यूं तो भारत में घूमने वाले स्थानों की कमी नहीं है। यहां का कोई ऐसा राज्य या जिला नहीं होगा, जिसका कोई धार्मिक या ऐतिहासिक महत्व ना हो। ऐसे में जब भी परिवार या दोस्तों के साथ कहीं घूमने जाने की बात होती है तो हम कन्फ्यूज हो जाते हैं कि आखिर कहां जाएं। जहां इस भागम-भाग वाली जिंदगी से थोड़ी राहत मिल सकें। अब दिमाग में एक ही ख्याल आता है या तो कश्मीर चलें या तो मनाली या तो शिमला। इसका कारण भी है, क्योंकि बचपन से हम इन्हीं नामों को सुनते आए हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि इन जगहों के आसपास ही कई ऐसी खूबसूरत व प्राकृतिक सुंदरता से भरी हुई जगहें मौजूद है, जहां जाकर एकदम स्वर्ग जैसा अनुभव किया जा सकता है। तो आइए, हम आपको बताते हैं, कुछ ऐसी ही जगहों के बारे में, जहां जाकर एक बार तो आप हमें याद जरूर करेंगे कि हमने आपको इन शानदार डेस्टिनेशन्स के बारे में बताया।
लामायुरु / मूनलैंड
लामायुरु, भारत के लेह में स्थित एक गांव है। यहां देश का प्रसिद्ध लामायुरु मठ स्थित है, जो बौद्ध धर्म के प्रतीक के रूप में जाना जाता है। यह अपने चांद जैसे अद्भुत छटा के लिए जाना जाता है। यहां आप जुलाई महीने के मध्य से जा सकते हैं। उस वक्त का सड़कों के किनारे पर जमा बर्फ का शानदार नजारा आपको जन्नत की तरह लगेगा।
बेताब वैली
बेताब वैली, मनमोहक दृध्य व खूबसूरत वादियों का संगम है। यहां का वातावरण, घाटियां व झीलें मन को तृप्त करने के साथ ही पर्यटकों को काफी प्रभावित भी करती है। इसके नामकरण की कहानी बॉलीवुड के एक फिल्म से जुड़ी हुई है, जिसका नाम है - बेताब। ये हसीन वादियां अनंतनाग जिले में स्थित है, जो पहलगाम से करीब 15 किलोमीटर की दूरी पर है। यह घाटी हरे-भरे घास के मैदानों और बर्फीली चोटियों से घिरी हुई है।
हेब्बे फॉल्स
हेब्बे फॉल्स, कर्नाटक के चिकमंग्लूर जिले के केम्मनगुंडी के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है। कॉफी के खेतों के बीच स्थित यह फॉल करीब 168 मीटर की ऊंचाई से गिरता है, जिसका नजारा बेहद शानदार होता है। कहा जाता है कि यहां के पानी में औषधीय गुण पाए जाते हैं, जो त्वचा रोग व सर्दी-जुकाम जैसी बीमारियों के लिए रामबाण का काम करते हैं।
ब्लैक सैंड बीच, वर्कला
ब्लैक सैंड बीच, केरला के प्रसिद्ध शहर वर्कला में स्थित है। यहां का शानदार केरल को और भी खूबसूरत बनाता है। यहां के रेत काले दिखाई देते हैं। इसका मुख्य कारण है कि इन रेतों में मैग्नेटाइट की मात्रा की अधिकता होना। यहां मानसून को छोड़ किसी भी मौसम में जाया जा सकता है।
बेलुर
बेलुर, कर्नाटक में स्थित एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। हसन जिले में स्थित इस स्थल को मंदिरों का शहर भी कहा जाता है, जो बैंगलोर से 220 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यागची नदी के किनारे बसे हुए इस शहर को 'दक्षिण का काशी' भी कहा जाता है। यहां का सबसे प्रसिद्ध व खूबसूरत मंदिर चेन्ना केशवा मंदिर है, जो भगवान विष्णु को समर्पित है। सर्दियों के मौसम में यहां की यात्रा काफी अच्छी मानी जाती है।
पूगा वैली
पूगा घाटी, लद्दाख के चंगथांग में स्थित एक बेहद ही खूबसूरत जगह है, जो एडवेंचर के लिए काफी प्रसिद्ध है। यहां बोरेक्स और सल्फर से निर्मित गर्म पानी के कुंड पाए जाते हैं, जिसके चलते ये घाटी चर्चा का केंद्र बनी रहती है। यहां आपको कर्जोक और गर्म पानी के कुंड देखने को मिल जाएंगी। यहां आपको चारों तरफ बर्फ जैसा दिखाई देगा, लेकिन ये बर्फ नहीं होता। दरअसल, यहां पर नमक की मात्रा इतनी ज्यादा होती है कि वो दूर से देखने पर बर्फ की सफेद चादर की तरह प्रतीत होती है। यहां आने के लिए जून व जुलाई का महीना काफी अच्छा माना जाता है।
त्सो कार झील
त्सो कार झील, लद्दाख के चांगथंग क्षेत्र में स्थित एक खारे पानी की झील है, जो लद्दाख के सबसे ऊंचे झीलों में से एक है। यहां घूमने से पहले अपना ऑक्सीजन लेवल जरूर चेक कर लें। इसके साथ ही जरूरी दवाईयां भी रख लें। यहां आपको काले गर्दन वाले सारस पक्षी दिखाई देंगे। इसके अलावा पक्षियों की और भी प्रजातियां यहां देखी जा सकती है। यह लेह से करीब 150 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां आने का सही समय मई से लेकर अगस्त तक का है।