बिहार पर्यटन प्राचीन सभ्यता, धर्म, इतिहास और संस्कृति का अनमोल मेल है, जो भारत की पहचान है।यह राज्य भारत के कुछ महान साम्राज्यों जैसे मौर्य और गुप्त के उदय और उनके पतन का गवाह रहा है।
बिहार में देखने योग्य स्थान
इतिहास और संस्कृति के लिए मसहूर : मनेर शरीफ
बिहार का मनेर शरीफ ऐतिहासिक अतीत के अवशेषों से भरा है। यह दानापुर से कुछ ही दूरी पर स्थित है । प्राचीन समय में मनेर शरीफ इस क्षेत्र में शिक्षा और ज्ञान का प्रमुख केन्द्र था।मनेर शरीफ में दो बहुत प्रसिद्ध मुस्लिम मकबरे हैं।
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एक शाह दौलत का, जिसे छोटी दरगाह भी कहते हैं। दूसरा मकबरा शेख याहिया मनेरी का है, जिसे बड़ी दरगाह कहते हैं। मनेर शरीफ में आपको जहांगीर के समय की वास्तुकला की विशेषताएं भी मिलेंगीं।
बिहार का दूसरा मसहूर स्थान : राजगीर
नालंदा के पास स्थित राजगीर, मंदिरों और मठों से भरी जगह है।यह एक घाटी में बसी जगह है और इसके आसपास के स्थान बहुत सुंदर हैं। आसपास के जंगल राजगीर की सुंदरता को और बढ़ाते हैं। यह क्षेत्र भगवान बु़द्ध और बौद्ध धर्म से लंबे समय तक संबंधित रहा है।
बुद्ध ने अपने जीवन का लंबा समय यहां बिताया। धर्म का केन्द्र होने के अलावा राजगीर एक लोकप्रिय स्वास्थ्य रिसोर्ट भी है। राजगीर के गर्म पानी के तालाबों में त्वचा संबंधी बीमारियां ठीक करने के गुण भी हैं।
बिहार स्थित पवित्र स्थान : पावापुरी
जैन धर्म के लोगों के लिए पावापुरी एक पवित्र स्थान है। यह राजगीर से कुछ ही दूरी पर स्थित है। इस जगह पर जैन धर्म के संस्थापक भगवान महावीर ने अंतिम सांस ली। पावापुरी में भगवान महावीर का अंतिम संस्कार हुआ था।
पावापुरी घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक है। यहां पर घूमने लायक जगहें हैं :
जलमंदिर और समोशरण
बिहार स्थित एक और मसहूर स्थान: वाल्मीकि नगर
वाल्मीकि नगर बिहार के पश्चिमी चंपारण का एक छोटा सा गांव है। यह भारत नेपाल सीमा पर स्थित है। वाल्मीकि नगर में रामायण के रचियता महर्षि वाल्मीकि के नाम पर वाल्मीकि आश्रम स्थित है।
वाल्मीकि का नाम पहले रत्नाकर था, जो लोगों से सामान छीनकर अपना जीवन यापन करते थे। बाद में उन्हें पछतावा हुआ और उन्होंने प्रायश्चित करने का फैसला किया। वाल्मीकि नगर में मकर संक्रांति के समय में यहां हर साल त्यौहार आयोजित किया जाता है। गंडक नदी वाल्मीकि नगर की सुंदरता में चार चांद लगाती है।