दुनिया में अजूबों की कमी नहीं है, ऐसे में अगर आप अनोखी और अजूबी चीजों और जगहों को देखने में रुचि रखते हैं तो फिर ये आर्टिकल आपके लिए ही है। दरअसल, बचपन में आप सभी ने रेनबो और पहाड़ों के बारे में तो सुना ही होगा। लेकिन अगर आपको अगर इन दोनों का कॉम्बिनेशन देखने को मिले तो आप क्या करेंगे? जाहिर सी बात है कि आप उन स्थानों को देखने के लिए बैग जरूर पैक कर लेंगे। भाई इतनी शानदार और अनोखी जगहों पर जाना छोड़ता है कोई भला।
दरअसल, ये एक वैली है, जो पेरू में स्थित है। इस वैली का नाम मोन्टाना डि सिएट कोलर्स है, जो कुस्को क्षेत्र के एंडीज पर्वतमाला में आता है। इस वैली में स्थित सारे पहाड़ आपको रेनबो कलर में दिखाई देंगे, जिसे देखने के बाद आप भी कहेंगे कि वाह क्या जगह है! यहां के सभी पहाड़ साल के आठ महीने तक इंद्रधनुष के सात रंगों की तरह दिखाई देते हैं। किवदंती है कि हजारों साल पहले इस वैली का रंग एक सामान्य वैली की तरह ही था, लेकिन बाद में धीरे-धीरे करके इस जब मिट्टियां बहने लगी तो धीरे-धीरे इसका रंग भी परिवर्तित होता गया और फिर रेनबो की तरह दिखने लगा।
10 साल पहले की गई खोज
इस वैली की खोज करीब 9-10 साल पहले ही हुई है लेकिन देखते ही देखते यह पर्यटकों के बीच खासा प्रसिद्ध हो गई है और उनकी पहली पसंद भी होती जा रही है। सूर्य की रोशनी सातों कलर आप आसानी से देख सकते हैं, जो बेहद आकर्षक लगता है। हालांकि आमतौर पर ये पहाड़ सिर्फ लाल, पीला, हरा, और बैंगनी रंगों में ही दिखाई पड़ते हैं।
17000 फीट की ऊंचाई पर स्थित
करीब 17000 फीट की ऊंचाई पर स्थित इस वैली में पर्यटकों की आवाजाही काफी बढ़ गई है। हर साल यहां करीब 4-5 लाख लोग आते हैं, जो धीरे-धीरे इसके लिए खतरा बनता जा रहा है। क्योंकि, काफी पर्यटक यहां पर गंदगी भी फैला देते हैं। और ऊपर से काफी ऊंचाई होने के कारण यहां पर ऑक्सीजन भी पर्याप्त नहीं मिल पाता है, इससे पर्यटकों को सांस लेने में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
खनिज तत्वों के कारण बनती है इंद्रधनुषी कलर
वैली के इन कलरों को लेकर वैज्ञानिकों का दावा है कि यहां पर प्रचुर मात्रा में खनिज तत्व मौजूद है, जिससे पर्वत का कलर परिवर्तित होता है और इंद्रधनुषी छटा दिखाई पड़ती है। यहां पर दिखने वाला लाल रंग आयरन ऑक्साइड, पीला आयरन सल्फाइड, हरा या नीला क्लोराइट की वजह से है।
बारिश और ठंड के मौसम में आने पर मनाही
दरअसल, यहां तक पहुंचने के लिए पर्यटकों को दुर्गम रास्तों को तय करना पड़ता है, जो कभी-कभी काफी खतरनाक भी साबित हो सकता है। ऐसे में बारिश के दिनों में यहां पर पर्यटकों को न आने के लिए निर्देश जारी किया जाता है। वहीं, ठंड के मौसम में भी पर्यटकों को लेकर रोक लगाई जाती है। क्योंकि सर्दी के मौसम में वहां पहाड़ों बर्फ जम जाती है। ऐसे में बारिश और सर्दी के मौसम इन पहाड़ों का सतरंगी रंग आप देख नहीं पाएंगे, इसीलिए इन मौसम में जाना भी सही नहीं है। बाकि आप इन दोनों मौसम को छोड़ कभी भी जा सकते हैं।