मणिपुर, पर्यटन के दृष्टि से एक बहुत ही सुंदर राज्य है। अधिकतर क्षेत्र पहाड़ी होने के चलते यहां के नजारे भी काफी खूबसूरत है। लेकिन फिलहाल मौसम मानसून का चल रहा है तो मानसून की बात करते हैं। सरकार और प्रशासन की ओर से हमेशा कहा जाता रहा है कि अक्सर पहाड़ी वाले क्षेत्रों में जाने से बचना चाहिए। क्योंकि यहां पर कभी भी लैंड-स्लाइड या भारी बारिश के चलते कई सारी समस्याएं उठानी पड़ सकती है।
इन दिनों कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है मणिपुर में। जी हां, राज्य के नोनी जिले में एक रेलवे ट्रेक के निर्माण के दौरान हुए भूस्खलन से काफी तबाही का मंजर देखने को मिला है। मानसून के सीजन में इस तरीके की घटना मणिपुर में पहले भी हो चुकी है, जब कई लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी थी।
मणिपुर के खास पर्यटन स्थल
भारत में स्विट्जरलैंड के नाम से मशहूर मणिपुर में पर्यटन के लिए बहुत सुंदर राज्य है। यहां पर घूमने के लिए शहीद मीनार, पुराना महल, संग्रहालय, गोविंदजी का मंदिर और विष्णुपुर की झील काफी प्रसिद्ध स्थल है। इसके अलावा मणिपुर का भाला नृत्य पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है, जिसे देखने देश-विदेश से लोग आते हैं।
मानसून में पहाड़ी क्षेत्रों में क्यों ना जाएं
दरअसल, कई बार ऐसा होता है कि बारिश के कारण पहाड़ी रास्तों पर फिसलन ज्यादा हो जाती है, जिससे जान-माल का खतरा बना रहता है। इसके अलावा बादल का फटना, लैंड स्लाइड जैसी प्राकृतिक आपदाओं का आना काफी हद तक संभव होता है। यही कारण है कि विशेषज्ञ मानसून के दौरान पहाड़ी क्षेत्रों में घूमने की सलाह नहीं देते।
किन बातों को रखें ध्यान
बारिश के मौसम पहाड़ी क्षेत्रों की सैर ना करें। जितना हो सके, इससे बचें। कोशिश करें कि बारिश के पहले या बाद में ही इन क्षेत्रों में सैर की प्लानिंग करें। नहीं तो ऐसा ना हो आपकी पूरी प्लानिंद पर पानी फिर जाए।
क्या कहते हैं आंकड़ें
आंकड़ों की बात की जाए तो बीते बुधवार और गुरुवार की रात आई इस लैंडस्लाइड में जान गंवाने वालों की संख्या 50 के पार जा चुकी है और करीब 200 पुलिसकर्मी और सेना के जवान राहत व बचाव कार्य में लगे है। माना जा रहा है कि मौत का आंकड़ा अभी और भी बढ़ सकता है।