शिलांग भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य मेघालय की राजधानी है। भारत के पूर्वोत्तर में बसा शिलांग हमेशा से पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र रहा है। इसे भारत के पूरब का स्कॉटलैण्ड भी कहा जाता है। पहाड़ियों पर बसा छोटा और खूबसूरत शहर पहले असम की राजधानी था। ज्ञात हो कि असम के विभाजन के बाद मेघालय बना और शिलांग वहां की राजधानी। लगभग 1695 मीटर की ऊंचाई पर बसे इस शहर में मौसम हमेशा सुहावना बना रहता है। Must Read : मैग्नेटिक हिल का आश्चर्य में डाल देने वाला रहस्य
मानसून के दौरान जब यहां बारिश होती है, तो पूरे शहर की खूबसूरती और निखर जाती है और शिलांग के चारों तरफ के झरने जीवंत हो उठते है।
शिलांग के आसपास के पर्यटन स्थल
गौरतलब है कि शिलांग एक छोटा-सा शहर है जिसे आने वाले पर्यटक पैदल घूमकर भी देख सकते हैं। यदि पर्यटक चाहें तो अपनी सुविधा के अनुसार सिटी बस या दिनभर के लिए ऑटो या टैक्सी किराए पर लेकर भी शिलांग घूमा जा सकता है।
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आपको बताते चलें कि शिलांग और उसके आसपास अनेक दर्शनीय स्थल है जैसे- शिलांग पीक, लेडी हैदरी पार्क, कैलांग रॉक, वार्डस झील, मीठा झरना, हाथी झरना तो अपनी शिलांग यात्रा पर आप इन स्थानों का भ्रमण करना बिल्कुल न भूलें। आइये जानें शिलांग में क्या क्या देख सकते हैं आप।
कैसे पहुंचें शिलांग
यहां जाने के लिए हवाई जहाज उत्तम माध्यम है। शिलांग से 40 किलोमीटर की दूरी पर उमरोई हवाई-अड्डा है। कोलकाता और गुवाहाटी से यहां के लिए सीधी उड़ानें है। दिल्ली से कोलकाता और गुवाहाटी के लिए सीधी उड़ानें है। मेघालय में रेल लाइनें नहीं है। गुवाहाटी यहां का निकटतम रेलवे स्टेशन है, जो शिलांग से 104 किलोमीटर दूर है। यहां से शिलांग पहुंचने में लगभग साढ़े तीन घन्टे लगते हैं। गुवाहाटी तक रेल के माध्यम से पहुंचा जा सकता है।
दिल्ली से गुवाहाटी पहुंचने के लिए राजधानी समेत कई रेलगाड़ियां हैं। गुवाहाटी से असम परिवहन निगम और मेघालय परिवहन निगम की बसें शिलांग से हर आधे घन्टे में चलती हैं। आप चाहें तो टैक्सी भी कर सकते हैं।
उमियाम झील
उमियाम झील जो बारापानी के नाम से भी जानी जाती है, मेघालय के री भोई जिले के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है। उमियाम नदी के ऊपर जल-विद्युत उत्पादन के लिए बनाए गए बांध के कारण 1960 में इस झील को बनाया गया। आज, यह झील अपने वाटर स्पॉट्स और साहसिक खेलों के कारण एक उत्कृष्ट पर्यटन स्थल के रुप में कार्य करती है।
शिलांग गोल्फ कोर्स
आप अपने शिलांग टूर की शुरुआत शिलांग गोल्फ कोर्स से कर सकते हैं। गौरतलब है कि 20 वीं शताब्दी तक शिलांग असम की राजधानी था, अतः आपको इस स्थान को देखने के बाद यहां ब्रिटिश वास्तु की भी झलक देखने को मिलेगी। शिलांग में इस गोल्फ कोर्स की स्थापना 1898 में हुई की इस गोल्फ कोर्सका शुमार भारत के 3 सबसे पुराने गोल्फ़ कोर्सों मेँ है।
शिलांग कैथेड्रल
शिलांग गोल्फ कोर्स से निकलने के बाद आपका अगला पड़ाव शिलांग कैथेड्रल है। आपको बता दें कि नीले रंग का ये कैथेड्रल पूरे पूर्वोत्तर भारत क सबसे बड़ा कैथेड्रल है।
शिलांग पीक
यह शिलांग का सबसे ऊंचा प्वाइंट है। इसकी ऊंचाई 1965 मीटर है। यहां से पूरे शहर का विहंगम नजारा देखा जा सकता है। रात के समय यहां से पूरे शहर की लाईट असंख्य तारों जैसी चमकती है।
हाथी झरना
यह ऊपरी शिलांग में स्थित है, जहां वायुसेना का पूर्वी वायु कमान भी है। यहां कई छोटे- छोटे झरने एक साथ गिरते हैं। यहां एक छोटे से रास्ते के सहारे झरने के नीचे भी जाया जा सकता है, जहां एक छोटी झील बनी हुई है।
झील
शहर के पुलिस बाजार से लेडी हैदरी पार्क और वार्डस झील कुछ ही दूर हैं। यदि आपको वार्डस झील पहुँचना हैं तो आप शहर के बड़ा बाज़ार से यहां जा सकते हैं। बड़ा बाज़ार से वार्डस झील की दूरी चंद ही कदम है। वार्डस झील, एक कृत्रिम झील है जो घने जंगलों से घिरी है। हमारा सुझाव है कि यहां आने के बाद आप बोटिंग का आनंद अवश्य लें।
पूर्वोत्तर की संस्कृति के लिये डॉन बोस्को संग्रहालय
शहर के बीचों बीच और पुलिस बाज़ार से चंद ही कदम दूर है डॉन बोस्को संग्रहालय। ये वो स्थान है जहां आपको पूरे पूर्वोत्तर की संस्कृति की झलक एक ही छत के नीचे देखने को मिल जायगी। इस स्थान पर आपको पोशाक, हथियार, अलंकरण और दुर्लभ तस्वीरों का अद्भुत संग्रह देखने को मिलेगा।
झरने
शिलांग को झरनों क भी शहर कहा जा सकता है यहां मीठा झरना और हाथी झरना मस्ट सी स्थान हैँ। यहां के हैप्पी वैली में स्थित मीठा झरना बहुत ऊंचा और बिलकुल सीधा है। मॉनसून में इसकी खूबसूरती देखते ही बनती है। जबकि ऊपरी शिलांग में स्थित हाथी झरना वायुसेना का पूर्वी वायु कमान भी है। यहां कई छोटे- छोटे झरने एक साथ गिरते हैं। यहां एक छोटे से रास्ते के सहारे झरने के नीचे भी जाया जा सकता है, जहां एक छोटी झील बनी हुई है।
चेरापूँजी
मेघालय को चेरापूँजी के कारण पूरे विश्व में जाना जाता है। जब चेरापूँजी पृथ्वी पर सबसे नम स्थान होता है तो बहुत ही सम्मोहक होता है। लहरदार पहाड़, कई झरने, बांग्लादेश के मैदानों का पूरा दृश्य और स्थानीय जनजातीय जीवनशैली की एक झलक चेरापूँजी की आपकी यात्रा को यादगार बनाते हैं।