आज पूरे भारत में रामनवमी का पर्व हर्सोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। पौराणिक कथायों की मान्यतायों के मुताबिक आज ही के दिन भगवान राम ने अयोध्या में दशरथ और कौसल्या के घर जन्म लिया था।
प्राचीन हिन्दू कैलेंडर के मुताबिक राम का जनम चैत्र माह में हुआ था, साथ ही इस दिन नवरात्री का भी आखिरी दिन मनाया जाता है। राम नवमी पूरे भारत में बेहद उत्साह के साथ मनायी जाती है। रामनवमी के खास मौके पर आज हम आपको बताने वाले भगवान राम के प्रमुख मन्दिरों के बारे में..
राम मंदिर, अयोध्या
रघुनाथ मंदिर
जम्मू में स्थित यह मंदिर अपनी अद्भुत वास्तुकला के लिए जाना जाता है, जिसका निर्माण 1857 में महाराजा रणवीर सिंह और उनके पिता महाराजा गुलाब सिंह ने कराया था। इस मंदिर में 7 ऐतिहासिक धार्मिक स्थल मौजूद है। मंदिर के आन्तरिक हिस्सों में सोना लगा हुआ है जो तेज का स्वरूप है। मंदिर में कई देवी और देवताओं की मूर्ति लगी हुई है। इस मंदिर में हिंदू धर्म के 33 करोड़ देवी और देवताओं की लिंगम भी बने है जो मंदिरों में एक इतिहास है।Pc:Bhadani
भद्राचलम राम मंदिर
भद्राचलम भारत के दक्षिणी भाग में आंध्र प्रदेश के खम्मम जिले में एक छोटा सा शहर है। यहां स्थित भद्रचला राम मंदिर एक हिन्दू मंदिर है, जो भगवान राम और देवी सीता को समर्पित है यह भद्राचलम में लोकप्रिय स्थान है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान राम भगवान विष्णु के सातवें अवतार है। देवी सीता भगवान विष्णु की पत्नी, देवी लक्ष्मी का अवतार हैं।Pc:Bcmnet
राम मंदिर-चित्रकूट
रामयाण में चित्रकूट का व्यख्यान है, कहा जाता हैं, माना जाता है कि भगवान राम ने सीता और लक्ष्मण के साथ अपने वनवास के चौदह वर्षो में ग्यारह वर्ष चित्रकूट में ही बिताए थे। यह पवित्र स्थल हिन्दुओं के लिए अयोध्या से कम नहीं है। यहां पर रामघाट, जानकी कुंड, हनुमानधारा, गुप्त गोदावरी आदि ऐसे कई स्थल जो पर्यटक देख सकते हैं।Pc:LRBurdak
रामराजा मंदिर, ओरछा
यह मंदिर ओरछा का सबसे लोकप्रिय और महत्वपूर्ण मंदिर है. यह भारत का एकमात्र मंदिर है जहां भगवान राम को राजा के रूप में पूजा जाता है, और आज भी पुलिस उन्हें सलामी देती है।Pc:YashiWong
रामेश्वरम्
तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले में स्थित यह तीर्थ हिन्दुओं के चार धामों में से एक है। इसके अलावा यहां स्थापित शिवलिंग बारह द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। भारत के उत्तर में काशी की जो मान्यता है, वही दक्षिण में रामेश्वरम् की है।Pc: Ssriram mt
रामटेक, नागपुर
पौराणिक कथायों के मुताबिक़, भगवान राम ने अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ इसी जगह पर विश्राम किया था। यह मंदिर छह सदियों से भी पुराना है, यही बैठ कर कालीदास ने अपना महाकाव्य मेघदूत लिखा था। रामटेक, नागपुर से 50 किमी. दूर है। यह जन्नत सी जगह शहर के शोर से अलग है और सुकुन प्रदान करता है। यहां रामनवमी पर्व यहां बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।
Pc:Kailash Mohankar
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