पूर्वोत्तर भारत के सेवेन सिस्टर राज्यों में से एक अरुणाचल प्रदेश एक बेहद ही खूबसूरत राज्य है, जो आज भी पर्यटकों की बाह जोट रहा है। प्रकृति से लबरेज अरुणाचल प्रदेश हरी - भरी घाटियों और करामती पहाडि़यों वाला पर्यटन स्थल है। यहां घूमने के लिए असंख्य जगहें हैं, जिनमे से एक है रोइंग, जोकि लोअर दिबांग वैली जिले का मुख्यालय है। यह अरूणाचल प्रदेश के पूर्वी भाग का एक हिस्सा है। रोइंग का उत्तरी हिस्सा दिबांग घाटी की पहाडि़यों और नदियों से घिरा हुआ है, पूर्वी हिस्से में लोहित जिला स्थित है और पश्चिमी भाग में मैकमोहन रेखा व अरूणाचल प्रदेश के ऊपरी सियांग जिले बसे हूए है, वहीं दक्षिणी छोर पर असम का तिनसुकिया जिला स्थित है।
बर्फ से ढकी चोटियां, अशांत नदियां, रहस्यवादी पहाडियां और यहां पाएं जाने वाले जीव - जन्तु और सुंदर वनस्पतियां, रोइंग के कुछ प्रमुख आकर्षण है। अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध रोइंग में रंगीन और आकर्षक जनजातियां व प्राचीन पुरातात्विक स्थल है जो प्रकृति प्रेमियों, साहसिक पर्यटकों, पुरातत्वविदों और मानव विज्ञानी के बीच इस जगह को बेहद खास बना देते है।
कब आयें रोइंग?
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रोइंग की सैर का सबसे अच्छा समय सर्दियों के दौरान होता है जब सर्दियां हल्की - हल्की पड़नी शुरू होती है यानि अक्टूबर के महीने में। वैसे जनवरी के आखिर में भी सर्दी हल्की पड़ती है तो इस दौरान भी सैर के लिए जाया जा सकता है। इस अवधि में तालाब और नदियां पूरी तरह से भरी हुई होती है जिनमें भारी तादाद में कमल के फूल खिलते है और उस स्थल के दृश्य को मनोरम बना देते है।
कैसे पहुंचे रोइंग?
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हवाई जहाज द्वारा-
रोइंग का नजदीकी हवाई अड्डा चबुआ(डिब्रूगढ़) है, जोकि रोइंग से करीबन 130 किमी की दूरी पर स्थित है। पर्यटक हवाई अड्डा पहुँचने के बाद आसानी से कैब या टैक्सी के जरिये रोइंग पहुंच सकते हैं।
रेलवे स्टेशन
रोइंग के नजदीकी रेलवे स्टेशन तिनसुकिया तक की ट्रेन पकड़नी होती है जो असम के एक जिले का रेलवे स्टेशन है।
सड़क द्वारा
असम से रोइंग तक सड़क मार्ग के द्वारा आसानी से पहुंच सकते है। असम से कई सड़कें रोइंग की ओर जाती है। पर्यटक रोइंग आने के लिए अरूणाचल प्रदेश के कई शहरों से बस या टैक्सी किराये पर ले सकते हैं।
मेहाओ झील
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शांत प्राकृतिक सौंदर्य से घिरी हुई मेहाओ झील मेहाओ वन्यजीव अभयारण्य का एक हिस्सा है और रोइंग प्रमुख पर्यटन स्थल है। समुद्री स्तर से लगभग 3000 फीट की ऊंचाई पर स्थित इस क्षेत्र में विभिन्न वनस्पतियां और जीव - जन्तु है। पर्यटक यहां आकर भारी संख्या में बतखों को देख सकते है और नौकाविहार का लुत्फ भी उठा सकते है। वर्डवॉचर्स के लिए बीच यह झील काफी लोकप्रिय है। यह झील लगभग 4 वर्ग किमी. का क्षेत्र घेरती है। झील को जाने वाले सुंदर रास्तों पर ट्रैकिंग भी की जा सकती है।
साफ - स्वच्छ नीले पानी वाली मेहाओ झील, मेहाओ वन्यजीव अभयारण्य का एक हिस्सा है और इस क्षेत्र का प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह शांत झील प्राकृतिक सौंदर्य से घिरी हुई है। इस झील में पोषक तत्व काफी कम है यही कारण है कि यहां मछलियां नहीं है। यह झील लगभग 3000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और इस क्षेत्र में विभिन्न वनस्पतियां और जीव - जन्तु है। पर्यटक यहां आकर भारी संख्या में बतखों को देख सकते है और नौकाविहार का लुत्फ भी उठा सकते है। वर्डवॉचर्स के लिए बीच यह झील काफी लोकप्रिय है। यह झील लगभग 4 वर्ग किमी. का क्षेत्र घेरती है। झील को जाने वाले सुंदर रास्तों पर ट्रैकिंग भी की जा सकती है।
भीष्मकनगर किला
रोइंग से 30 किमी की दूरी पर स्थित भीष्मकनगर किला 8 वीं सदी से संबंधित माना जाता है। जली हुई ईटों से बनाया गया था और यहा किला, राज्य के सबसे पुराने पुरातात्विक किलों में से एक है। यह स्थल अरूणाचल प्रदेश के जनजाति समुदाय इदु मिस्मीस के लिए एक पवित्र धरोहर है। इस स्थल की खुदाई पर यहां कई कलाकृतियां पाई गई जिनमें मिट्टी के सजावटी सामान, सजावटी टाइल्स, मिट्टी की मूर्तियां और बर्तन आदि शामिल थे।
सैली झील
रोइंग से 3 किमी. की दूरी पर स्थित सैली झील रोइंग का विख्यात पिकनिक स्पॉट है। यह प्राकृतिक झील चारों ओर से हरियाली से घिरी हुई है और पर्यटकों को प्रकृति के कई रंग देखने का अवसर प्रदान करती है। इस झील में कई प्रकार की मछलियों को देखा जा सकता है।
इफीपानी
रोइंग शहर से 10 किमी. की दूरी पर स्थित इफीपानी, दिबांग नदी के तट पर समतल पर स्थित है जहां पर्यटक आसानी से पिकनिक मना सकते है। इस घाटी और नदी की सुंदरता, पूरे देश से पर्यटकों को आकर्षित करती है।
हुनली
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रोइंग से करीबन 90 किमी की दूरी पर स्थित हुनली समुद्री स्तर से 5000 की ऊंचाई पर बसा हुआ है। इस स्थल का मुख्य आकर्षण एक गुफा मंदिर है जो कुपुनली में स्थित है, यह हुनली के नजदीक ही स्थित है। हुनली, रोइंग जाने वाले रास्ते में पड़ता है जहां के रास्तों के प्राकृतिक दृश्य काफी विख्यात है। जो लोग लॉन्ग ड्राइव पर जाना पसंद करते है वह यहां की हसीन वादियों में खूबसूरत रास्तों पर गाड़ी को चला सकते है और घाटी की लुभावनी सुंदरता के आकर्षक नजारे देख सकते है।
नीजोमाघाट
नीजोमाघाट रोइंगा काएक अन्य प्रमुख पर्यटन आकर्षण है, जोकि शहर से करीबन 15 15 किमी. की दूरी पर स्थित है। इस ऐतिहासिक स्थल को निजामघाट के नाम से भी जाना जाता है। यह उन्नीसवीं सदी में अंग्रेजों के द्वारा स्थापित किया गया था। इसका नाम अंग्रेज ऑफीसर जे. एफ. निधाम के नाम पर रखा गया था। नीजोमाघाट, अंग्रेजों के लिए पहाडी का प्रवेश द्वार था। नीजोमाघाट के ऐतिहासिक महत्व के अलावा, इस स्थल की प्राकृतिक सुंदरता भी देखने लायक है। यहां दूर - दूर तक हरियाली फैली हुई है जो वातावरण को सुंदर और स्वच्छ बनाती है। यह स्थल चारों तरफ से विशाल पहाड़ों और चट्टानी परिवेश से घिरा हुआ है। इस स्थल से बहने वाली नदी यहां के माहौल को और सुंदर बना देती है। रोइंग,दम्बुक से एक पगडंडी द्वारा जुड़ा हुआ जहां पर्यटक आसानी से पहुंच सकते है। हिमालय चट्टान पर बहती यह नदी अजीबो- गरीब रूप में दिखती है। पूरा पर्वत नीजोमाघाट से स्पष्ट दिखाई देता है जो पर्यटकों की आंखों को सुकुन प्रदान करता है।