मध्य प्रदेश के पूर्वोत्तर भाग में स्थित सतना एक प्राचीन शहर है, जो अपने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए जाना जाता है। इस प्राचीन शहर की यात्रा आपको भारतीय अतीत की तरफ ले जाएगी, जहां आप इतिहास से जुड़ी कई सरंचनाओं को देख पाएंगे । यहां मौजूद धार्मिक और पुरातात्विक महत्व रखने वाले स्थल साल भर पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। इतिहास और कला-संस्कृति में दिलचस्पी रखने वालों के लिए यह काफी ज्यादा मायने रखता है। सतना यहां की पवित्र टोन नदी के किनारे बसा है, जो इस शहर को कुदरती रूप से संवारने काम करती है। चित्रकूट, मैहर, बिरसिंहपुर यहां से प्रमुख धार्मिक स्थल है जहां पर्यटक ज्यादा आना पसंद करते हैं। एक शानदार अवकाश के लिए आप यहां आ सकते हैं। इस लेख में हमारे साथ जानिए यह प्राचीन शहर आपको किस प्रकार आनंदित कर सकता है।
सतना का संक्षिप्त इतिहास
PC-Jagat Singh
सतना का इतिहास कई हजार साल पुराना बताया जाता है, माना जाता है कि इस क्षेत्र का संबंध महाभारत काल से भी रहा है। यहां भारहुत नाम का गांव है, बौध धर्म से जुड़े साक्ष्य प्राप्त किए गए हैं। 1873 में पुरातात्विक सर्वेक्षण के दौरान यहां बौध स्तूप खोजा गया था। यहां से प्राप्त की गई बहुत सी प्राचीन वस्तुओं को भारतीय संग्रहालय में भेज दिया गया है। इतिहास से जुड़े साक्ष्य बताते हैं कि यहां कई शक्तिशाली सम्राटों का शासन रह चुका है । सतना अंग्रेजों के प्रभाव क्षेत्र में भी रह है। सतना का नाम यहां बहने वाली सतना नदी के नाम पर पड़ा है। माना जाता है रामायण काल में भगवान राम का चित्रकूट आगमन हुआ था । आगे जानिए यहां के आकर्षण और दर्शनीय स्थलों के बारे में ।
सतना के दर्शनीय स्थल
सतना एक प्राचीन स्थल है, जहां देखने और घूमने-फिरने के लिए कई शानदार स्थल मौजूद हैं। प्राचीन और धार्मिक स्थलों की यहां भरमार है। सतना जिले के अंतर्गत चित्रकूट धाम और मैहर भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में गिने जाते हैं, जहां साल भर पर्यटकों का आवागमन लगा रहता है। आप आत्मिक और मानसिक शांति के लिए चित्रकूट का भ्रमण कर सकते हैं। माना जाता है कि इस स्थल पर भगवान राम का आगमन हुआ था। आप यहां के घाट पर आ सकते है, जिसे राम घाट के नाम से जाना जाता है। इस घाट पर भगवान, पत्नि सीता और भाई लक्ष्मण ने यहां स्नान किया था। आप यहां के भरत मिलाप मंदिर, चित्रकूट जलप्रपात, जानकी कुंड, सति अनसूया आश्रम, गुप्त गोदावरी, पंपापुर, हनुमान धारा आदि स्थलों का भ्रमण भी कर सकते हैं। आप चित्रकूट के अलावा मैहर की सैर का प्लान बना सकते हैं। मैहर जिले का एक प्रसिद्ध स्थल है, जहां देखने योग्य कई पर्यटन स्थल मौजूद हैं, जिनमें शारदा मंदिर, त्रिकूट हिल्स आदि शामिल हैं। आप सतना में माधवगढ़ फोर्ट, वेंकटेश मंदिर, जगत देवी तालाब आदि स्थलों का भ्रमण भी कर सकते हैं। इसके अलावा यहां के पारंपरिक व्यजंनों का लुत्फ भी उठा सकते हैं।
आने का सही समय
ग्रीष्मकाल के दौरान यह स्थल काफी ज्यादा उष्मा ग्रहण करता है, इसलिए आप यहां मॉनसून के बाद का प्लान बना सकते हैं। यहां आने की आदर्श समय अक्टूबर से लेकर फरवरी के मध्य का है, इस दौरान यहां का मौसम काफी अनुकूल और खुशनुमा रहता है, और आप आराम से यहां के स्थलों की सैर का आनंद ले सकते हैं। इस बीच यहां की प्राकृतिक खूबसूरती भी देखने लायक होती है।
क्यों आएं सतना ?
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सतना की यात्रा आपके लिए कई मायनों में खास हो सकती है। यह स्थल इतिहास और कला-संस्कृति में दिलचस्पी रखने वालों के लिए काफी खास माना जाता है, जहां आप पौराणिक काल से लेकर मध्यकाल से संबंध रखने वाले स्थलों को देख सकते हैं। एक पारिवारिक यात्रा के लिए सतना एक उपयुक्त स्थल है। अगर आप फोटोग्राफी का शौक रखते हैं, तो यहां के शानदार दृश्यों को अपने कैमरे में उतार सकते हैं। आत्मिक और मानसिक शांति के लिए आप यहां आध्यात्मिक स्थलों पर जा सकते हैं। एक शानदार अवकाश के लिए सतना एक आदर्श विकल्प है, जहां का प्लान काफी कम बजट में बनाया जा सकता है। आप सतना के साथ आसपास के प्रसिद्ध स्थल खजुराहो और जलबपुर जैसे स्थलों का भी भ्रमण कर सकते हैं।
कैसे करें प्रवेश
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सतना आप परिवहन के तीनों साधनों की मदद से पहुंच सकते हैं। सतना का अपना हवाईअड्डा भी है, जहां से आप भारत के बड़े शहरों के लिए फ्लाइट्स ले सकते हैं। रेल मार्ग के लिए आप सतना जंक्शन का सहारा ले सकते हैं। अगर आप चाहें तो यहां सड़क मार्गों से भी पहुंच सकते हैं। बेहतर सड़क मार्गों से सतना राज्य के कई बड़े शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।