Search
  • Follow NativePlanet
Share
» »तुलजापुर भ्रमण के दौरान इन स्थलों की सैर जरूर करें

तुलजापुर भ्रमण के दौरान इन स्थलों की सैर जरूर करें

महाराष्ट्र के उस्मानाबाद जिले स्थित तुलजापुर एक खूबसूरत और राज्य का लोकप्रिय नगर है, जो अपने प्राचीन मंदिरों और अन्य संरचनाओं के लिए जाना जाता है।

महाराष्ट्र के उस्मानाबाद जिले स्थित तुलजापुर एक खूबसूरत और राज्य का लोकप्रिय नगर है, जो अपने प्राचीन मंदिरों और अन्य संरचनाओं के लिए जाना जाता है। राज्य के ऐतिहासिक स्थल का हिस्सा होने के कारण यहां कई अद्भुत प्राचीन संरचनाओं व स्मारकों को देखा जा सकता है। आप यहां सदियों पुराने मंदिरों से लेकर किले और गुफाएं भी देख सकते हैं। इतिहास में दिलचस्पी रखने वालों के लिए तुलजापुर एक आदर्श स्थल है। अगर आप एक ऑफबीट ट्रैवलर हैं, तो महाराष्ट्र के इस खास स्थल की सैर का प्लान बना सकते हैं। हमारे साथ इस लेख में जानिए चुनिंदा उस शानदार स्थलों के बारे में जो आपकी तुलजापुर यात्रा को खास बनाने का काम करेंगे।

तुलजा भवानी मंदिर

तुलजा भवानी मंदिर

PC-Glasreifen

शहर भ्रमण की शुरुआत आप यहां के सबसे मुख्य आकर्षण देवी तुलजा भवानी मंदिर के दर्शन से कर सकते हैं। तुलजा देवी के नाम पर इस नगर का नाम तुलाजपुर रखा गया था। यह एक प्राचीन मंदिर है जो देवी तुलजा भवानी को समर्पित है। माना जाता है कि यह प्राचीन मंदिर 12 शताब्दी के दौरान बनाया गया था। देवी की मूर्ति मंदिर के गर्भगृह में स्थापित है। मां तुलजा के आठ हाथों में आठ विभिन्न प्रकार के हथियार हैं, जिसमें से एक हाथ में महिषासुर नाम के राक्षस का सर है। माना जाता है कि तुलजा भवानी का जन्म महिषासुर का वध करने के लिए हुआ था।

घाट शिला मंदिर

घाट शिला मंदिर

PC-Tej Kumar Book Depo

तुलजा भवानी मंदिर के साथ-साथ आप यहां के अन्य प्रसिद्ध घाट शिला मंदिर के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त कर सकते हैं। यह जिले का प्रसिद्ध मंदिर है, जो भगवान राम को समर्पित है। इस मंदिर से एक पौराणिक किवदंती भी जुड़ी है माना जाता है कि पत्नी सीता की खोज में भगवान राम और भाई लक्ष्मण यहां से गुजरे थे। माना जाता है की देवी तुलजा ने श्रीराम को सीता की खोजा का आगे का रास्ता दिखाया था।

धाराशिव जैन गुफा

धाराशिव जैन गुफा

PC-Glasreifen

मंदिर के अलावा आप यहां धाराशिव जैन गुफाओं को देखने के लिए आ सकते हैं। यह सात प्राचीन गुफाओं का समुह है, जिनका निर्माण 5वीं से 7वीं शताब्दी के मध्य बौद्ध और जैन भिक्षुओं ने करवाया था। ये गुफाएं आध्यात्मिकता का एक बड़ा केंद्र हुआ करती थीं। आप गुफा के अंदर कई जैन तीर्थंकरों की प्रतिमाओं को भी देख सकते हैं। अगर आप दिलचस्पी रखते हैं तो आपको यहां जरूर आना चाहिए। कुछ नया जानने के लिए यह स्थल काफी ज्यादा मायने रखता है।

नलदुर्ग किला

नलदुर्ग किला

PC- Damitr

तुलजा भ्रमण के दौरान आप नलदुर्ग फोर्ट की सैर का प्लान बना सकते हैं। यह एक प्राचीन किला है, जिसका निर्माण नलराजा ने मध्यकालीन वास्तुकला शैली में करवाया था। यह अपने समय का एक अद्भुत किला है, जो वर्तमान में मात्र खंडहर रूप में मौजूद है। किले की मजबूत दीवारों को आज भी देखा जा सकता है। यह किला तुलजाभवानी मंदिर से लगभग 35 कि.मी की दूरी पर स्थित है। नलदुर्ग किला दक्कन के सबसे मजबूत किलों में गिना जाता है, जो काफी बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है। इतिहास की बेहतर समझ के लिए आप यहां आ सकते हैं। यह किला इतिहास की कई महत्वपूर्ण घटनाओं का साक्षी रहा है।

चिंतामणी

चिंतामणी

उपरोक्त स्थलों के अलावा आप तुलजाभवानी मंदिर के सामने बनी चिंतामणी की खूबसूरत पत्थर आकृति को देख सकते हैं। माना जाता है कि चिंतामणी भक्तों को सही फैसले लेने में मदद करती हैं। यह धार्मिक स्थल कई खूबसूरत मंदिरों से घिरा है, जिनमें नहसिंह, यमाई देवी, मातंगी और खंडोबा शामिल हैं। यह धार्मिक स्थल मगलवार, शुक्रवार और रविवार के दिन भक्तों से भर जाता है।

तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X