपुरम कैसे जाएँ
महाबलीपुरम की फ्लाइट्स के बारे में अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें
वायु मार्ग द्वारा- महाबलिपुरम से 60 किमी. दूर स्थित चैन्नई निकटतम एयरपोर्ट है। भारत के सभी प्रमुख शहरों से चैन्नई के लिए फ्लाइट्स हैं। यहाँ से आप बस या टैक्सी द्वारा महाबलीपुरम पहुँच सकते हैं।
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महाबलीपुरम कैसे जाएँ
अगर आप महाबलीपुरम ट्रेन द्वारा जाने की सोच रहे हैं तो बस एक क्लिक करें और जाने की कहाँ कहाँ और कैसे कैसे कौन सी ट्रेन आप रिज़र्व कर सकते हैं।
रेल मार्ग द्वारा- निकटतम रेलवे स्टेशन चेन्नई है, जहाँ से आप बस या टैक्सी द्वारा यहाँ पहुँच सकते हैं। चेन्गलपट्टू महाबलिपुरम का निकटतम रेलवे स्टेशन है जो 29 किमी. की दूरी पर है। चैन्नई और दक्षिण भारत के अनेक शहरों से यहां के लिए रेलगाड़ियों की व्यवस्था है।
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महाबलीपुरम कैसे जाएँ
सड़क द्वारा अगर आप महाबलीपुरम जाने की सोच रहे हैं तो बस एक क्लिक करें और जाने महाबलीपुरम पहुँचने का रुट कैसा और कहाँ से शुरू होगा।
सड़क मार्ग द्वारा- दक्षिण भारत के सभी प्रमुख शहरों से यहाँ के लिए सीधी बस सेवायें उपलब्ध हैं।महाबलिपुरम तमिलनाडु के प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग से जुड़ा है। राज्य परिवहन निगम की नियमित बसें अनेक शहरों से महाबलिपुरम के लिए जाती हैं।
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महाबलीपुरम में कहाँ ठहरें
महाबलीपुरम के होटलों की अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें और जाने कहाँ कहाँ आप आसानी से ठहर सकते हैं।
यूँ तो महाबलीपुरम में अन्य होटल हैं जहाँ आप आसानी से ठहर सकते हैं। जिनमे से कुछ का विवरण यूँ है-
उत्तम श्रेणी के होटल- गोल्डन सन (59,कोवलांग रोड), टेम्पल बे (सी.टी.सी.सी.रोड)।
मध्यम श्रेणी के होटल- सिल्वर सेंड्स (कोवलम रोड)।
लॉज- टीना ब्लू व्यू लॉज (10,उत्तावडी स्ट्रीट)।
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महाबलीपुरम कब जाएँ
यहाँ घूमने के लिए अक्टूबर से जनवरी का समय सबसे अच्छा रहता है। वैसे तो यहाँ कभी भी आया जा सकता है। महाबलीपुरम कब जाएँ और कहाँ कहाँ कैसे कैसे जाएँ इसकी अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें
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