जम्मू-कश्मीर के राज्य में कश्मीर की घाटी यात्रियों को सबसे ज़्यादा आकर्षित करती है. यह टूरिस्टों के आकर्षण का केंद्र होने के साथ साथ तीर्थस्थल भी है और रोमांच पसंद करने वालों का स्वर्ग भी। यहाँ पर यात्रा के लिए बहुत सारी जगहों में से एक, हम आपको यहाँ के शेषनाग झील के बारे में बताते हैं जो कश्मीर की घाटियों में बसे अनंतनाग जिले में मुख्य आकर्षण का केंद्र है।
शेषनाग झील
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शेषनाग झील हिंदुओं में सबसे ज़्यादा प्रसिद्ध अमरनाथ की यात्रा(तीर्थयात्रा) के दौरान बीच में ही पड़ता है। यह पहलगाम से कम से कम 23 किलोमीटर की दूरी पर है। अमरनाथ तीर्थयात्री पहले शेषनाग झील पर जाते हैं फिर वहाँ से अपनी यात्रा को आगे बढ़ाते हैं। इस लेक पर ट्रेक मार्ग से ही जाना आसान है।
एक प्राचीन कथा के अनुसार, कहा जाता है की भगवान शिव जी ने देवी पार्वती से अनंत जीवन की बातें करते करते शेषनाग को यहीं पर छोड़ दिया था। दूसरी कल्पित कथा यह है की शेषनाग ने खुद ही इस जगह की स्थापना की और यहाँ रहने लगे। वहाँ के निवासियों का तो कहना है कि शेषनाग अभी भी वहाँ रहते हैं।
चारों ओर पहाड़ों से घिरा शेषनाग झील
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शेषनाग कौन है?
शेषनाग साँपों का राजा और भगवान विष्णु जी का सिंहासन है। सारे भक्तगण अमरनाथ के शिवमंदिर जाने से पहले इस धार्मिक स्थल पर ज़रूर ही आते हैं। शेषनाग से 20 किलोमीटर की दूरी पर अमरनाथ की गुफा सबसे ज़्यादा प्रसिद्ध है जहाँ शिवलिंग के बर्फ़ीले रूप के दर्शन होते हैं।
विज्ञान के अनुसार यह झील बहुत ही उँचाई(अल्पपोशी है) पर स्थित है। अल्पपोशी का मतलब होता है कम पोशकतत्वों का होना जिससे ऑक्सिजन में बढ़ोत्तरी होती है, जिसकी वजह से पानी बहुत ही साफ और काफ़ी उपयोगी होता है। पानी में रहने वाले कुछ जीव जैसे कि ट्राउट मछलियाँ जिन्हें ऑक्सिजन की सबसे ज़्यादा ज़रूरत होती है, वे इस अल्पपोषी झील में रहती हैं। शेषनाग झील अपने चारों ओर के पहाड़ों की पिघली हुई बर्फ से भरी पड़ी है। आगे जाकर यह पहलगाम घाटी की लीडर नदी से जुड़ती है।
अमरनाथ की गुफ़ा
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शेषनाग झील कैसे पहुँचें?
शेषनाग झील श्रीनगर से लगभग 120 किलोमीटर की दूरी पर है और पहलगाम से 23 किलोमीटर की दूरी पर। चंदनवारी तक सड़क के रास्ते से जाना आसान होगा पर उसके बाद 7 किलोमीटर की दूरी, ट्रेकिंग करके ही पूरी करनी होगी। जो ट्रेकिंग नहीं कर सकते वे घुड़सवारी कर यहाँ तक जा सकते हैं।
क्लिक: कश्मीर कैसे पहुँचें?
शेषनाग झील के लिए ट्रेकिंग का रास्ता
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शेषनाग झील की यात्रा के लिए सबसे अच्छा मौसम:
ट्रेकिंग का रास्ता जून के महीने से खोला जाता है जो सितंबर के महीने तक खुला रहता है। इस समय के बाद यहाँ भारी बर्फ़बारी होती है और झील ठंड के मौसम में पूरी जम जाती है।
प्रकृति के ऐसे चमत्कारी शानदार जगह की यात्रा आसान नहीं होती है। शेषनाग झील और अमरनाथ की गुफ़ाओं की यात्रा आपकी एक सार्थक यात्रा होगी।
अँग्रेज़ी में पढ़ने के लिए: Have You visited Sheshnag Lake?