Search
  • Follow NativePlanet
Share
» »राख से उत्पन्न हुआ रिवालसर सरोवर!

राख से उत्पन्न हुआ रिवालसर सरोवर!

महान बौद्धिक गुरु, पद्मसम्भव की सात दिन तक जलने वाली चिता से उत्पन्न हुआ रिवालसर झील!

हिमाचल प्रदेश की भूमि में एडवेंचर से लेकर तीर्थ, हर वो विशेषताएं हैं जो हर उम्र के लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती और उत्साहित करती हैं। इन्हीं सारी विशेषताओं में मौजूद है रिवालसर तीर्थ जहाँ की सबसे प्रमुख विशेषता है वहां का रिवालसर सरोवर और पद्मसम्भव की विशाल मूर्ति।

[झीलों का सबसे बड़ा और अद्भुत रहस्य: पराशर झील!][झीलों का सबसे बड़ा और अद्भुत रहस्य: पराशर झील!]

आज हम बात कर रहे हैं हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में स्थित खूसबसूरत सरोवर की जिसके आसपास बसा है छोटा सा रंग बिरंगा नगर। यह सरोवर ही इस छोटे सी जगह की असली पहचान है। रिवालसर सरोवर, रिवालसर कस्बे की खूबी को बखूबी से विस्तारित करता है। हिमालय पर्वत की तलहटी पर बसा रिवालसर जीवंत और शांत है।

[हिमाचल प्रदेश में स्थित छोटी एल्लोरा की गुफ़ाएँ, मसरूर रॉक कट मंदिर!][हिमाचल प्रदेश में स्थित छोटी एल्लोरा की गुफ़ाएँ, मसरूर रॉक कट मंदिर!]

मुख्य तौर पर इसे बौद्ध धर्म के प्रमुख तीर्थस्थल के रूप में जाना जाता है। हालाँकि यह बौद्ध धर्म का एक पवित्र स्थल तो है पर इसके साथ ही साथ यह सिख धर्म और हिन्दू धर्म के लोगों के लिए भी एक पवित्र नगरी है।

मंडी पहुँचें कैसे?

एक ही जगह पर विभिन्न संस्कृतियों और धर्मों के संगम के दर्शन के लिए रिवालसर सबसे उत्तम जगहों में से एक है। तो चलिए आज हम चलते हैं इसी पवित्र भूमि रिवालसर की सैर करने कुछ शानदार तस्वीरों के साथ!

मंडी में होटल बुक करने के लिए यहाँ क्लिक करें!

यहाँ की पौराणिक कथा

यहाँ की पौराणिक कथा

कथानुसार मंडी के राजा अर्शधर को जब यह पता चला कि उनकी पुत्री ने गुरु पद्मसंभव से शिक्षा ली है तो उसने गुरु पद्मसंभव को आग में जला देने का आदेश दिया, क्योंकि उस समय बौद्ध धर्म अधिक प्रचलित नहीं था और इसे शंका की दृष्टि से देखा जाता था। इसके लिए बहुत बड़ी चिता बनाई गई जो सात दिन तक जलती रही।

Image Courtesy:Tar-ba-gan

यहाँ की पौराणिक कथा

यहाँ की पौराणिक कथा

सात दिनों तक चिता के जलने के बाद वहां एक झील उत्पन्न हो गई जिसमें से एक कमल के फूल में से गुरु पद्मसंभव एक सोलह वर्ष के किशोर के रूप में प्रकट हुए। इसके बाद राजा ने अपने इस गलत कार्य के पश्चाताप के लिए अपनी बेटी का विवाह गुरु पद्मसम्भव से कर दिया।

Image Courtesy:Ritpr9

रिवालसर के आकर्षण

रिवालसर के आकर्षण

रिवालसर में स्थित गुरु रिनपोचे(पद्मसम्भव) की विशाल मूर्ति खुद में ही यहाँ की सबसे खूबसूरत आकर्षण है। गुरु रिनपोचे की यह भव्य मूर्ति रिवालसर की पहचान के तौर पर भी मान्य है।

Image Courtesy:John Hill

रिवालसर के आकर्षण

रिवालसर के आकर्षण

ऐसी मान्यता है कि रिवालसर झील में एक किनारे से दूसरे किनारे तक समय-समय पर चलने वाले टीलों में गुरु पद्मसंभव की आत्मा का निवास है।

Image Courtesy:Tar-ba-gan

रिवालसर के आकर्षण

रिवालसर के आकर्षण

तिब्बत के लोग गुरु रिनपोचे की पूजा-अर्चना करने और उनको श्रद्धांजलि देने रिवालसर ही आते हैं।

Image Courtesy:Tom

रिवालसर के आकर्षण

रिवालसर के आकर्षण

रिवालसर के केंद्र में स्थित रिवालसर सरोवर जिसे कमल सरोवर भी कहा जाता है यहाँ का सबसे महत्वपूर्ण केंद्र है।

Image Courtesy:Hellknight mnd

रिवालसर के आकर्षण

रिवालसर के आकर्षण

यह सिर्फ बौद्ध धर्म वालों के लिए ही एक पवित्र भूमि नहीं, बल्कि हिन्दू और सिख धर्म वालों के लिए भी एक पवित्र स्थली है।

Image Courtesy:John Hill

रिवालसर के आकर्षण

रिवालसर के आकर्षण

सरोवर में पाई जाने वाली मछलियों को भी पवित्र माना जाता है और पर्यटक सरोवर के किनारे आ इन्हें खाना खिलाते हैं।

Image Courtesy:Tar-ba-gan

रिवालसर के आकर्षण

रिवालसर के आकर्षण

सरोवर के निकट ही गुरु पद्मसम्भव द्वारा स्थापित 'मानी-पानी' नामक बौद्ध मठ और एक गुरुद्वारा भी स्थित है |

Image Courtesy:John Hill

रिवालसर के आकर्षण

रिवालसर के आकर्षण

जैसा कि पहले ही कहा गया, रिवालसर कई धार्मिक स्थलों से भरा हुआ है। यहाँ कई बौद्ध मठ स्थित हैं, मंदिर हैं और गुरुद्वारे भी।

Image Courtesy:John Hill

रिवालसर मठ

रिवालसर मठ

रिवालसर मठ, रिवालसर में स्थित मुख्य बौद्धिक मठों में से एक है। यह बौद्ध धर्म के हीनयान परंपरा के अन्तर्गत आता है। रिवालसर मठ की यह खूबसूरत रचना, यहाँ की सबसे खूबसूरत और आकर्षक जगहों में से एक है।

Image Courtesy:Wonderlane

रिवालसर मठ

रिवालसर मठ

कमल सरोवर के तट पर ही बने हैं कृष्णा मंदिर और शिव मंदिर जहाँ से सरोवर का खूबसूरत नज़ारा और भी मनोरम लगता है।

Image Courtesy:Petrovich.ua

रिवालसर मठ

रिवालसर मठ

रिवालसर के नज़दीक ही अन्य दिलचस्प आकर्षण है, लोमास ऋषि की गुफ़ा। यहाँ ऐसी मान्यता है कि लोमास ऋषि ने इसी गुफ़ा के अंदर तपस्या की थी। इसलिए इसे लोमास ऋषि की तपोभूमि भी कहा जाता है।

Image Courtesy:John Hill

रिवालसर मठ

रिवालसर मठ

दिलचस्प बात यह है कि, ऐसा कहा जाता है कि सिख धर्म के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह भी जब रिवालसर आये थे तब वे भी इसी गुफ़ा में रहे थे और इसलिए ही तब से यह स्थान सिख धर्म का भी पवित्र स्थल बन गया।

Image Courtesy:Tar-ba-gan

गुरद्वारा रिवालसर साहिब

गुरद्वारा रिवालसर साहिब

गुरुद्वारा रिवालसर साहिब को गुरु गोबिंद सिंह सी जी के यात्रा को चिन्हित करने के लिए बनावाया गया। कहा जाता है कि मुगलों से युद्ध में पहाड़ी राजाओं से मदद मांगने के उद्देश्य से वे यहाँ पधारे थे और तीस दिनों तक यहाँ रहे।

Image Courtesy:Tar-ba-gan

गुरद्वारा रिवालसर साहिब

गुरद्वारा रिवालसर साहिब

मंडी के राजा जोगिंदर सेन ने सन् 1930 में इस गुरुद्वारे का निर्माण कराया। बैसाखी के अवसर पर श्रद्धालु यहाँ स्नान के लिए आते हैं।

Image Courtesy:banmeet singh

रिवालसर

रिवालसर

आपको यहाँ की यात्रा में हिमालय पर्वत की तलहटी पर बसे खूबसूरत नज़ारों के अद्भुत दृश्य के दर्शन होंगे और साथ ही साथ मंडी की इस रंगीन जगह पर रहने के मज़ेदार अनुभव मिलेंगे।

Image Courtesy:Fearlessvajra

रिवालसर

रिवालसर

हालाँकि रिवालसर हिमाचल प्रदेश का सबसे कम जाना जाने वाला हिल स्टेशन है पर इसकी खूबसूरती को अगर आप एक बार देख लेंगे तो बस यहीं के होकर रह जायेंगे।

Image Courtesy:Petrovich.ua

रिवालसर पहुँचें कैसे?

रिवालसर पहुँचें कैसे?

रिवालसर मंडी से लगभग 24 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। आपको रिवालसर आने के लिए सबसे पहले मंडी आना होगा, जहाँ से आप रिवालसर किसी बस या टैक्सी द्वारा पहुँच सकते हैं। यहाँ रोज़ मंडी से रिवालसर के लिए बस सुविधा उपलब्ध है।

Image Courtesy:Hellknight mnd

रिवालसर पहुँचें कैसे?

रिवालसर पहुँचें कैसे?

आप धर्मशाला से भी बस या टैक्सी द्वारा रिवालसर पहुँच सकते हैं ,जो यहाँ से लगभग 155 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

Image Courtesy:Doron

तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X