उत्तराखंड का ऋषिकेश यूं तो अपने पौराणिक मान्यताओं के लिए जाना जाता है। लेकिन यहां की खूबसूरती व शांत वातावरण लोगों को काफी आकर्षित करती है, जिसके चलते लोग यहां खींचे चले आते हैं। अधिकतर, जब भी आपने ऋषिकेश का नाम सुना होगा, तब आपके मन में सबसे पहले राम-लक्ष्मण झूले का ख्याल आया होगा। लेकिन आज हम आपको यहां की असली खूबसूरती के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बाद आप जब भी यहां आएंगे। इस स्थान पर जरूर जाएंगे।
वैसे तो ऋषिकेश में झरनों की कमी नहीं है लेकिन यहां का पटना वाटरफॉल बेहद आकर्षक है। हालांकि, यहां पहुंचने के लिए आपको थोड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी लेकिन हम दावे के साथ कह सकते हैं कि झरने के पास पहुंचने पर आपकी सारी थकान दूर हो जाएगी। जी हां, हम बात कर रहे हैं पटना वाटरफॉल की, जो ऋषिकेश के पर्यटन में चार-चांद लगा देता है। तो आइए, आपको बताते हैं कि यहां कैसे पहुंचे?
झरने तक पहुंचने के लिए पर्यटकों को राजाजी राष्ट्रीय उद्यान से होते हुए करीब एक किलोमीटर का ट्रेक करना पड़ता है। इस झरने के पास में ही एक गांव स्थित है, जिसका नाम पटना गांव है। इसी के नाम पर इस झरने का नाम पटना वाटरफॉल पड़ा। यह गांव चूना पत्थर की गुफाओं के लिए जाना जाता है। मानसून के दौरान ये झरना एकदम हरा-भरा हो जाता है। हरियाली में विलीन इस झरने की प्राकृतिक खूबसूरती देखने लायक बनती है।
पटना वाटरफॉल के अलावा यहां राम झूला, लक्ष्मण झूला, त्रिवेणी घाट व गंगा आरती का लुत्फ उठा सकते हैं। इसके साथ ही अगर एडवेंचर के दीवाने हैं तो आप यहां रिवर राफ्टिंग व जंपिग हाइट जैसे स्पोर्ट्स का आनंद भी ले सकते हैं। अगर आप धार्मिक प्रवृत्ति के व्यक्ति हैं तो आपके लिए यहां कई ऋषियों के आश्रम भी मौजूद है, जहां जाकर आप शांति व सुकून देने वाले वातावरण में जाकर कुछ पल बिता सकते हैं।
कैसे पहुंचें पटना वाटरफॉल
यहां का नजदीकी रेलवे स्टेशन ऋषिकेश रेलवे स्टेशन है, जो यहां से करीब 13 किलोमीटर दूर स्थित है। वहीं, यहां का करीबी हवाई अड्डा जॉली ग्रांट एयरपोर्ट है, जो पटना वाटरफॉल से करीब 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। वहीं, यहां टैक्सी लेकर भी पहुंचा जा सकता है, जो आपको आसानी से मिल जाएगी।