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क्या आपने देखा है, मध्य प्रदेश का 'हेरिटेज ट्रायंगल'?

मध्य प्रदेश पर्यटन की दृष्टि से एक बेहतरीन जगह है। अपने परिवार के साथ इस साल यहां घूमने का अगर आप सोच रहे हैं तो अपनी सूची में हेरिटेज ट्रायंगल का नाम जरूर शामिल कर लें।

By Cheenu Verma

PC: Vivek B Govindaraju

मध्य प्रदेश, भारत का दिल, ठीक बीचोंबीच है। सिर्फ कहने के लिए नहीं, बल्कि हकीकत में ये भारत का दिल है, जिसमें जान बसती है देश की। और हो भी क्यों ना, आखिरकार इससे ही तो खूबसूरती है इंडिया की। अपने लोगों, ऐतिहासिक इमारतों, और प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है ये शहर। यहां एक बार आने वाला दोबारा ना गया हो, ऐसा हो ही नहीं सकता। 5 सीमाओं से मिलने वाला ये राज्य, हीरे और तांबे का सबसे बड़ा भंडार माना जाता है। रायसेन, विदिशा और सांची इस राज्य की सुंदरता को और ज्यादा तराश्ते हैं। क्या आप मध्य प्रदेश के इस हेरिटेज ट्रायंगल में घूमने के लिए तैयार हैं?

रायसेन

रायसेन

PC: Hansallumia verma

मध्य प्रदेश के हेरिटेज ट्रायंगल में सबसे पहले आता है जिला रायसेन। मध्य प्रदेश के कई छोटे शहरों में से एक, रायसेन की धार्मिक और ऐतिहासिक मान्यताएं हैं। यहां कई मंदिर जैसे अन्य पवित्र स्थल हैं। सबसे खास बात ये कि रायसेन में मंदिर और मस्जिद, दोनों एक ही परिसर में स्थित हैं। परिसर में स्थित दोनों धार्मिक स्थलों को एक समान रूप से अपनाया जाता है। इसका प्रमाण आपको हजरत पीर फतेह उल्लाह शाह साहब की दरगाह पर मिल जाएगा।

अक्टूबर से दिसंबर के बीच रायसेन घूमना सबसे बढ़िया है, क्योंकि इस बीच मौसम बिल्कुल ठीक होता है। क्योंकि ये भोपाल से लगभग 50 किमी की दूरी पर है तो आप भोपाल से रायसेन जाने वाली बस भी ले सकते हैं।

रायसेन किला

रायसेन किला

PC: Sheerazwiki

यूं तो रायसेन अपने आप में ही पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हैं, लेकिन रायसेन का किला तो जैसे सोने पर सुहागे का काम करता है। रायसेन के किसी भी बस स्टेंड से रायसेन किले की बस लेकर जाया जा सकता हैं। रायसेन किला देखने के लिए कोई टिकट नहीं लगता और यहां जाना भी बहुत आसान है।

कहते हैं कि इस किले पर कई राजाओं और शासकों ने 14 बार हमले किए लेकिन फिर भी ये आज तक कायम है। 1500 फीट से ज्यादा की ऊंचाई पर स्थित ये किला, 10 वर्ग में फैला है। तो इतने बड़े किले को अच्छे से देखने के लिए 2 घंटे का समय लग सकता है। इसलिए बहतर होगा अगर आप आपने साथ खाने की चीज़े और पानी ज़रूर लेकर जाएं।

तितली पार्क

तितली पार्क

रायसेन के गोपालपुर गांव में एक तितली पार्क भी है। ये पार्क 3 हेक्टेयर में फैला हुआ है और ये मध्यप्रदेश का पहला तितली पार्क है। अब आप ये सोच रहे होंगे कि इसे तितली पार्क क्यों कहा जाता है? तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस पार्क में 65 प्रजातियों की तितलियां है। यहां जाने के लिए आप बस का रास्ता अपना सकते हैं। पार्क में प्रवेश करने के लिए सिर्फ 10 रुपये का टिकट है।

इस पार्क का उद्देश्य पर्यटकों का ध्यान आकर्षित करना और तितलियों के जन्म और उनके वयस्क होने तक, एक अनुकूल वातावरण उपलब्ध कराना है। इसके लिए पार्क में 137 प्रकार के पौधे भी लगाए गए हैं। रायसेन का ये तितली पार्क हफ्ते के सातों दिन, सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक खुला रहता है। क्योंकि अभी इस पार्क को खुले ज्यादा समय नहीं हुआ है, इसलिए आपको टिकट के लिए लंबी कतार में लगना पड़ सकता है। ऐसे में सलह है कि समय से थोड़ा पहले पहुंचें। ध्यान रहे, यहां खाने-पीने की चीज़ें ले जाना वर्जित है।

सांची

सांची

PC: Pallav Singhal

इसके बाद हेरिटेज ट्रायंगल में दूसरे नंबर पर है सांची की सैर करने को तैयार हो जाइये! मध्य प्रदेश का जिला सांची एक बेहद ही खूबसूरत जगह है। ये पर्यटन की दृष्टि से अपने राज्य में सबसे ज्यादा व्यस्त रहता है। और हो भी क्यों ना, आखिर ये खूबसूरत जगह पर्यटकों से सराबोर जो रहता है।

सांची का स्तूप

सांची का स्तूप

PC: Pallav Singhal

रायसेन से सांची जाने के लिए आपको 23.2 किमी का सफर तय करना होगा। ये सफर आप बस, कार या ट्रेन, किसी से भी तय कर सकते हैं।

सांची का स्तूप एक अर्ध गुंबद के आकार का है। इसमें भगवान बुद्ध के अवशेषों को संरक्षित करके रखा हुआ है। लोगों की मान्यता है कि इसके पीछे का कारण गौतम बुद्ध का शांतिपूर्ण तरीके से जीवन जीना था। उन्हें मृत्यू के बाद भी शांति ही मिले, इसलिए उनके अवशेषों को यहां रखा गया है। कुछ लोगों का कहना है कि स्तूप के अंदर कैमरा या मोबाइल फोन ले जाना मना है।

सांची के स्तूप के प्रवेश द्वार पर बेहतरीन वास्तुकला का प्रदर्शन किया गया है जो प्रवेश द्वार में घुसते ही आंखों को चौंका देता है। यहां प्रवेश करने की टिकट के लिए 10 रुपये और 15 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए मुफ्त है तो वहीं विदेशी पर्यटकों के लिए टिकट का दाम 250 रुपये है। अक्टूबर से अप्रैल तक के बीच का समय यहां घूमने के लिए बिल्कुल सही रहता है।

उदयगिरी गुफाएं

उदयगिरी गुफाएं

PC: Photo Dharma

उदयगिरी की गुफाएं बहुत मशहूर है। उदयगिरी में कुल 20 गुफाएं हैं। ये सभी गुफाएं प्राचीन हैं और इन गुफाओं की कटाई कर इनमें छोटे-छोटे कमरे बनाए गए हैं। अगर आपको सभी 20 गुफाएं घूमनी हैं तो आपको काफी सारा समय चाहिए। इन 20 गुफाओं में से कुछ गुफाओं में आपको शिलालेख भी देखने को मिलेंगे। इसके साथ ही इस बात का ध्यान भी रखें कि शाम के समय में किसी को भी यहाम जाने की इजाज़त नहीं है।

विदिशा

विदिशा

PC: Photo Dharma

मध्य प्रदेश हेरिटेज ट्रायंगल के तीसरे और आखिरी पर्यटक स्थल विदिशा, जो सांची से महज़ 8.4 किमी दूर है, मध्य प्रदेश का एक प्रमुख शहर है। यहां ज्यादातर स्थल धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल हैं। इसलिए आपको काफी सब्र की ज़रूरत पड़ेगी, क्योंकि धार्मिक स्थलों पर अमूमन तौर पर बहुत भीड़ रहती है। विदिशा में सिरोंज है, जो जैन समुदाय का तीर्थस्थान माना जाता है।

पर्यटन के हिसाब से यहां देखने वाला दशावतार मंदिर है जो छोटे-छोटे वैष्णव तीर्थस्थान का एक समूह है। इस मंदिर को स्थानीय लोग साधवतार मंदिर के नाम से भी जानते हैं। मंदिर के पास ही एक झील है जिसके किनारे 9वी और 10वी सदी के सती स्तंभों के अवशेष भी देखने को मिल सकते हैं। इससे कुछ ही दूर है, प्राचीन सोलाह खंबी मंदिर। इस मंदिर की सपाट छत 16 स्तंभों (खंबों) पर टिकी है। यही कारण है कि इस मंदिर को सोलाह खंबी कहा जाता है। पर्यटन के हिसाब से ये देखने लायक है।

इसके अलावा शैल चित्रों से भी प्रभावित होते हैं पर्यटक। क्योंकि यहां कैमरा या फोन जैसी चीज़ें ले जाने पर कोई रोक नहीं है, इसलिए आप यहां तस्वीरें भी ले सकते हैं। शैल चित्र पर्यटकों को इतने पसंद आते हैं कि वो इन्हें अपने कैमरा में हमेशा के लिए कैद कर एक याद के रूप में ले जाते हैं।

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