Search
  • Follow NativePlanet
Share
» »आइये कुछ तूफानी किया जाये, क्यों न भारत के इन जंगलों को ही विजिट किया जाये

आइये कुछ तूफानी किया जाये, क्यों न भारत के इन जंगलों को ही विजिट किया जाये

By Syedbelal

भारत जितना विविध है उससे भी कहीं ज्यादा विविध यहां के जंगल और उसमें समाया वन्य जीवन है, जो अपने अंदर विभिन्न वनस्पतियों और जीवों की एक विस्तृत सरणी लिए हुए है। आज हमारा भारत कई प्रकार के पेड़ पौधों का, वन्य जीवों का, खूबसूरत पक्षियों का घर है। भारत में जहां आपको एक तरफ विशाल हाथी मिलेंगे तो वहीँ दूसरी तरफ आप गिर, रणथंभौर, जिम कॉर्बेट, बाधवगढ़, कान्हा और पन्ना में शेर की दिल दहला देने वाली दहाड़ सुनेंगे।

यहां के असम में जहां आपकी मुलाकात खरतनाक गैंडों से होगी तो वहीं हिमालय में आपको भालू और हिरन की कई प्रजातियां भी देखने को मिल जाएंगी। सांप, बिच्छू, घड़ियाल, मगरमच्छ, हिरन, बाघ, जंगली गधे, रंग बिरंगे पक्षी आज सब का ही निवास स्थान है भारत।

कहा जाता है कि प्रकृति और उसके अंतर्गत रहने वाले जीवों को उनके प्राकृतिक निवासस्थान में देखने का एक अलग ही आनंद होता है। अब अगर आप ये आनंद लेना चाहते हैं तो जीवन में एक बार भारत के इन खूबसूरत वनों कि यात्रा कर यहां के वन्य जीवन को निहारिये। गौरतलब है कि आज अपने 70 से अधिक राष्ट्रीय उद्यान और 400 जंगली जीवों के अभयारण्य के चलते भारत आज एको टूरिज्म का मक्का है। देश विदेश के कई पर्यटक आज यहाँ के दुर्लभ वन्य जीवन का आनंद लेने आते हैं।

आपको बताते चलें कि पूरे विश्व में पौधों की कुल 2,50,000 प्रजातियां हैं जिनमें से आज 15,000 प्रजातियां भारत में हैं इसके अलावा विश्व में जीव-जन्तुओं की कुल 15 लाख प्रजातियों में से लगभग 75,000 प्रजातियां भारत में ही वास करती हैं। चलिए आपको रू -ब -रू करते हैं भारत के वन्य जीवन और उसके अंदर रहने वाले जीवों से। आज हम आपको बताएंगे भारत के कुछ चुनिंदा वन्य जीव अभ्यारणों के बारे में।

रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान

रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान

णथंभौर राष्ट्रीय उद्यान, उत्तर भारत में सबसे बड़ा वन्यजीव भंडार में से एक है, जो राजसी खेल संरक्षण था। 1955 में, यह एक वन्यजीव अभयारण्य के रूप में स्थापित किया गया था. बाद में, 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर के पहले चरण में इसको शामिल किया गया। रणथंभौर वन्यजीव अभयारण्य को 1980 में राष्ट्रीय पार्क का दर्जा प्रदान किया गया था. बाघों के अलावा, राष्ट्रीय पार्क में विभिन्न जंगली जानवरों, सियार, चीते, हाइना, दलदल मगरमच्छ, जंगली सुअरों और हिरण के विभिन्न किस्मों के लिए एक प्राकृतिक निवास स्थान के रूप में कार्य करता है, इसके अलावा, वहाँ जैसे जलीय वनस्पति, लिली, डकवीड और पार्क में कमल बहुतायत है। इस वन्यजीव अभयारण्य 392 वर्ग किलोमीटर के एक क्षेत्र में फैला हुआ है जो बाघ संरक्षण के लिए जाना जाता है।

कॉर्बेट नेशनल पार्क

कॉर्बेट नेशनल पार्क

कॉर्बेट नेशनल पार्क वन्य जीव प्रेमियों के लिए एक स्वर्ग है जो प्रकृति माँ की शांत गोद में आराम करना चाहते हैं। पहले यह पार्क (उद्यान) रामगंगा राष्ट्रीय उद्यान के नाम से जाना जाता था परंतु वर्ष 1957 में इसका नाम कॉर्बेट नेशनल पार्क (कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान) रखा गया। यह राष्ट्रीय उद्यान विशाल हिमालय की तलहटी में स्थित है और अपने हरे भरे वातावरण के लिए जाना जाता है। भारत जंगली बाघों की सबसे अधिक आबादी के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्द है और जिम कॉर्बेट पार्क लगभग 160 बाघों का आवास है। यह रामगंगा नदी के किनारे स्थित है और यहाँ के आकर्षक पर्यटन स्थलों का भ्रमण करने तथा साहसिक सफ़ारी के लिए पर्यटक यहाँ आते हैं।

कॉर्बेट नेशनल पार्क

कॉर्बेट नेशनल पार्क

इस पार्क में दिखाई देने वाले जानवरों में बाघ, चीता, हाथी, हिरण, साम्बर, पाढ़ा, बार्किंग हिरन, स्लोथ भालू, जंगली सूअर, घूरल, लंगूर और रेसस बंदर शामिल हैं। इस पार्क में लगभग 600 प्रजातियों के रंगबिरंगे पक्षी रहते है जिनमें मोर, तीतर, कबूतर, उल्लू, हॉर्नबिल, बार्बिट, चक्रवाक, मैना, मैगपाई, मिनिवेट, तीतर, चिड़िया, टिट, नॉटहैच, वागटेल, सनबर्ड, बंटिंग, ओरियल, किंगफिशर, ड्रोंगो, कबूतर, कठफोडवा, बतख, चैती, गिद्ध, सारस, जलकाग, बाज़, बुलबुल और फ्लायकेचर शामिल हैं। इसके अलावा यात्री यहाँ 51 प्रकार की झाडियाँ, 30 प्रकार के बाँस और लगभग 110 प्रकार के विभिन्न वृक्ष देख सकते हैं।

पन्‍ना राष्‍ट्रीय उद्यान

पन्‍ना राष्‍ट्रीय उद्यान

पन्‍ना राष्‍ट्रीय उद्यान, पन्‍ना शहर के पास में स्थित है लेकिन यह मध्‍य प्रदेश के छतरपुर जिले का हिस्‍सा है। यह पार्क, राज्‍य का पांचवा और देश का बाईसवां, टाइगर रिजर्व पार्क है। बाघों के अलावा, इस राष्‍ट्रीय पार्क में अन्‍य जानवरों व सरीसृपों का भी घर है।

पन्‍ना राष्‍ट्रीय उद्यान

पन्‍ना राष्‍ट्रीय उद्यान

यहां आकर आप आसानी से चीतल, स्‍लोथ भालू, सांभर और चिंकारा को देखा जा सकता है, पार्क में इन सभी के लिए प्राकृतिक आवास को बनाया गया है। इस पार्क में कई प्रकार की चिडियां जैसे - किंग वल्‍चर, हनी बुजार्ड, बार हेडेड गुस और ब्‍लॉसम - हेडेड पाराकिट भी शामिल हैं।

बांधवगढ़ नेशनल पार्क

बांधवगढ़ नेशनल पार्क

मध्यप्रदेश के विंध्य पर्वत में फैला बांधवगढ़ नेशनल पार्क बाघों और अपनी जैव विविधता के लिए जाना जाता है। करीब 400 किमी तक फैले इस पार्क में लहलहाते हुए जंगल, खड़ी चट्टानें और खुले मैदान हैं। पार्क में कई ऐसे स्थान हैं जो टूरिस्ट स्पॉट का काम करते हैं। बांधवगढ़ नेशनल पार्क में स्तनपाई की 22 प्रजाति सहित पक्षियों की 250 प्रजातियां पाई जाती हैं। इस अभ्यारण्य में घूमने पर आप बाघ, एशियाई सियार, धारीदार लकड़बग्घा, बंगाली लोमड़ी, राटेल, भालू, जंगली बिल्ली, भूरा नेवला और तेंदुआ सहित कई तरह के जानवर देख सकते हैं। इसके अलावा कुछ स्तनपाई जैसे गिलहरी, धोले, छोटा चूहा और छोटा भारतीय कस्तूरी भी यहां कभी-कभार देखने मिल जाएंगे।

काजीरंगा राष्‍ट्रीय उद्यान

काजीरंगा राष्‍ट्रीय उद्यान

काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान असम के गर्व में से एक है। यह उल्लेख करना जरूरी है कि यह लुप्तप्राय भारतीय एक सींग वाले गैंडे का घर है और दुनिया में बाघों की सबसे अधिक घनत्व को समयोजित करते हुए, 2006 में इसे बाघ अभयारण्य के रूप में भी घोषित किया गया।

काजीरंगा राष्‍ट्रीय उद्यान

काजीरंगा राष्‍ट्रीय उद्यान

राष्ट्रीय उद्यान एक यूनेस्को विश्व विरासत स्थल भी है। यह लगभग 429.93 कि.मी के वर्ग के क्षेत्र वाला एक बड़ा उद्यान है। यह असम के दो जिलों - गोलाघाट और नोआगांव के अंतर्गत आता है।

तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X