भारत का पूर्वोत्तर भाग प्राकृतिक सौंदर्यता और लोक संस्कृति के मामले में काफी उन्नत माना जाता है। सात बहनों के नाम से मशहूर यहां के राज्य (असम, नागालैंड, त्रिपुरा, मणिपुर, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और मेघालय ) शुरू से ही देश-विदेश के पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर खींचते रहे हैं। हरी-भरी पहाड़ियों और नदी घाटी से भरा ये भू-भाग भारत के लिए किसी तोहफे से कम नहीं।
दूर दराज से सैलानी यहां की अनमोल खूबसूरती का आनंद लेने के लिए यहां तक का सफर करते हैं। आज के खास लेख में हम असम के एक खूबसूरत शहर सिलचर की बात करेंगे, जानेंगे पर्यटन के लिहाज से यह शानदार प्राकृतिक कोना आपके लिए कितना खास है।
क्यों आएं सिलचर ?
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सिलचर असम का एक खूबसूरत शहर है जो राज्य के काछाड़ जिले के अंतर्गत आता है। यहां की मुख्य भाषा सिलेटी और बंगाली है। यह शहर बराक नदी के किनारे बसा है, जहां से शहर का दृश्य काफी मनोरम दिखाई पड़ता है। इस शहर में कभी भारत की तत्कालीन महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का आगमन हुआ था, जिन्होंने यहां के शांत वातावरण के कारण इसे 'शांति का द्वीप' नाम दिया। सिलचर राज्य का काफी लोकप्रिय शहर है जहां सैलानी आना बेहद पसंद करते हैं।
यहां का मौसम अपेक्षाकृत काफी सुहावना रहता है। आप यहां साल के किसी भी माह आ सकते हैं। आगे जानिए यहां के प्रमुख दर्शनीय स्थलों के बारे में।
माइबोंग
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सिलचर स्थित माइबोंग एक ऐतिहासिक स्थल है, जो कभी कछारी साम्राज्य का राजधानी केंद्र हुआ करता था। कछारी राजाओं का यहां 16वीं से 18 शताब्दी के बीच शासन रहा। इस बीच उन्होंने यहां कई खूबसूरत संरचनाओं का निर्माण करवाया। सिलचर घूमने आए सैलानियों के मध्य माइबोंग काफी लोकप्रिय प्रयटन गंतव्य माना जाता है।
यहां की भौगोलिक संरचना, ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और वास्तुकला पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर खिंचती हैं। आप यहां कछारी साम्राज्य के खंडहर नुमा पड़े साक्ष्यों को देख सकते हैं। इसके अलावा ऐतिहासिक शैल आकृतियों और मुर्तियों को भी देख सकते हैं।
माइबोंग में रामचांदी मंदिर एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है, सिलचर की यात्रा के दौरान आप यहां के दर्शन कर सकते हैं। माइबोंग लगभग 355 मीटर की ऊंचाई पर बसा है।
हाजो
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माइबोंग की तरह हाजो भी एक ऐतिहासिक स्थल है, जो अपने धार्मिक महत्व के लिए ज्यादा जाना जाता है। यह सिलचर का वो स्थल है जो भारत के तीन धर्म ( हिन्दू, इस्लाम और बौद्ध) का एकसाथ प्रतिनिधित्व करता है। हाजो ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे बसा है एक खूबसूरत स्थल है, जहां आप अलग-अलग धर्मों के धार्मिक स्थल देख पाएंगे। यहां का सबसे प्रसिद्ध मंदिर हैग्रिवा माधव मंदिर है जो मोनिकट पहाड़ पर बसा है।
ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर का संबंध छठी शताब्दी से है। यह मंदिर हिन्दू धर्म के साथ-साथ बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए भी महत्व रखता है।
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खसपुर
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अगर आप असम की ऐतिहासिक लोक संस्कृति को करीब से देखना चाहते हैं तो आपको खासपुर की सैर जरूर करनी चाहिए। खसपुर सिलचर से लगभग 20 किमी की दूरी पर बसा है। खसपुर भी कभी कछारी राजाओं का राजधानी केंद्र हुआ करता था, जिसे कभी 1690 में बसाया गया था।
आप आज भी यहां कछारी साम्राज्य के अवशेषों को यहां देख सकते हैं। अल्प-विध्वंस संरचनाओं में आप यहां सूर्य दरवाजा और सिंह दरवाजा देख सकते हैं जो देश-विदेश से घूमने आए सैलानियों के मध्य काफी लोकप्रिय है।
जटिंगा
जटिंगा असम स्थित एक प्राकृतिक घाटी है, जो अपनी खूबसूरती के अलावा अपने रहस्यमय तथ्य के लिए ज्यादा जानी जाती है। इस घाटी को 'मौत की घाटी' भी कहा जाता है, लेकिन यहां मौत इंसानों से नहीं बल्कि पक्षियों से संबंधित है। माना जाता है कि यहां रात के समय पक्षी सामूहिक रूप से देह त्याग करते हैं। सुबह यहां की सड़कों पर आप पक्षियों के मृत शरीरों को देख सकते हैं।
अबतक इस बात की सटीक जानकारी नहीं लग सकी है कि आखिर इन मौतों की वजह क्या है। कहते हैं यहां पक्षी समूह में उड़ते हुए आते हैं और पेड़ या दीवार से टकराकर जान दे देते हैं। यह तथ्य इस घाटी को काफी ज्यादा रहस्यमयी बना देता है।
कछारी किला
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कच्छरी किला सिलचर से लगभग 20 किमी की दूरी पर खसपुर में स्थित है, जो कभी कच्छरी साम्राज्य का राजधानी शहर हुआ करता था। यह किला कछारी साम्राज्य का एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्मारक है जो बीते युग की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का सबूत है। यहां की बची हुईं एतिहासिक संरचनाएं गैर-आर्य संस्कृति की झलक को बखूबी दर्शती हैं। 18 वीं शताब्दी के दौरान, कछ राजा की मृत्यु के बाद खसपुर कछारी साम्राज्य का हिस्सा बना।
खसपुर पर कब्जा करने के बाद खसपुर को कछारी साम्राज्य की राजधानी का दर्जा दिया गया और जिसके बाद यहां कछारी किले का निर्माण करवाया गया था। कछारी संरचनाओं को समझने के लिए आप यहां की सैर का प्लान बना सकते हैं।
कैसे करें प्रवेश
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सिलचर आप तीनों मार्गों के द्वारा पहुंच सकते हैं। सिलचर हवाई (कुंभी ग्राम एयरपोर्ट) और रेल मार्गों (सिलचर रेलवे स्टेशन) द्वारा भारत के बड़े शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। आप चाहें तो यहां सड़क मार्गों के द्वारा भी सिलचर पहुंच सकते हैं।
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